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यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष राजेश वर्मा बोले, अब शिकायतों का समय से होगा निस्तारण - UP Backward Classes Commission

बैठक में पिछले फैसलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और भविष्य के निर्णयों पर चर्चा की गई. बैठक के एजेन्डा में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें हिन्दू दर्जी, सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग क्रमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने निर्णय लिया कि उपजाति/उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसलिए प्रतिवेदनकर्ता के अनुरोध को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया.

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यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष राजेश वर्मा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 5:41 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को इंदिरा भवन, लखनऊ में आयोग की मासिक बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के तहत पिछड़े वर्गों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा में आयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पिछड़े वर्ग के लोगों को आयोग से बहुत उम्मीदें हैं और हम इन उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे.

अध्यक्ष ने कहा कि शिकायतों और आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हमारी प्राथमिकता होगी. आयोग के कार्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी भी जिले में किसी प्रकार की कठिनाई न हो. उन्होंने सभी शिकायतों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े.

कहा कि आयोग का उद्देश्य सिर्फ शिकायतों का समाधान करना नहीं है, बल्कि पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाना भी है. आयोग समय-समय पर पिछड़े वर्गों की सूची का पुनरीक्षण करेगा, ताकि नए वर्गों को सम्मिलित किया जा सके और जो वर्ग अब पिछड़े नहीं रहे उन्हें सूची से हटाया जा सके. इस दिशा में आयोग लगातार सिफारिशें करेगा और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करेगा.

बैठक में पिछले फैसलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और भविष्य के निर्णयों पर चर्चा की गई. बैठक के एजेन्डा में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें हिन्दू दर्जी, सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग क्रमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने निर्णय लिया कि उपजाति/उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसलिए प्रतिवेदनकर्ता के अनुरोध को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया.

लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने इसे सही नहीं पाया और सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. शिववीर सिंह और अन्य के प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए आयोग ने पिछली संस्तुतियों को यथावत लागू करने का निर्णय लिया और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पुनर्विचार के लिए पहले से की गई सिफारिशें लागू करने का निर्देश दिया.

कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण शक्तियां दी गई हैं. आयोग का कार्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं की जांच करना, उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं का निरीक्षण और मूल्यांकन करना और समय-समय पर राज्य सरकार को सलाह देना है. आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार से पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए.

बैठक में सदस्यों ने अपनी राय व्यक्त की और उनके सुझावों पर उच्चस्तरीय विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया गया. आयोग ने यह स्पष्ट किया कि पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः पति ने शराब के लिए बेच दी पायल, तो गुस्साई पत्नी ने गला घोटकर मार डाला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को इंदिरा भवन, लखनऊ में आयोग की मासिक बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के तहत पिछड़े वर्गों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा में आयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पिछड़े वर्ग के लोगों को आयोग से बहुत उम्मीदें हैं और हम इन उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे.

अध्यक्ष ने कहा कि शिकायतों और आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हमारी प्राथमिकता होगी. आयोग के कार्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी भी जिले में किसी प्रकार की कठिनाई न हो. उन्होंने सभी शिकायतों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े.

कहा कि आयोग का उद्देश्य सिर्फ शिकायतों का समाधान करना नहीं है, बल्कि पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाना भी है. आयोग समय-समय पर पिछड़े वर्गों की सूची का पुनरीक्षण करेगा, ताकि नए वर्गों को सम्मिलित किया जा सके और जो वर्ग अब पिछड़े नहीं रहे उन्हें सूची से हटाया जा सके. इस दिशा में आयोग लगातार सिफारिशें करेगा और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करेगा.

बैठक में पिछले फैसलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और भविष्य के निर्णयों पर चर्चा की गई. बैठक के एजेन्डा में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें हिन्दू दर्जी, सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग क्रमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने निर्णय लिया कि उपजाति/उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसलिए प्रतिवेदनकर्ता के अनुरोध को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया.

लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने इसे सही नहीं पाया और सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. शिववीर सिंह और अन्य के प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए आयोग ने पिछली संस्तुतियों को यथावत लागू करने का निर्णय लिया और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पुनर्विचार के लिए पहले से की गई सिफारिशें लागू करने का निर्देश दिया.

कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण शक्तियां दी गई हैं. आयोग का कार्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं की जांच करना, उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं का निरीक्षण और मूल्यांकन करना और समय-समय पर राज्य सरकार को सलाह देना है. आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार से पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए.

बैठक में सदस्यों ने अपनी राय व्यक्त की और उनके सुझावों पर उच्चस्तरीय विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया गया. आयोग ने यह स्पष्ट किया कि पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.

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