लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शुक्रवार को जल जीवन मिशन की 'हर घर नल से जल' योजना की समीक्षा की. मुख्य सचिव ने योजना की प्रगति पर खुशी जाहिर की और उन्होंने कहा कि 80% का लक्ष्य जिस तरह से उत्तर प्रदेश ने बहुत तेज गति से प्राप्त किया है, इसी तरह से आगे शत प्रतिशत लक्ष्य को भी प्रदेश हासिल कर लेगा. उन्होंने इसको लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने यूपी के गांवों में घर तक नल से जल पहुंचाने की प्रगति के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की और जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश की प्रगति इस दिशा में बहुत ही अच्छी है. उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 2.12 करोड़ ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन दे दिये गए हैं, जबकि जल जीवन मिशन के तहत यह लक्ष्य 2.65 करोड़ का है. उन्होंने कहा कि 100% लक्ष्य प्राप्त करके प्रदेश के हर गांव को हर घर नल से जल योजना से संतृप्त किया जाये.
उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा जाए कि अगर ग्रामीणों को किसी भी तरह की तकलीफ हो रही है तो उसकी तत्काल निदान किया जाए, वह चाहें रोड कटिंग की हो या बेहतर सप्लाई न होने की. इसके साथ ही ग्रामीणों को जल संरक्षण की दिशा में भी जागरूक किया जाए. नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए मुख्य सचिव को उत्तर प्रदेश में हर घर नल से जल योजना की प्रगति से अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अधिकांश राज्यों से आगे निकल चुका है. देश में सबसे अधिक नल कनेक्शन उत्तर प्रदेश ने ही ग्रामीणों को दिए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में न केवल नल लगा कर जलापूर्ति की जा रही है, बल्कि ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है, जिसके लिए अनेक जागरूकता कार्यक्रम हर आयु वर्ग के लिए चलाए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि समस्याओं के होने की दशा में कई प्लेटफार्म के जरिए लोगों की शिकायतें सुनकर त्वरित समाधान किया जा रहा है. टोल फ्री नंबर, वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समय के भीतर समाधान कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमने रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराए हैं. प्लंबर पंप ऑपरेटर और टंकी की सुरक्षा करने के लिए ग्रामीणों को कर्मचारियों के तौर पर अच्छा मानदेय दिया जा रहा है. अपने ही गांव में रहकर लोग रोजगार पा रहे हैं.