पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश विभाजन के वक्त अगर पंडित नेहरू हिंदुओं को भारत ले आए होते और मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया जाता, तो आज देश की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता. बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू शुरुआत से प्रतिकार करना सीख लिए होते तो देश की स्थिति ऐसी नहीं होती.
पंडित नेहरु पर क्या बोले गिरिराज सिंह?: गिरिराज सिंह ने कहा कि सीमांचल के चारों जिले किशनगंज ,पूर्णिया, अररिया और कटिहार में बड़ी संख्या में डेमोग्राफी बदल रही है. इसको लेकर हिन्दू संगठनों के साथ उनकी बड़ी बैठक होगी. इन जिलों में बड़ी तेजी से आबादी बढ़ रही है, जिससे स्थिति बिगड़ रही है. जब तक देश में सनातनियों का बहुमत है तभी तक लोकतंत्र भी सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि देश विभाजन के वक्त अगर पंडित नेहरू हिंदुओं को भारत ले आए होते और मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया जाता, तो आज देश की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता.
"बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू शुरुआत से प्रतिकार करना सीख लिए होते तो देश की स्थिति ऐसी नहीं होती. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि देश में हमारा अस्तित्व खतरे में है और हिंदुओं की आबादी गिर गई है. कुछ ऐसे ही हालात पूर्वांचल और देश के दूसरे हिस्से में है."- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
'तुष्टिकरण की राजनीति के कारण बंटवारा': सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही 1947 में पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अलग हुआ और फिर बांग्लादेश बना. 1926 में शुद्धि आंदोलन के कारण हिन्दू स्वामी की हत्या मुसलमानों ने की थी और गांधी ने हत्यारे को अपना भाई कहा था.
अल्पसंख्यकों की आबादी पर गिरिराज सिंह का बयान: उन्होंने आगे कहा कि देश में तुष्टिकरण आज से नहीं मुस्लिम लीग की स्थापना 1905 में हुई, और तभी से चली आ रही है. इसके बाद भी मुस्लिम लीग के मुस्लिम कट्टर पंथियों ने कई हत्याएं की. इसी समय से तुष्टीकरण की नीति और भारत को गजवा ए हिंद बनाने की साजिश होती रही है. बंटवारे के समय भी योजनाबद्ध तरीके से मुसलमान को भारत में रोका गया. भारत में अब नारा लगता है लड़ के लिया पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान. जहां इनकी आबादी 10% से ऊपर जाती है सामाजिक हालात बिगड़ने लगते हैं.
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