उज्जैन। सिंहस्थ भूमि पर शनिवार को ज़मीन धंसने से अधिकारियों के होश उड़ गए. कान्ह नदी का गंदा पानी मिलने से शिप्रा दूषित हो रही थी. शिप्रा में गंदा पानी नहीं मिले, इसको रोकने के लिए कान्ह डायवर्सन की लाइन का काम किया जारहा है. लाइन फूटने के कारण क़रीब 25 फीट गहरा गड्ढा होने के कारण पाइप लाइन भी फूट गई, जिससे जल सप्लाय भी रुक गई. जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी और महापौर मौके पर पहुंचे. उन्होंने मौके का मुआयना किया.
कान्ह नदी का गंदा पानी रोकने की योजना
शिप्रा नदी में कान्ह नदी का गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए सिंहस्थ 2016 से पूर्व शासन ने योजना बनाई थी. क़रीब 200 करोड़ की लागत से पानी डायवर्सन के लिए जमीन के काफ़ी अंदर कई किमी की पाइप लाइन डाली थी. ये लाइन भूखी माता क्षेत्र से भी निकली है. संभवतः उक्त लाइन लीकेज होने के कारण जमीन पोली हो गई और शनिवार को धंस गई. जिसके कारण करीब 25 फीट खाई बन गई, जिसकी चपेट में समीप के खेत भी आ गए. कान्ह डायवर्सन की लाइन के उपर ही गऊघाट की पैप्मपिंग लाइन के लिए 800 एमएस की लाइन भी डाली गई थीं.
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कई बार लगे भ्रष्टाचार के आरोप
जमीन धंसने के कारण पाइप लाइन भी फूट गई, जिसके कारण कई क्षेत्र में पानी की सप्लाय रुक गई. सूचना मिलते ही कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, निगमायुक्त आशीष पाठक, महापौर मुकेश टटवाल मौके पर पहुंचे. कलेक्टर ने 16 घंटे में लाइन सुधरने का दावा किया है. वहीं, महापौर ने कहा है कि उज्जैन कान्ह डायवर्सन लाइन सही नहीं डाली गई, जिसके कारण ज़मीन धंसी और पानी की सप्लाय की लाइन भी फूट गई. इससे किसानों का भी नुकसान हुआ है. बता दें कि पूर्व में भी कई बार कान्ह डायवर्सन लाइन फूट चुकी है. सरकार पर इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.