मेरठ: गैंग बनाकर राजस्थान के झुंझुनू में अपहरण और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले यूपी पुलिस के दो सिपाहियों को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है. दोनों सिपाहियों ने राजस्थान में अपना एक गैंग बना लिया. इनकी प्लानिंग 2 कारोबारियों को किडनैप कर फिरौती वसूलने की थी. लेकिन राजस्थान पुलिस ने गैंग को पकड़ लिया. एसएसपी ऑफिस में दोनों सिपाहियों की जानकारी बुधवार को भेजी गई. पता चला कि यह गैंग सिपाही रिंकू सिंह ने बनाया है, जोकि लोहियानगर थाने में तैनात है. जबकि इसका साथी हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार भावनपुर थाने में तैनात है.
पुलिसकर्मियों के गैंग में वकील और महिला भी शामिल: पुलिस की छानबीन में पता चला है कि मेरठ के ही कंकरखेड़ा का रहने वाला वकील आकाश शर्मा भी इनके साथ था. आकाश शर्मा पेशे से वकील है. वहीं इस गिरोह में एक महिला भी शामिल थी, जिसकी पहचान मीनू के रूप में हुई है. जो कि पूर्व में मेरठ के एक निजी अस्पताल में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी. वहीं से इन पुलिस कर्मियों के सम्पर्क में आई थी. मीनू गाजियाबाद के विजयनगर की रहने वाली है. इस गिरोह का एक सदस्य मुनकाद हापुड़ का रहने वाला है, वह मजदूरी करता है. उसी ने लूट की वारदात के लिए रेकी की थी. उस पर पूर्व में कई मुकदमे दर्ज हैं. मुनकाद वर्तमान में लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में ही रहता है. जब दोनों सिपाही समर गार्डन चौकी पर तैनात थे, उसी दौरान मुनकाद से भी इनकी दोस्ती हुई थी.
वहीं दोनों सिपाहियों को उनकी खराब छवि और कार्यशैली के चलते पूर्व में अलग-अलग थानों से लाइनहाजिर भी किया जा चुका है. पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि दोनों ही सिपाही ड्यूटी के बावजूद राजस्थान में इस घटना को अंजाम देने में लगे थे. दोनों सिपाहियों की तैनाती वर्तमान में मेरठ में है.
सिपाही रिंकू नोएडा के दुजाना का रहने वाला: राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से रिंकू सिंह गुर्जर गौतमबुद्धनगर के दुजाना गांव का रहने वाला है. ये भी पता चला है कि रिंकू उसी दुजाना गांव का है, जहां के एक लाख के इनामी बदमाश अनिल दुजाना को पिछले साल एसटीएफ ने मेरठ में मुठभेड़ के बाद ढेर किया था. उस पर 65 मुकदमे दर्ज थे. अनिल दुजाना रिंकू का चाचा था. जबकि अमित खटाना सहारनपुर के कुतुबशहर का रहने वाला है. वहीं पकड़े गये अभियुक्तों में से अनुज नागर दिल्ली का रहने वाला है.
ऐसे दिया था वारदात को अंजाम: 23 अक्टूबर को राजस्थान के चूरू से झुंझुनू आ रही रोडवेज बस में बैठे बुलंदशहर निवासी जखिया, उनकी पत्नी नाजरीन, उनके साथ काम करने वाले आरिफ व दोजी एक साथी थे. खासोली बालाजी धाम के पास बस रुकवाकर यूपी पुलिस के सिपाहियों ने अपने गैंग के अन्य सदस्यों के साथ इन्हें जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया था. बस में सवार किसी यात्री ने इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन बिसाऊ को दे दी थी. जिसके बाद पुलिस ने गांगियासर तिराहे पर नाकाबंदी करके यूपी नंबर की लाल रंग की कार को रुकने का इशारा किया, लेकिन कार बैरिकेड्स तोड़ते हुए निकल गई, हालांकि राजस्थान पुलिस का कहना है कि अपहरण कर जबरन गाड़ी में बैठाए गए आरिफ व दोजी को कार से उतार दिया था. उसके बाद मिलों अभियुक्त भाग रहे थे.
पुलिस ने घेराबंदी करके आरोपियों तब गिरफ्तार किया था : पड़ताल में यह बात सामने आई कि जिन लोगों का अपहरण किया था ये लोग अपने साथ पांच लाख रुपये लिए हुए थे. इनके पास से एक हथकड़ी, दो गन और होलस्टर कवर बरामद किये गए हैं. एसपी देहात राकेश कुमार ने बताया कि पूरे मामले में कार्रवाई की गई है. एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. फिलहाल अब इन दोनों का ब्यौरा खंगाला जा रहा है. पुलिस अब यह भी जांच क़र रही है कि ये दोनों कब कब अपनी ड्यूटी से गायब रहे हैं. इनके मोबाइल की पुरानी लोकेशन तक को पुलिस अब खंगाल रही है.