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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का खुलेगा रहस्य, बाबा दरबार में टॉप वैज्ञानिकों ने किया प्रवेश - MAHAKAL JYOTIRLINGA TESTING

बाबा महाकाल के भीतर कौन कौन से रहस्य हैं, हजारों साल पुरानी संचरनाओं में क्या छुपा है इसकी जांच के लिए रुड़की के वैज्ञानिक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंचा.

MAHAKAL JYOTIRLINGA TESTING
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जांच करेंगे वैज्ञानिक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 11:55 AM IST

Updated : Oct 15, 2024, 12:15 PM IST

उज्जैन : महाकालेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग के क्षरण को लेकर विशेष जांच दल उज्जैन पहुंचा है. दरअसल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए एक याचिका लगाई गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने एक्सपर्ट्स टीम का गठन किया था. इसके 2 साल बाद से टीम लगातार ज्योतिर्लिंग के क्षरण की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि मंगलवार 15 अक्टूबर को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में विशेषज्ञों का जांच दल ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ मंदिर स्ट्रक्चर और प्राचीन कलाकृतियों की भी जांच करेगा.

हर 6 महीने में हो रही जांच

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के मुताबिक, '' जांच दल प्राचीन संरचनाओं का स्ट्रक्चरल असेस्मेंट भी करेगा. इस जांच दल में एएसआई, जीएसआई व केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.'' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति कोर्ट के निर्देश पर हर छह महीने में उज्जैन पहुंचती है और ज्योतिर्लिंग के क्षरण के साथ-साथ मंदिर की मजबूती की जांच करती है. इस दौरान टीम कई तरह के नमूने भी टेस्टिंग के लिए लेती है. इसके अलावा हाल ही में मंदिर प्रबंधन समिति ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान को मंदिर प्राचीन संरचनाओं की जांच के लिए भी पत्र लिखा था.

SCIENTISTS IN MAHAKALESHWAR
मंदिर परिसर में जांच दल (Etv Bharat)

महाकाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

बात करें महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के क्षरण रोकने की, तो इसके लिए सारिका गुरु नामक याचिकाकर्ता ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस याचिका में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के हो रहे क्षरण और उसे रोकने का जिक्र किया गया था. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की समिति गठित की थी.

विशेषज्ञों ने क्षरण रोकने के दिए थे सुझाव

कोर्ट द्वारा बनाई गई एक्सपर्ट टीम ने 2019 से लगातार महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जांच की और ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए कई सुझाव दिए थे. मंदिर प्रबंध समिति इन सभी सुझावों पर अमल कर रही है, जिससे क्षरण रोका जा सके. वहीं अब जांच दल ये पता लगाने की कोशिश करेगा कि लगातार प्रयासों से ज्योतिर्लिंग के क्षरण की क्या स्थिति है.

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भगवान महाकालेश्वर 18 अक्टूबर से बदलेंगे दिनचर्या, अब ऐसी रहेगी आरती-भोग की टाइमिंग

गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने क्षरण रोकने के लिए जो सुझाव दिए थे उसके मुताबिक आरओ जल से ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया जाता है, भस्म आरती के दौरान ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढका जाता है, वहीं पंचामृत में शक्कर की जगह खांडसारी का उपयोग किया जा रह है. इसी प्रकार भगवान को आभूषणों में भी बदलाव किया जा चुका है.

उज्जैन : महाकालेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग के क्षरण को लेकर विशेष जांच दल उज्जैन पहुंचा है. दरअसल, 2017 में सुप्रीम कोर्ट में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए एक याचिका लगाई गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने एक्सपर्ट्स टीम का गठन किया था. इसके 2 साल बाद से टीम लगातार ज्योतिर्लिंग के क्षरण की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि मंगलवार 15 अक्टूबर को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में विशेषज्ञों का जांच दल ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ मंदिर स्ट्रक्चर और प्राचीन कलाकृतियों की भी जांच करेगा.

हर 6 महीने में हो रही जांच

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के मुताबिक, '' जांच दल प्राचीन संरचनाओं का स्ट्रक्चरल असेस्मेंट भी करेगा. इस जांच दल में एएसआई, जीएसआई व केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञ भी शामिल हैं.'' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति कोर्ट के निर्देश पर हर छह महीने में उज्जैन पहुंचती है और ज्योतिर्लिंग के क्षरण के साथ-साथ मंदिर की मजबूती की जांच करती है. इस दौरान टीम कई तरह के नमूने भी टेस्टिंग के लिए लेती है. इसके अलावा हाल ही में मंदिर प्रबंधन समिति ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान को मंदिर प्राचीन संरचनाओं की जांच के लिए भी पत्र लिखा था.

SCIENTISTS IN MAHAKALESHWAR
मंदिर परिसर में जांच दल (Etv Bharat)

महाकाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

बात करें महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के क्षरण रोकने की, तो इसके लिए सारिका गुरु नामक याचिकाकर्ता ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस याचिका में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के हो रहे क्षरण और उसे रोकने का जिक्र किया गया था. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की समिति गठित की थी.

विशेषज्ञों ने क्षरण रोकने के दिए थे सुझाव

कोर्ट द्वारा बनाई गई एक्सपर्ट टीम ने 2019 से लगातार महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जांच की और ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए कई सुझाव दिए थे. मंदिर प्रबंध समिति इन सभी सुझावों पर अमल कर रही है, जिससे क्षरण रोका जा सके. वहीं अब जांच दल ये पता लगाने की कोशिश करेगा कि लगातार प्रयासों से ज्योतिर्लिंग के क्षरण की क्या स्थिति है.

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गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने क्षरण रोकने के लिए जो सुझाव दिए थे उसके मुताबिक आरओ जल से ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया जाता है, भस्म आरती के दौरान ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढका जाता है, वहीं पंचामृत में शक्कर की जगह खांडसारी का उपयोग किया जा रह है. इसी प्रकार भगवान को आभूषणों में भी बदलाव किया जा चुका है.

Last Updated : Oct 15, 2024, 12:15 PM IST
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