आगरा: केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सोमवार को सपा और कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ईडी (ED) या अन्य सुरक्षा एजेंसियां की कार्रवाई से देश के लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं हैं. संवैधानिक संस्थाओं को कोई खतरा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बेईमान लोग जब अपने गिरेबान में झांकते हैं तो, उन्हें खुद के किए अहसास होता है तो, उन्हें खतरा नजर आता है. आज देखा जाए तो विपक्ष में भय, भगदड़ और भ्रम की स्थिति है. जिससे हालात ऐसे हो रहे हैं कि आगरा की नहीं, तमाम अन्य लोकसभा सीटों पर विपक्षी दलों को प्रत्याशी तक नहीं मिले रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि पार्टियों को प्रत्याशियों के लिए निविदा तक निकालनी पड़ सकती हैं. यह बातें केंद्रीय कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए बघेल ने कही.
ED की चार्जशीट और पर्चे से कोर्ट नहीं दे रहा जमानत
बघेल ने कहा कि ED के एक्शन से जो जेल गए या जेल जाने वाले हैं. वे लोग इसे खुद आंकलन करें. क्या, जब उनकी पार्टी बनी थी तो, पार्टी की आर्थिक स्थिति यही थी. क्या पार्टी का इतना फंड था. जब वे राजनीति में आए थे तो, उनकी आर्थिक स्थित यही थी. इस सब मामलों में सर्वोच्च न्यायालय सबसे उपर है. अगर ईडी कोई चार्जशीट लगाती है, या कार्रवाई करती है तो न्यायालय में सुनवाई हो सकती है. यहीं, वजह है कि ईडी की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी के जेल गए. डिप्टी सीएम और अन्य नेताओं की बेल नहीं होने की वजह भी यही है. क्योंकि, ईडी की चार्जशीट या पर्चों में वो एविडेंस हैं. जिसके आधार पर न्यायालय जेल देने के लिए तैयार नहीं हैं.
विपक्ष में भय, भगदड़ और भ्रम की स्थिति
प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में तीन शब्द तैर रहे हैं. ये शब्द भय, भगदड़ और भ्रम हैं. भय ये है कि, टिकट मिल गई तो उससे कुछ होना ही नहीं है. जिससे पार्टियों में भगदड़ मची हुई है. जिससे लोग भाजपा का ज्वॉइन कर रहे हैं. भ्रम ये है कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बन रही है. इसलिए सभी पार्टी के पदाधिकारी और नेता भ्रम की स्थिति हैं. इसलिए, विपक्ष की आपसी सहमति नहीं बन पा रही है.
जनता को कालिदास ना समझें राहुल और अखिलेश
केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि चाणक्य ने बहुत पहले कहा था कि यदि कोई राजा बहुत लोकप्रिय होगा. जैसे पीएम मोदी हैं. दुश्मन का दुश्मन हमारे दोस्त के सिद्धांत पर संधि होंगे या गठबंधन होंगे. इसलिए देश की जनता ने भी तय कर रखा है कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव हमें कालीदास ना समझें. जिस पेड़ पर बैठकर हम फल का खा रहे हैं. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. उन सरकार को हटाएंगे. बल्कि, फिर से उसकी सरकार बनाएंगे.
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