पटना: आज से नालंदा में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है. 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे. जहां वह बिहार, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्ताक्षरतरण और राजस्व वृद्धि के उपाय पर चर्चा करेंगे.
इन मुद्दों पर बात करेंगे 5 राज्य के विशेषज्ञ: बैठक में बिहार से आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट की सदस्य सचिव डॉक्टर अस्मित गुप्ता और आईआईटी पटना के प्रोफेसर नलिन भारती शामिल होंगे. राज्य के विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन पहल के तहत वित्त पोषण की वर्तमान व्यवस्था पर भी अपनी राय देंगे. बिहार में आधारभूत संरचना के विकास के लिए विशेष आर्थिक सहायता की जरूरत है. परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए आर्थिक तौर पर पिछड़े प्रदेश को विशेष मदद मिलनी चाहिए. इस दिशा में बिहार के आर्थिक विशेषज्ञ अपनी अनुशंसा 16वें वित्त आयोग को देंगे.
केंद्रीय करों में राजस्व की हिस्सेदारी पर चर्चा: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1 अप्रैल 2026 से 2031 तक के लिए 16वें वित्त आयोग केंद्रीय करों में राजस्व की हिस्सेदारी और अनुदान के बारे में अपनी अनुशंसाएं केंद्र को देने वाली है. बिहार की ओर से पहले भी अनुदान और कई अनुशंसाओं पर आपत्ति जताई जाती रही है. बिहार में 2011 की जनगणना के स्थान पर नवीनतम जनसंख्या को आधार बनाकर राज्यों के बीच संसाधन के आवंटन का आग्रह किया था.
पीएम के दौरे से ठीक पहले बैठक: वन क्षेत्र के स्थान पर हरियाली क्षेत्र को राजस्व बंटवारे को आधार बनाने का आग्रह किया गया था. इसी तरह की कई आपत्ति बिहार की तरफ से लगातार की जाती रही है. आने वाले समय में वित्त आयोग की टीम भी बिहार आने वाली है तो ऐसे में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह बैठक तब हो रही है, जब प्रधानमंत्री नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने नालंदा आ रहे हैं. उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे.
केंद्र के सामने अपनी मांग रखेंगे राज्य: चुनाव से पहले गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पटना में पूर्वी क्षेत्र परिषद की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. उसमें भी बिहार की तरफ से कई मांगों को रखा गया था. अब नालंदा में होने जा रही इस बैठक पर सब की नजर है, क्योंकि इसमें बिहार के अलावे झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के वित्तीय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहेंगे और अपनी अपनी बात रखेंगे.
ये भी पढ़ें: