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AAP दफ्तर के लिए जमीन आवंटित करने पर 25 जुलाई तक फैसला करे केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय- दिल्ली हाईकोर्ट - DELHI HIGH COURT AAP OFFICE

DELHI HIGH COURT AAP OFFICE: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से AAP दफ्तर के लिए अस्थायी जमीन आवंटन करने को लेकर 25 जुलाई तक फैसला करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 16, 2024, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी दफ्तर के लिए अस्थायी जमीन आवंटन की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 25 जुलाई तक फैसला लेने का निर्देश दिया. जस्टिस संजीव नरुला ने मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को करने का आदेश दिया. आज सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने कोर्ट से इस मामले पर फैसला करने के लिए चार हफ्ते का और समय देने की मांग की थी.

शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि वह इन दिनों सांसदों के आवास के आवंटन से जूझ रही है. इस पर आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट पहले ही छह हफ्ते का समय दे चुकी है. वह समय कल यानि 17 जुलाई को खत्म हो जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय को पर्याप्त समय दिया जा चुका है. चार हफ्ते का और समय नहीं दिया जा सकता है. आप 25 जुलाई तक फैसला कर लीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त तक पार्टी दफ्तर खाली करने का समय दिया है. इससे पहले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राऊज एवेन्यू कोर्ट का दफ्तर खाली करने के लिए 15 जून तक का समय दिया था.

ये भी पढ़ें: यमुना के पास अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश

बता दें कि 5 जून को इस मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली बीजेपी और केंद्रीय बीजेपी का अलग-अलग दफ्तर है. वहीं ऐसी भी पार्टी है जो राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है और उनको भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है. आम आदमी पार्टी ने कहा था कि प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में आवंटित हुआ था और दिल्ली सरकार ने इसको बाद में पार्टी ऑफिस के लिए आम आदमी पार्टी को आवंटित किया. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है. केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाईकोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था. लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया. मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है जहां भूमि उपलब्ध नहीं है.

मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उनका एक मंत्री 23-24, राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है. इस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और उनके अधिकार में नहीं आ जाता तब तक वे किसी को आवंटित कैसे कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Kejriwal Case Update: दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI को दिया नोटिस, 7 दिनों के भीतर मांगा जवाब; जानिए- क्या है अगली तारीख?

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी दफ्तर के लिए अस्थायी जमीन आवंटन की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 25 जुलाई तक फैसला लेने का निर्देश दिया. जस्टिस संजीव नरुला ने मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को करने का आदेश दिया. आज सुनवाई के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने कोर्ट से इस मामले पर फैसला करने के लिए चार हफ्ते का और समय देने की मांग की थी.

शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि वह इन दिनों सांसदों के आवास के आवंटन से जूझ रही है. इस पर आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट पहले ही छह हफ्ते का समय दे चुकी है. वह समय कल यानि 17 जुलाई को खत्म हो जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय को पर्याप्त समय दिया जा चुका है. चार हफ्ते का और समय नहीं दिया जा सकता है. आप 25 जुलाई तक फैसला कर लीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त तक पार्टी दफ्तर खाली करने का समय दिया है. इससे पहले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राऊज एवेन्यू कोर्ट का दफ्तर खाली करने के लिए 15 जून तक का समय दिया था.

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बता दें कि 5 जून को इस मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली बीजेपी और केंद्रीय बीजेपी का अलग-अलग दफ्तर है. वहीं ऐसी भी पार्टी है जो राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है और उनको भी दिल्ली में दफ्तर मिलता है. आम आदमी पार्टी ने कहा था कि प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में आवंटित हुआ था और दिल्ली सरकार ने इसको बाद में पार्टी ऑफिस के लिए आम आदमी पार्टी को आवंटित किया. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है. केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाईकोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था. लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया. मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है जहां भूमि उपलब्ध नहीं है.

मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उनका एक मंत्री 23-24, राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है. इस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और उनके अधिकार में नहीं आ जाता तब तक वे किसी को आवंटित कैसे कर सकते हैं.

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