उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उज्जैन के दौरे पर रहे. जहां वे श्री महाकालेश्वर मंदिर के समीप माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्त के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां उन्होंने अपने विचार व्यक्त किये. आयोजन में देश भर के 464 अधिकारी शामिल हुए. कार्यक्रम में विवेकानंद केंद्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े, जश इंजीनियरिंग लिमिटेड, इंदौर के प्रबन्ध निदेशक प्रतीक पटेल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे.
पुस्तक 'ध्येयनिष्ठ जीवन' का विमोचन
कार्यक्रम माघ कृष्ण चतुर्दशी अमावस्या से शुक्ल पक्ष द्वितीया तक यानी 9 से 11 फरवरी तक था, जिसका रविवार को समापन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एकनाथ रनाडे के विचारों पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमार के विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक ध्येयनिष्ठ जीवन का विमोचन किया. इस अवसर पर स्मिता दीदी ने तीन ओंकार प्रार्थना की प्रस्तुति दी. नन्दन जोशी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया, मानस भट्टाचार्य ने एकल गीत का गायन किया.
पुण्यों के बाद मिलता है मानव जीवन
मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि ''स्वामी विवेकानंद मानव जीवन की सार्थकता हैं, में समझता हूं और जानता हूं कि मानव जीवन कितने पुण्यों के बाद मिलता है. ये स्वामी विवेकानंद केंद्र अच्छे विचारों का संघठन है. मैं इस समापन अवसर पर सबको शुभकामनाएं बधाई देता हूँ.'' सीएम ने कहा कि ''हमारे इतिहास में हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान समाहित है. कुंभ का मेला नक्षत्र के अनुसार होता है. प्रत्येक बारह वर्ष में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है. बाकी जगह आयोजित होने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है, लेकिन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है.''
परमेश्वर पूरी सृष्टि में विद्यमान
CM ने कहा कि ''सिंहस्थ में विवेकानन्द एवं रामकृष्ण मिशन के मानने वाले भी आते हैं, परमेश्वर पूरी सृष्टि में विद्यमान है.'' डॉ. यादव ने कहा कि ''आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की विकास यात्रा है. उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टेण्डर्ड टाइम की गणना होती है.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि ''हमारे वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु ने विदेशियों को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं, लेकिन यह भावना प्राचीनकाल से ही हमारे मन में है कि पौधों में भी जीवन होता है.''