जयपुर : इस बार के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा, वेतनभोगी वर्ग को 75,000 रुपये की अतिरिक्त राहत भी दी गई है. इस संदर्भ में टैक्स विशेषज्ञ और चार्टर्ड अकाउंटेंट महेंद्र मोदी का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लिए इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. महेंद्र मोदी के अनुसार, 12 लाख रुपए तक की आय पर प्रत्येक व्यक्ति और व्यापारी वर्ग को कम से कम 20,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलेगा. उन्होंने बताया कि नई और पुरानी टैक्स स्कीम में सभी वर्गों को लाभ होगा. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 24 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 1.10 लाख रुपए तक की टैक्स छूट का लाभ मिलेगा.
पुरानी और नई टैक्स स्कीम का लाभ : महेंद्र मोदी ने बताया कि पुरानी और नई स्कीम में करदाताओं को राहत मिलेगी. हालांकि, पुरानी स्कीम के तहत इस छूट का लाभ मिलेगा, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से नई स्कीम में भी यह लाभ 1.10 लाख रुपए तक होगा. इसके अलावा, सेल्फ ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के दायरे में इस बजट के तहत अब दो मकानों का प्रावधान किया गया है, जबकि पहले केवल एक मकान पर ही यह सुविधा उपलब्ध थी. चार्टर्ड अकाउंटेंट महेंद्र मोदी के अनुसार, पहले जब कोई व्यक्ति किराया देता था, तो 2.40 लाख रुपए से अधिक की राशि पर मकान मालिक को TDS कटौती का सामना करना पड़ता था. इस सीमा को अब बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया गया है, जिससे मकान मालिक को बिना TDS कटे पूरी राशि मिलेगी और किरायेदार को भी लाभ होगा.
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सीनियर सिटीजन के लिए राहत : सीनियर सिटीजन को मिलने वाले ब्याज की छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है. इसी तरह, सामान्य करदाताओं के लिए ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है. महेंद्र मोदी ने बताया कि इस बार के बजट में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए भी विशेष पहल की गई है. पहले महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से कोई लोन नहीं मिलता था और उनके लिए कोई स्पष्ट स्कीम नहीं थी. नई योजना के तहत महिलाओं और अनुसूचित जाति,जनजाति के उद्यमियों को पहले चरण में 5 लाख रुपए तक का लोन मिलेगा, जिसे बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए तक किया जा सकता है. बिना गारंटी के यह लोन प्रदान करने के लिए वित्त मंत्री ने अलग से प्रावधान किए हैं.
MSME और स्टार्टअप्स को राहत : महेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को पहले गारंटी स्कीम के तहत लोन मिलता था, जबकि स्टार्टअप्स को बिना गारंटी के 10 करोड़ रुपए तक का लोन उपलब्ध था. अब इन सीमाओं को दोगुना कर दिया गया है. MSME यूनिट्स की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है. पहले माइक्रो और स्मॉल यूनिट्स को 1 करोड़ रुपए तक का निवेश करने की अनुमति थी, जिसे अब 2.5 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया गया है. स्टार्टअप्स को लेकर भी सरकार ने 2030 तक टैक्स में विशेष राहत देने की घोषणा की है, जिससे नए व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा.
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मध्यम वर्ग को राहत : चार्टर्ड अकाउंटेंट गजेंद्र खंडेलवाल ने भी इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद बताया. उनके अनुसार, लंबे समय बाद ऐसा बजट पेश किया गया है, जिसमें मध्यम वर्ग को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है. खंडेलवाल के मुताबिक, बड़े लोन मिलेंगे, ज्यादा रिटर्न दाखिल होंगे और टैक्स की प्रक्रिया सरल होगी. इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और गैर-कानूनी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा. छोटे व्यापारियों के लिए भी यह बजट राहत लेकर आया है.