उज्जैन. 29 फरवरी को उज्जैन में कोटेश्वर महादेव भगवान का पूजन अभिषेक कर शिव नवरात्रि की शुरुआत हुई. प्रात: 8 बजे कोटेश्वर महादेव के पूजन-आरती के बाद भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक प्रारम्भ हुआ. महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जाएगा और इन 9 दिनों में बाबा महाकाल भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देंगे.
8 मार्च को है महाशिवरात्रि
8 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) महापर्व है. इस दिन बाबा महाकाल अपने भक्तों को पूरे 24 घंटे दर्शन देंगे. साल में ऐसा एक ही बार होता है. रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 9 मार्च प्रात: 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर का पंचामृत पूजन, भस्म लेपन, विभिन्न फलों के रसों से, गुलाबजल, भांग आदि से 11 ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक किया जाएगा.
भोलेनाथ को बंधेगा सेहरा
महाशिवरात्रि पर्व पर अभिषेक के बाद सप्तधान्य अर्पित कर सप्तधान्य के मुखोटे से भगवान का श्रृंगार किया जाएगा. पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधने के बाद सेहरा आरती की जाएगही और भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल आदि अर्पित किए जाएंगे.
साल में एक बार होती है ऐसी भस्म आरती
मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार महाकाल के सेहरा दर्शन के बाद महाशिवरात्रि पर दोपरह 12 बजे भस्म आरती होगी. दिन में हेने वाली भस्म आरती केवल साल में एक बार महाशिवरात्रि पर ही होती है. भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जाएगा. 9 मार्च को संध्या पूजन व आरती और फिर शयन आरती के बाद भगवान के पट मंगल होंगे.
Read more - महाकाल की शरण में पहुंचे फिल्म एक्टर करण सिंह ग्रोवर, दर्शन के बाद कही ये बात महाशिवरात्रि पर पूरे 24 घंटे खुला रहेगा महाकाल मंदिर, साल में एक बार ही होता है ऐसा |
महाकाल इन रूपों में देंगे दर्शन
• 29 फरवरी : चंदन, भांग श्रृंगार
• 1 मार्च : शेषनाग श्रृंगार
• 2 मार्च : घटाटोप श्रृंगार
• 3 मार्च: छबीना शृंगार
• 4 मार्च: होलकर श्रृंगार
• 5 मार्च : मनमहेश श्रृंगार
• 6 मार्च: उमा महेश श्रृंगार
• 7 मार्च: शिव तांडव श्रृंगार
• 8 मार्च : सप्तधान का मुखौटा