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न पानी न बिजली और न रोड, गांव में कुंआरे बैठे युवा, फिर हम वोटिंग करने क्यों जाएं - Ujjain Sankota boycott of voting - UJJAIN SANKOTA BOYCOTT OF VOTING

उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम सनकोटा में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं. पानी लेने के लिए दो किमी दूर भटकना पड़ता है. इसी कारण गांव में युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है. बीते 50 साल से ग्रामीण ऐसे ही जूझ रहे हैं. अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोटिंग का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

Ujjain Sankota boycott of voting
उज्जैन के सनकोटा में भीषण पेयजल संकट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 11, 2024, 3:40 PM IST

उज्जैन जिले के तराना तहसील के ग्राम सनकोटा में वोटिंग का बहिष्कार (ETV BHARAT)

उज्जैन। उज्जैन से 75 किलोमीटर दूर तराना तहसील के ग्राम सनकोटा में ग्रामीण रोष में हैं. यहां की सबसे बड़ी समस्या जल संकट है. जब चुनाव आते हैं तो नेता आते हैं, ग्रामीणों से वादे कर जाते हैं. लेकिन आज तक कोई वादे पूरे नहीं हुए. आज भी ग्रामीणों को राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई रोड पर रोजाना पानी भरने के लिए जाना पड़ता है. जिससे ग्रामीण आए दिन एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं. कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. लेकिन जनप्रतिनिधि आज तक ग्रामीणों की समस्या का निराकरण नहीं कर पाए.

गांव में कोई भी व्यक्ति लड़की नहीं ब्याहना चाहता

इस बार ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी की समस्या को लेकर गांव में कोई भी लड़की लेना देना चाहता. इसलिए शादी करने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम सनकोटा में आजादी के बाद से आज तक ग्रामीणों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है. ग्रामीणों को दो से तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. पानी लाने के लिए भी उन्हें जान जोखिम में डालनी पड़ती है. गांव के बच्चे और महिलाएं इस भीषण गर्मी में सिर पर पानी रखकर ला रहे हैं.

Ujjain Sankota boycott of voting
तीन किमी दूर से लाना पड़ता है पानी (ETV BHARAT)

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गांव से 3 किमी दूर से पानी लाती हैं महिलाएं

पैदल ही दो से तीन किलोमीटर दूर जाकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है. ग्रामीणों ने बताया कि गांवों में लड़कों की शादी नहीं हो रही है. युवकों की सगाई होने के बाद टूट गई. हाईवे को पार करके पानी लाना पड़ रहा है. गांव के पुरुष मजदूरी और काम के लिए चले जाते हैं. ऐसे में महिलाओं और बच्चों को पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है. ग्राम सनकोटा सीएम मोहन यादव के गृह जिले में है. सनकोटा तराना विधानसभा सीट में आता है. उज्जैन लोकसभा सीट से भाजपा ने अनिल फिरोजिया और कांग्रेस ने महेश परमार को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा के फिरोजिया तराना विधानसभा सीट से 5 साल विधायक रहे और उज्जैन से सांसद भी रहे लेकिन इस गांव की सुध नहीं ली.

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उज्जैन। उज्जैन से 75 किलोमीटर दूर तराना तहसील के ग्राम सनकोटा में ग्रामीण रोष में हैं. यहां की सबसे बड़ी समस्या जल संकट है. जब चुनाव आते हैं तो नेता आते हैं, ग्रामीणों से वादे कर जाते हैं. लेकिन आज तक कोई वादे पूरे नहीं हुए. आज भी ग्रामीणों को राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई रोड पर रोजाना पानी भरने के लिए जाना पड़ता है. जिससे ग्रामीण आए दिन एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं. कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. लेकिन जनप्रतिनिधि आज तक ग्रामीणों की समस्या का निराकरण नहीं कर पाए.

गांव में कोई भी व्यक्ति लड़की नहीं ब्याहना चाहता

इस बार ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है. ग्रामीणों का कहना है कि पानी की समस्या को लेकर गांव में कोई भी लड़की लेना देना चाहता. इसलिए शादी करने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम सनकोटा में आजादी के बाद से आज तक ग्रामीणों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है. ग्रामीणों को दो से तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. पानी लाने के लिए भी उन्हें जान जोखिम में डालनी पड़ती है. गांव के बच्चे और महिलाएं इस भीषण गर्मी में सिर पर पानी रखकर ला रहे हैं.

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