भोपाल। बीजेपी में जिस समय पूरे देश में पार्टी के तमाम दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. उस वक्त बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती प्रथम प्रयाग देवप्रयाग के प्रवास पर हैं. पांच दिन तक अलकनंदा संगम स्थल पर ही विश्व शांति और कल्याण के लिए वे कई धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगी. कुछ दिन पहले ही उमा भारती ने कहा था कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी और गंगा के काम में दो साल जुटेंगी. मीडिया से हुई चर्चा में उनकी पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा से नाराजगी भी खुलकर सामने आई थी. क्या उमा भारती का ये प्रवास टिकट कटने की नाराजगी है...
क्या पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं उमा भारती
क्या उमा भारती टिकट कट जाने से नाराज हो जाने के बाद देवप्रयाग के प्रवास पर गई हैं. चुनाव नहीं लड़ने के बयान के ठीक बाद उमा भारती की धार्मिक यात्रा सियासी गलियारों में कई सवालों को जन्म दे रही है. उमा भारती ने बाकायदा मीडिया को बुलाकर ये एलान किया था कि 2024 में वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. हांलाकि, इसके पहले वे लगातार कहती रही थीं कि वे चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने मीडिया को ये भी बताया कि "इस बार पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बता दिया है और नड्डा को ही उनकी ये बात सार्वजनिक करनी चाहिए थी." राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीच चुनाव में उमा भारती देवप्रयाग पहुंच गई हैं. देवप्रयाग का वीडियो जारी कर उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है, "हिमालय में गंगा किनारे प्रथम प्रयाग देव प्रयाग पर हूं. अलकनंदा एवं भागीरथी का संगम है. विप्र जन जप कर रहे हैं अभी पांच दिन यहीं रहूंगी."
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उमा के लिए अभी नहीं तो कभी नहीं...
राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी रहीं उमा भारती को बीजेपी में नवाजे जाने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता था. लेकिन, अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के माहौल में भी उमा भारती समेत जयभान सिंह पवैया जैसे नेताओं को बीजेपी ने किनारे ही रखा. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं, "उमा भारती का जहां तक सवाल है उन्हें पार्टी पर्याप्त सम्मान दे चुकी है और उनकी मर्जी से पार्टी में फैसले भी हुए हैं. इसलिए अब बहुत गुंजाइश दिखती भी नहीं. उमा भारती के दौर की बीजेपी और अब की बीजेपी में बहुत फर्क है ये उन्हें भी समझना चाहिए."