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आज है साल का सबसे बड़ा दिन, उज्जैन में गायब हुई लोगों की परछाई, जानिए क्या है वजह - No Shadow in Ujjain

उज्जैन में हर साल 21 जून को कुछ देर के लिए हर वक्त साथ रहने वाली परछाई भी साथ छोड़ देती है. उज्जैन की प्राचीन वेधशाला में इस अनोखी खगोलीय घटना को यंत्र के माध्यम से देखने की व्यवस्था की गई और देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आए, लेकिन बादल रहने के कारण लोगों को खगोलीय घटना देखने को नहीं मिली.

NO SHADOW IN UJJAIN
उज्जैन में गायब हुई लोगों की परछाई (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 5:17 PM IST

उज्जैन। 21 और 22 जून को उज्जैन के जीवाजी राव वेधशाला जंतर मंतर पर किसी की भी परछाई गायब हो जाती है और साया भी साथ छोड़ देता है. यह नजारा उज्जैन में इसलिए दिखता है क्योंकि उज्जैन से कर्क रेखा गुजरती है. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है. 21 जून और 22 जून को सूर्य उत्तराणायन से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है. जिसके चलते सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत की स्थिति में रहता है, जिससे दोपहर में कुछ क्षण के लिए परछाई गायब हो जाती है, लेकिन 21 जून को बादल छाए रहने के कारण यह खगोलीय घटना देखने को नहीं मिली.

उज्जैन में गायब हुई लोगों की परछाई (Etv Bharat)

सूर्य की रोशनी से नहीं बनती है परछाई

भारत में तीन वेधशालाएं है, जिसमें से एक उज्जैन में स्थित है. यहां कालगणना का केंद्र होने के साथ ही उज्जैन से होकर गुजरी कर्क रेखा भी शामिल है. दरअसल कर्क रेखा पर स्थित शंकु यंत्र पर 21 या 22 जून को 12 बजकर 28 मिनट पर पड़ने वाली सूर्य की किरण गायब ही जाती है. जब सूर्य भूमध्य रेखा पर आता है तो पूरे विश्व में दिन और रात बराबर होते हैं. इस खगोलीय घटना के चलते भूमध्य रेखा और कर्क रेखा के बीच रहने वाले लोगों की दोपहर में सूर्य की रोशनी से परछाई नहीं बनती है. उज्जैन के जीवाजी वेधशाला पर कई लोगों को ये अनोखा नजारा देखने को मिलता, लेकिन बादल छाए होने के कारण यह खगोलीय घटना देखने को नहीं मिली.

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21 जून को होता है सबसे बड़ा दिन

जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्त ने बताया कि "सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है और 21 जून और 22 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है. उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है. परछाई पहले पूर्व की ओर रहती है और 12:28 मिनट पर शून्य हो जाती है. यह घटना शंकु यंत्र के माध्यम से देखी जा सकती है. पूरी दुनिया में आज सबसे बड़ा दिन है और सबसे छोटी रात है. उज्जैन में आज 13 घंटे 34 मिनट का दिन है और 10 घंटे 26 मिनट की रात है. आज के बाद सूर्य दक्षिण की ओर गति करना प्रारम्भ कर देगा. जिससे उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे होने लगेंगे और रातें बड़ी होने लगेंगी.

उज्जैन। 21 और 22 जून को उज्जैन के जीवाजी राव वेधशाला जंतर मंतर पर किसी की भी परछाई गायब हो जाती है और साया भी साथ छोड़ देता है. यह नजारा उज्जैन में इसलिए दिखता है क्योंकि उज्जैन से कर्क रेखा गुजरती है. पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है. 21 जून और 22 जून को सूर्य उत्तराणायन से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है. जिसके चलते सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत की स्थिति में रहता है, जिससे दोपहर में कुछ क्षण के लिए परछाई गायब हो जाती है, लेकिन 21 जून को बादल छाए रहने के कारण यह खगोलीय घटना देखने को नहीं मिली.

उज्जैन में गायब हुई लोगों की परछाई (Etv Bharat)

सूर्य की रोशनी से नहीं बनती है परछाई

भारत में तीन वेधशालाएं है, जिसमें से एक उज्जैन में स्थित है. यहां कालगणना का केंद्र होने के साथ ही उज्जैन से होकर गुजरी कर्क रेखा भी शामिल है. दरअसल कर्क रेखा पर स्थित शंकु यंत्र पर 21 या 22 जून को 12 बजकर 28 मिनट पर पड़ने वाली सूर्य की किरण गायब ही जाती है. जब सूर्य भूमध्य रेखा पर आता है तो पूरे विश्व में दिन और रात बराबर होते हैं. इस खगोलीय घटना के चलते भूमध्य रेखा और कर्क रेखा के बीच रहने वाले लोगों की दोपहर में सूर्य की रोशनी से परछाई नहीं बनती है. उज्जैन के जीवाजी वेधशाला पर कई लोगों को ये अनोखा नजारा देखने को मिलता, लेकिन बादल छाए होने के कारण यह खगोलीय घटना देखने को नहीं मिली.

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