उज्जैन : महाकाल मंदिर के विग्रह यानी स्वरूप का पेटेंट कराने की मांग पुजारियों ने उठाई है. क्योंकि कुछ शातिर लोग बाबा महाकाल की डुप्लीकेट प्रतिमा बनाकर भक्तों को उल्लू बना रहे हैं. पुजारियों ने भगवान महाकाल के विग्रह की प्रतिमाएं बनाने और उनका देशभर में प्रदर्शन करने पर आपत्ति जताई है. भगवान महाकाल सिर्फ पालकी में सवार होकर अपने स्वरूप में निकलते हैं. लेकिन लोगों ने बाबा महाकाल की हूबहू प्रतिमाएं कुछ स्थानों पर विराजित की हैं.
महाकालेश्वर मंदिर के स्वरूप का पेटेंट किया जाए
महाकाल मंदिर के आशीष पुजारी का कहना है "मैं मांग करता हूं कि महाकालेश्वर मंदिर के स्वरूप का पेटेंट किया जाए, जिससे उनका कोई भी उपयोग न कर सके. क्योंकि कोई भी व्यक्ति मुंबई, दिल्ली, गुजरात में बाबा के स्वरूप की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं. ये जालसाज लोग अपने द्वारा स्थापित प्रतिमाओं बाबा महाकाल के नाम से बता रहे हैं. लोगों के जाल में फंसकर भक्त भी बाबा महाकाल के स्वरूप की श्रद्धा भावना से वहीं पूजन अर्चन कर रहे हैं, जोकि सरासर गलत है. उज्जैन में बाबा महाकाल की प्रतिमा सवारी के रूप में पालकी में भ्रमण कराने की परंपरा है. कुछ लोग भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं."
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फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन हो
महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने कहा "एक प्रचलन चला है महाकाल महाराज की प्रतिमाओं को कार में बिठाकर घर में ले जाने की. इंदौर से ऐसा मामला सामने आया है. वहां भगवान महाकाल का विग्रह वैसा ही उसने बना रखा है. बाबा महाकाल के नाम पर भक्तों से भेंट ली जाती है. यह एक तरह से अपराध है. मंदिर समिति को इस पर एक्शन लेना चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. ऐसी प्रतिमाओं को ससम्मान जब्त कर महाकालेश्वर मंदिर में स्थापित करना चाहिए. इसके साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्ती की जानी चाहिए."