उज्जैन: उज्जैन में लगातार कुत्ते के काटने से दूसरी मौत होने के बाद जिला अस्पताल के डॉ. जितेंद्र शर्मा ने इससे बचने के उपाय शेयर किए हैं. बता दें कि हाल ही में काम पर जा रहे गणेश नगर निवासी सोनू शर्मा (17) की कुत्ते के काटने के कारण मौत हो गई थी. वह एक फैक्ट्री में काम करता था. रोजाना की तरह वह काम पर निकला था तभी नागझिरी क्षेत्र में उसे स्ट्रीट डॉग्स ने काट लिया था.
हवा, पानी से डर और मुंह से टपकने लगा लार
इस मामले को लेकर उसके मृतक के पिता मनोज शर्मा बताते हैं कि "आवारा कुत्तों ने उसके पैर और हाथ में काट लिया था. जिसके बाद उसे शासकीय जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाया गया, लेकिन करीब 20 दिनों के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. सोनू को हवा और पानी से डर लगने लगा और मुंह से लार टपकने लगी थी. इसके बाद उज्जैन के अमलतास और पुष्पा मिशन अस्पताल के अलावा इंदौर के एमवाय अस्पताल भी ले गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी." डॉक्टरों ने जांच के बाद सोनू को रेबीज से संक्रमित होने की पुष्टि की और 6 सितंबर को उसकी मौत हो गई.
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कुत्ते के काटने पर करें ये काम
वहीं बताया जा रहा है कि उज्जैन में 6 महीने के भीतर 4 हजार से अधिक कुत्तों के काटने के मामले सामने आए है. इस संबंध में जिला अस्पताल के डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण 2 सप्ताह से 4 महीने के भीतर दिखाई दे सकते हैं. उज्जैन के जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 60 इंजेक्शन डॉग बाइट के मामले में लगाए जा रहे हैं उन्होंने नागरिकों से अपील है कि कुत्ते के काटने के बाद घाव को साबुन और पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और 24 घंटे के भीतर पहला वैक्सीनेशन का इंजेक्शन लें." वहीं, इस मामले को लेकर नगर निगम का कहना है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा रही है.