जयपुर: राजस्थान में भरतपुर के चर्चित गोपालगढ़ कांड के भंवर में इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा फंस गए हैं. वे प्रकरण में अग्रिम जमानत पर चल रहे हैं. इस मामले में उन्हें कोर्ट ने नोटिस दिया है. अब इस मामले को लेकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस हमलावर हो गई. इस मामले में कांग्रेस के आरोपों पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हमेशा कोशिश रही है कि वो सिर्फ षड्यंत्र करे. कांग्रेस कभी भी तुष्टिकरण से बाज नहीं आएगी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से लेकर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तक सीएम के विदेश दौरे को लेकर हमलावर हैं. कांग्रेस का आरोप हैं कि गोपालगढ़ दंगों में भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष भजनलाल शर्मा आरोपी थे.
शर्मा ने निकाला था समस्या का हल : कांग्रेस के आरोपों पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह दंगे कांग्रेस शासन में हुए थे. गोपालगढ़ सांम्प्रदायिक आग में झुलस रहा था. वहां हिंदू पक्ष के साथ अन्याय हो रहा था. उन पर हमले हो रहे थे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उस वक्त भरतपुर के जिलाध्यक्ष थे. गोपालगढ़ में दंगों की जानकारी मिलने पर वे वर्तमान राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, नगर विधायक अनीता सिंह सहित एक दर्जन से भी अधिक भाजपा नेताओं के साथ गोपालगढ़ पहुंचे थे. पहले तो उन्हें वहां जाने से ही रोका गया, क्योंकि उस समय भाजपा नेताओं को मेव पक्ष की ओर से जगह-जगह रोककर गाड़ियों पर पथराव किया जा रहा था. इस पर जब शर्मा ने उन्हें रोकने का विरोध किया तो प्रशासन को पीछे हटना पड़ा. भजनलाल शर्मा गोपालगढ़ पहुंचे और अधिकारियों से बात कर समस्या का हल निकाला था.
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प्रशासन के कहने पर ही गए थे : गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि गोपालगढ़ और आसपास के क्षेत्र का बच्चा-बच्चा जानता है कि दंगों के समय वहां कितना बड़ा षड्यंत्र रचा गया था. प्रशासन के सहयोग के लिए ही भजनलाल शर्मा के साथ हम लोग वहां गए थे. तत्कालीन सरकार की नीयत में तो खोट थी पर भजनलाल आगे डटे रहे. प्रशासन का सहयोग किया, कितनी जान बचाई गई पर आज कांग्रेस तिलमिलाई हुई है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के अमेरिका में दिए गए देश विरोधी बयानों पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस कभी भी तुष्टिकरण से बाज नहीं आएगी.
कोर्ट पहुंचा ये मामला : जयपुर निवासी वकील सांवरमल चौधरी ने प्रार्थना पत्र पेश किया कि सितम्बर 2011 में बलवा हुआ. इसमें 15 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसी मामले में भजनलाल शर्मा, गृह राज्यमंत्री जवाहर बेढम सहित अन्य को 10 सितम्बर 2013 को सशर्त अग्रिम जमानत दी गई. जमानत में शर्त है कि न्यायालय की अनुमति बिना आरोपी देश छोड़कर नहीं जा सकते. चौधरी ने इसी शर्त का उल्लंघन होना बताते हुए भजनलाल शर्मा की अग्रिम जमानत निरस्त करने का आग्रह किया है.
विदेश यात्रा पर हैं सीएम : बता दें कि मुख्यमंत्री इस समय निवेशकों से मुलाकात करने के लिए 'राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर्स समिट-2024' के सिलसिले में विदेश यात्रा पर हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि शर्मा भरतपुर के गोपालगढ़ में 2011 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में एक आरोपी हैं. इस हिंसा में करीब 10 लोग मारे गए थे. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
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ये हुई थी घटना : 14 सितंबर, 2011 को मेवात के जुरहरा थाने में एक आरोपी ने गर्दन काट ली थी. उस दौरान जुरहरा थाने में हमला कर गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. उसी समय भरतपुर के कांग्रेस एक बड़े नेता के समर्थकों ने एक होटल पर हमला कर दिया था. इस मामले को लेकर कामां के कांग्रेस के मेव समुदाय के नेताओं ने भी समर्थन देते हुए 13 सितम्बर 2011 को आंदोलन का निर्णय लिया था. गोपालगढ़ में उसी दिन गुर्जर व मेव समुदाय के दो युवकों के बीच झगड़ा हो गया था. दोनों पक्ष को थाने बुलाकर बातचीत की कोशिश की गई. इसमें हिंदू पक्ष से भजनलाल शर्मा, नगर की विधायक रही अनीता सिंह गुर्जर, जवाहर सिंह बेढम, दूसरे पक्ष से कामां की विधायक रही जाहिदा खान समेत 20-22 लोग वार्ता में शामिल हुए. उसके बाद भजन लाल शर्मा भी दंगाइयों के निशाने पर आ गए थे. ऐसे में पुलिस की सुरक्षा में उन्हें व अन्य भाजपा नेताओं को भरतपुर तक छोड़ा गया था. सीबीआई ने उनके खिलाफ दंगा फैलाने की साजिश रचने का केस दर्ज कर दिया था, जिस पर वे अग्रिम जमानत पर चल रहे थे.