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गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए जिला कलेक्टर ने दिए ये आदेश, अनदेखी पर होगी सख्त कार्रवाई - Collector Issued Orders

Collector Issued Orders, चिलचिलाती गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए उदयपुर के जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है. वहीं, साफ कर दिया गया है कि आदेश की अनदेखी की सूरत में संबंधित व्यक्ति के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Collector Issued Orders
जिला कलेक्टर ने जारी किया आदेश (ETV BHARAT UDAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 6:51 PM IST

उदयपुर. लेक सिटी में गर्मी का सितम अपने चरम पर है. आलम यह है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं. ऐसे में अब जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि गर्मी के दौरान दोपहर 12 से 3 बजे के बीच भारवाहक पशुओं का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. दरअसल, गर्मी में पशुओं के बीमार होने की आशंका को देखते हुए जिला कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है.

वहीं, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने कहा कि गर्मी के मौसम में तापमान अधिक रहता है. इसके बावजूद भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, बैल और गधे के मालिक उनसे काम कराते हैं. इसकी वजह से पशु बीमार पड़ जाते हैं. ज्यादातर मामले पशुओं को लू लगने और तापघात के आते हैं. वहीं, यह पशु क्रुरता की श्रेणी में आता है.

इसे भी पढ़ें - अभी और सताएगी गर्मी, प्रदेश में अगले तीन दिन हीट वेव का दौर रहेगा जारी, बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष अलर्ट - Heatwave In Rajasthan

ऐसे में अब जिला कलेक्टर ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए पशु क्रुरता, पशु स्वास्थ्य संरक्षण व पशु में गर्मी के दौरान होने वाले रोगों के प्रसार को रोकने के मकसद से आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा भारवाहक पशु प्रजातियों को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच भारवाहन उपयोग में लेता पाया गया तो उनके खिलाफ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

उदयपुर. लेक सिटी में गर्मी का सितम अपने चरम पर है. आलम यह है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं. ऐसे में अब जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि गर्मी के दौरान दोपहर 12 से 3 बजे के बीच भारवाहक पशुओं का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. दरअसल, गर्मी में पशुओं के बीमार होने की आशंका को देखते हुए जिला कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है.

वहीं, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने कहा कि गर्मी के मौसम में तापमान अधिक रहता है. इसके बावजूद भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, बैल और गधे के मालिक उनसे काम कराते हैं. इसकी वजह से पशु बीमार पड़ जाते हैं. ज्यादातर मामले पशुओं को लू लगने और तापघात के आते हैं. वहीं, यह पशु क्रुरता की श्रेणी में आता है.

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ऐसे में अब जिला कलेक्टर ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए पशु क्रुरता, पशु स्वास्थ्य संरक्षण व पशु में गर्मी के दौरान होने वाले रोगों के प्रसार को रोकने के मकसद से आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा भारवाहक पशु प्रजातियों को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच भारवाहन उपयोग में लेता पाया गया तो उनके खिलाफ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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