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भीषण गर्मी ने पथरी के रोगियों की संख्या में की अप्रत्याशित बढ़ोतरी, इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा - Kidney stone due to heatwave

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 30, 2024, 5:36 PM IST

इस साल पड़ी भीषण गर्मी के चलते लोगों की दिनचर्या तो बिगड़ती नजर आई ही, साथ ही पथरी के रोगियों की संख्या भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी. इसके गवाह हैं जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में बढ़ते यूरोलॉजी के मरीज. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Kidney stone due to heatwave
भीषण गर्मी ने बढ़ाई पथरी रोगियों की संख्या (ETV Bharat Jodhpur)

पथरी रोगियों में युवाओं की संख्या ज्यादा (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. इस बार भीषण गर्मी में अस्पतालों में यूं तो मौसमी बीमारियों के रोगी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे. साथ ही पथरी के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई. पिछले करीब साढ़े तीन महीने में लगातार तेज गर्मी और हीटवेव के चलते सरकारी अस्पतालों में 10 हजार से अधिक रोगी पहुंचे. खास बात यह है कि इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा है. इनमें 30 से 40 वर्ष की उम्र के करीब 60 प्रतिशत रोगी थे.

अगर बात संभाग के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल की करें, तो मार्च से जून माह में अब तक करीब 6552 मरीज यूरोलॉजी के आउटडोर में पहुंचे. वहीं करीब 5 हजार मरीज एम्स में पहुंचे. एम्स प्रशासन के अनुसार 120 मरीजों की लिथोट्रिप्सी की गई. 450 मरीजों को ऑपरेशन कर राहत पहुंचाई गई. एमडीएमएच में भी लिथोट्रिप्सी सहित करीब 500 ऑपरेशन किए गए. बताया जा रहा है कि गत वर्ष के मुकाबले ये आंकड़े दो-तीन गुना ज्यादा हैं.

पढ़ें: गुर्दे की बड़ी पथरी का कारण बन सकता है पान मसाला, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

पानी कम पीना बड़ी परेशानी: एमडीएम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस बार पथरी के रोगी बड़ी संख्या में आए हैं. हमने यूरोलॉजी विभाग में ऑपरेशन के लिए मरीज भेजे हैं. उन्होंने बताया कि पानी कम पीने से पूरा यूरिन नहीं लगता है. ज्यादातर पानी पसीने में निकल जाता है. ऐसे में शरीर के डिसॉल्व मिनरल्स यूरिन के जरिए बाहर नहीं निकल पाते हैं. तब वे किडनी में जमा होने लगते हैं. इसकी वजह से किडनी में स्टोन बन जाता है. इसकी वजह जोधपुर और आसपास के इलाके में भारी पानी होना भी है.

पढ़ें: गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी, ध्यान नहीं दिया तो होगी बड़ी समस्या, क्या है निदान? - Rising Cases of Kidney Stones

युवाओं को सतर्क होने की जरूरत: डॉ राठौड़ ने बताया कि जॉब करने वाले युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. वे 8-10 घंटे की ड्यूटी में बहुत कम वाटर इंटेक लेते हैं. जिसके चलते डिहाइड्रेशन हो जाता है. इससे शरीर में कैल्शियम के क्रिस्टल बनने से पथरी बनने लगती है. इसके अलावा 65 की उम्र के बुजुर्गों में बहुतायत परेशानी होती है. इसकी प्रमुख वजह प्रोस्टेट के चलते यूरिन में रुकावट होना है.

पढ़ें: मूत्राशय की पथरी की रोकथाम के लिए ये 'नुस्खा' कारगर नहीं

यूं करें बचाव:

  1. सामान्य दिनों में ही 8 से 10 ग्लास पानी दिन में पीना चाहिए.
  2. अगर कोई अन्य बीमारी नहीं है, तो गर्मियों में इसे बढ़ाना चाहिए.
  3. पानी पीने के बाद भी अगर यूरिन लगातार पीला और गाढ़ा आता है, तो यह पथरी के संकेत हैं.
  4. 5 एमएम से 10 एमएम की पथरी पानी व दवाई से निकल जाती है. इससे ज्यादा होने पर ऑपरेशन करना पड़ता है.
  5. अगर बार-बार पथरी हो रही है, तो भोजन में नमक की मात्रा कम करें. इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड मीट, अंडे और चॉकलेट का सेवन कम करें.

पथरी रोगियों में युवाओं की संख्या ज्यादा (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. इस बार भीषण गर्मी में अस्पतालों में यूं तो मौसमी बीमारियों के रोगी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे. साथ ही पथरी के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई. पिछले करीब साढ़े तीन महीने में लगातार तेज गर्मी और हीटवेव के चलते सरकारी अस्पतालों में 10 हजार से अधिक रोगी पहुंचे. खास बात यह है कि इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा है. इनमें 30 से 40 वर्ष की उम्र के करीब 60 प्रतिशत रोगी थे.

अगर बात संभाग के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल की करें, तो मार्च से जून माह में अब तक करीब 6552 मरीज यूरोलॉजी के आउटडोर में पहुंचे. वहीं करीब 5 हजार मरीज एम्स में पहुंचे. एम्स प्रशासन के अनुसार 120 मरीजों की लिथोट्रिप्सी की गई. 450 मरीजों को ऑपरेशन कर राहत पहुंचाई गई. एमडीएमएच में भी लिथोट्रिप्सी सहित करीब 500 ऑपरेशन किए गए. बताया जा रहा है कि गत वर्ष के मुकाबले ये आंकड़े दो-तीन गुना ज्यादा हैं.

पढ़ें: गुर्दे की बड़ी पथरी का कारण बन सकता है पान मसाला, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

पानी कम पीना बड़ी परेशानी: एमडीएम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस बार पथरी के रोगी बड़ी संख्या में आए हैं. हमने यूरोलॉजी विभाग में ऑपरेशन के लिए मरीज भेजे हैं. उन्होंने बताया कि पानी कम पीने से पूरा यूरिन नहीं लगता है. ज्यादातर पानी पसीने में निकल जाता है. ऐसे में शरीर के डिसॉल्व मिनरल्स यूरिन के जरिए बाहर नहीं निकल पाते हैं. तब वे किडनी में जमा होने लगते हैं. इसकी वजह से किडनी में स्टोन बन जाता है. इसकी वजह जोधपुर और आसपास के इलाके में भारी पानी होना भी है.

पढ़ें: गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी, ध्यान नहीं दिया तो होगी बड़ी समस्या, क्या है निदान? - Rising Cases of Kidney Stones

युवाओं को सतर्क होने की जरूरत: डॉ राठौड़ ने बताया कि जॉब करने वाले युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. वे 8-10 घंटे की ड्यूटी में बहुत कम वाटर इंटेक लेते हैं. जिसके चलते डिहाइड्रेशन हो जाता है. इससे शरीर में कैल्शियम के क्रिस्टल बनने से पथरी बनने लगती है. इसके अलावा 65 की उम्र के बुजुर्गों में बहुतायत परेशानी होती है. इसकी प्रमुख वजह प्रोस्टेट के चलते यूरिन में रुकावट होना है.

पढ़ें: मूत्राशय की पथरी की रोकथाम के लिए ये 'नुस्खा' कारगर नहीं

यूं करें बचाव:

  1. सामान्य दिनों में ही 8 से 10 ग्लास पानी दिन में पीना चाहिए.
  2. अगर कोई अन्य बीमारी नहीं है, तो गर्मियों में इसे बढ़ाना चाहिए.
  3. पानी पीने के बाद भी अगर यूरिन लगातार पीला और गाढ़ा आता है, तो यह पथरी के संकेत हैं.
  4. 5 एमएम से 10 एमएम की पथरी पानी व दवाई से निकल जाती है. इससे ज्यादा होने पर ऑपरेशन करना पड़ता है.
  5. अगर बार-बार पथरी हो रही है, तो भोजन में नमक की मात्रा कम करें. इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड मीट, अंडे और चॉकलेट का सेवन कम करें.
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