उज्जैन: देवास रोड स्थित एक चर्च के नाम में 'मंदिर' शब्द का प्रयोग किया गया था, जिसे लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कड़ा विरोध जताया था. आरोप थे कि इससे समाज में भ्रम पैदा होता है और लोग धर्म परिवर्तन के जाल में फंस जाते हैं, जिसके बाद ट्रस्ट की ओर से चर्च के नाम से मंदिर शब्द को हटा दिया गया है. पहले इसका नाम 'मसीही मंदिर चर्च' था, जो अब मसीही चर्च रह गया है.
हिंदू संगठनों ने प्रशासन से की थी शिकायत
दरअसल, उज्जैन में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जिलाध्यक्ष महेश तिवारी और बजरंग दल संयोजक रिषभ कुशवाह ने प्रशासन से इसकी शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि 'मंदिर' शब्द का प्रयोग केवल सनातन धर्म के पूजा स्थलों में होता है. ऐसे में चर्च पर इस शब्द का प्रयोग धार्मिक आस्था को आहत करता है और समाज में भ्रम पैदा करता है. इसके साथ ही विहिप ने ट्रस्ट से 2 दिनों के भीतर 'मंदिर' शब्द हटाने की मांग की थी, अन्यथा उग्र आंदोलन और वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.
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78 सालों बाद चर्चा से हटा 'मंदिर' शब्द
विहिप और बजरंग दल के कड़े विरोध के बाद चर्च ट्रस्ट ने 'मंदिर' शब्द की पट्टिका को हटा दिया है. मसीह चर्च ट्रस्ट के प्रतिनिधि वीरेंद्र नथानील ने बताया कि "उज्जैन में चर्च पर 'मसीही मंदिर चर्च' नाम का उपयोग बीते 78 वर्षों से किया जा रहा था. ट्रस्ट शांति का समर्थक है और किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए 'मंदिर' शब्द को सभी स्थानों से हटा दिया गया है. ट्रस्ट चाहता है कि क्रिसमस का त्योहार सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया जाए."
वहीं, चर्च की मुख्य इमारत और बाउंड्री वॉल सहित सभी स्थानों से मंदिर शब्द हटा दिए जाने के बाद विहिप और बजरंग दल ने अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है.