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कानपुर में AI के जरिए ठगी के दो मामले आए सामने, इन बातों का रखें खास ध्यान - Two cases of fraud in Kanpur

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ठगी के लगातार मामले सामने (Two cases of fraud through AI in Kanpur) आ रहे हैं. ऐसे ही दो मामले यूपी के कानपुर जिले में हुए है. पुलिस इन मामलों में FIR दर्ज की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 17, 2024, 4:20 PM IST

कानपुर में AI के जरिए ठगी के दो मामले आए सामने

कानपुर : हेलो... 'आपका बेटा रेप केस में फंस गया है. अगर आप अपने बेटे को बचना चाहते हैं तो तुरंत जितने पैसे बता रहा हूं भेज दीजिए. नहीं तो आपका बेटा मुसीबत में फंस जाएगा.' जी हां! कुछ इस तरह से अब साइबर ठग व्हाट्सएप कॉल में आवाज बदलकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. कानपुर में भी ऐसे दो मामले सामने आये हैं. इनमें AI के जरिए लोगों से ठगी की गई. पुलिस और साइबर सेल की टीमें इन दोनों मामलों की जांच कर रही हैं. एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने कहा बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा.

सोशल इंजीनियरिंग के जरिए की जा रही ठगी : ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि डीपफेक से जुड़ा कोई भी मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया है. लोगों से सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ठगी की जा रही है. इससे बचने के लिए लोगों को अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा. अगर कोई भी पुलिसकर्मी या फिर आपका मिलने वाला बनकर आपसे पैसा मांगता है, तो आपको अपने रिसोर्सेज के जरिए सबसे पहले उसका पता लगाना होगा. साथ ही अगर कोई भी अज्ञात नंबर से फोन कॉल आपके पास आती है, तो उसे आपको रिसीव नहीं करना है. उन्होंने बताया कि, किसी भी तरह का अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड होता है तो सबसे पहले आपको 1930 पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करानी होगी. अगर आपके द्वारा समय से शिकायत दर्ज कराई गई है, तो पूरी संभावना है कि कुछ ही समय के अंदर जिस अकाउंट में आपका पैसा गया है, उस अकाउंट में फ्रीज कर दिया जाए और आपका पैसा आपको वापस मिल जाए. इसके अलावा आप अपने निकटतम थाने में भी साइबर फ्रॉड की शिकायत को दर्ज कर सकते हैं. हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क बना दी गई है.



केस 1 - पनकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले सब्जी करोबारी दिनेश सिंह ने बताया कि, 24 मार्च को उनके पास एक फोन आया, जिसने खुद को दरोगा विजय बताया. उसने कहा कि तुम्हारा भांजा मनोज सचेंडी इलाके में गैंगरेप के मामले में पकड़ा गया है. इसे बचाना चाहते हो तो 2 लाख भेज दो. इतना ही नहीं उसने मनोज की हूबहू आवाज में बात करायी, इसके बाद दिनेश काफी घबरा गए और उन्होंने कहा कि इस समय एक लाख मेरे पास हैं. उन्होंने दरोगा के खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर दिया. इसके बाद उन्होंने जब अपने भतीजे को फोन किया, तो पता चला उसके साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. इसके बाद उन्हें पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं.

केस 2 - आईटी कानपुर के एक छात्र ने भी अपने साथ ठगी की एक शिकायत दर्ज कराई है. उसने पुलिस को बताया कि 3 अप्रैल को मां के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप पर कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने मां से कहा कि आपका बेटा हत्या और दुष्कर्म के मामले में फंस गया है. इतना ही नहीं साइबर ठगों ने उसकी आवाज में कहा कि मुझे बचा लो. मां इसके बाद काफी घबरा गई. साइबर ठगों ने बेटे को छोड़ने के बदले 1 लाख रुपये मांगे. मां के पास इतने रुपये नहीं थे, तो उन्होंने 40 हजार देने की बात कही. इस पर उन्होंने अपने खाते से बताए गए खाते पर रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में उन्होंने जब बेटे से बात की, तो पता चला उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है. छात्र की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.


क्या है डीपफेक?, कैसे इससे खुद को बचाएं : इसमें आपकी फोटो-वीडियो और ऑडियो नकली होने के बावजूद भी बिल्कुल असली जैसे लगते हैं, जिन्हें देखकर सुनकर ऐसा लगता है कि यह सच में इस व्यक्ति के हैं, जिसकी वजह से हर कोई धोखा खा जाता है. शायद यही कारण है कि इस तकनीक के जरिए भी साइबर ठगों ने धोखाधड़ी करनी शुरू कर दी है. इस फ्रॉड से बचने के लिए आपको अपने दिमाग का उपयोग करना होगा. सबसे पहले आपको उस वीडियो और फोटो को अच्छे से देखना होगा, उसमें अगर किसी भी प्रकार खराबी है, तो वह फेक है. इसके साथ ही आपके वीडियो में दिख रहे इंसान की बोलते वक्त अलग टाइप की हरकतों का होना, जैसे कई अन्य चीजों को बारीकी से देखने पर आपको समझ आ जाएगा की यह डीपफेक है.


कैसे की जाती है AI के जरिए ठगी, इससे कैसे बचें: इस फ्रॉड के जरिए किसी भी व्यक्ति की आवाज बनाकर उसके साथ फ्रॉड किया जा सकता है. इसमें साइबर अपराधी आपका रिश्तेदार बनकर भी आपसे बात कर सकते हैं. इतना ही नहीं वह पुलिसकर्मी की आवाज में आपके बेटे को जेल भेजने की धमकी देकर उसकी आवाज भी पीछे से सुनकर आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं. इससे बचने के लिए आपके पास अगर किसी भी नंबर से अननोन कॉल्स आती है तो उसे बिल्कुल भी ना उठाएं. अगर आपका कोई परिचित बनकर आपसे बात करता है तो सबसे पहले उसके बारे में जानकारी करें. सबसे अहम और प्रमुख चीज है कि आपको कभी भी ऐसी हालत में डरना नहीं है क्योंकि साइबर ठग आपके डर का फायदा उठाते हैं.

यह भी पढ़ें : डैशबोर्ड व कैमरा फीड जैसी कई खूबियों के साथ भारत में AI TV की नई रेंज लॉन्च - Samsung AI TV

यह भी पढ़ें : अमिताभ बच्चन संग AI तकनीक से हो गया 'खेला', बिग बी ने आधी रात टेंशन में डाला पोस्ट - Amitabh Bachchan

कानपुर में AI के जरिए ठगी के दो मामले आए सामने

कानपुर : हेलो... 'आपका बेटा रेप केस में फंस गया है. अगर आप अपने बेटे को बचना चाहते हैं तो तुरंत जितने पैसे बता रहा हूं भेज दीजिए. नहीं तो आपका बेटा मुसीबत में फंस जाएगा.' जी हां! कुछ इस तरह से अब साइबर ठग व्हाट्सएप कॉल में आवाज बदलकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. कानपुर में भी ऐसे दो मामले सामने आये हैं. इनमें AI के जरिए लोगों से ठगी की गई. पुलिस और साइबर सेल की टीमें इन दोनों मामलों की जांच कर रही हैं. एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने कहा बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा.

सोशल इंजीनियरिंग के जरिए की जा रही ठगी : ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि डीपफेक से जुड़ा कोई भी मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया है. लोगों से सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ठगी की जा रही है. इससे बचने के लिए लोगों को अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा. अगर कोई भी पुलिसकर्मी या फिर आपका मिलने वाला बनकर आपसे पैसा मांगता है, तो आपको अपने रिसोर्सेज के जरिए सबसे पहले उसका पता लगाना होगा. साथ ही अगर कोई भी अज्ञात नंबर से फोन कॉल आपके पास आती है, तो उसे आपको रिसीव नहीं करना है. उन्होंने बताया कि, किसी भी तरह का अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड होता है तो सबसे पहले आपको 1930 पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करानी होगी. अगर आपके द्वारा समय से शिकायत दर्ज कराई गई है, तो पूरी संभावना है कि कुछ ही समय के अंदर जिस अकाउंट में आपका पैसा गया है, उस अकाउंट में फ्रीज कर दिया जाए और आपका पैसा आपको वापस मिल जाए. इसके अलावा आप अपने निकटतम थाने में भी साइबर फ्रॉड की शिकायत को दर्ज कर सकते हैं. हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क बना दी गई है.



केस 1 - पनकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले सब्जी करोबारी दिनेश सिंह ने बताया कि, 24 मार्च को उनके पास एक फोन आया, जिसने खुद को दरोगा विजय बताया. उसने कहा कि तुम्हारा भांजा मनोज सचेंडी इलाके में गैंगरेप के मामले में पकड़ा गया है. इसे बचाना चाहते हो तो 2 लाख भेज दो. इतना ही नहीं उसने मनोज की हूबहू आवाज में बात करायी, इसके बाद दिनेश काफी घबरा गए और उन्होंने कहा कि इस समय एक लाख मेरे पास हैं. उन्होंने दरोगा के खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर दिया. इसके बाद उन्होंने जब अपने भतीजे को फोन किया, तो पता चला उसके साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. इसके बाद उन्हें पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं.

केस 2 - आईटी कानपुर के एक छात्र ने भी अपने साथ ठगी की एक शिकायत दर्ज कराई है. उसने पुलिस को बताया कि 3 अप्रैल को मां के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप पर कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने मां से कहा कि आपका बेटा हत्या और दुष्कर्म के मामले में फंस गया है. इतना ही नहीं साइबर ठगों ने उसकी आवाज में कहा कि मुझे बचा लो. मां इसके बाद काफी घबरा गई. साइबर ठगों ने बेटे को छोड़ने के बदले 1 लाख रुपये मांगे. मां के पास इतने रुपये नहीं थे, तो उन्होंने 40 हजार देने की बात कही. इस पर उन्होंने अपने खाते से बताए गए खाते पर रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में उन्होंने जब बेटे से बात की, तो पता चला उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है. छात्र की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.


क्या है डीपफेक?, कैसे इससे खुद को बचाएं : इसमें आपकी फोटो-वीडियो और ऑडियो नकली होने के बावजूद भी बिल्कुल असली जैसे लगते हैं, जिन्हें देखकर सुनकर ऐसा लगता है कि यह सच में इस व्यक्ति के हैं, जिसकी वजह से हर कोई धोखा खा जाता है. शायद यही कारण है कि इस तकनीक के जरिए भी साइबर ठगों ने धोखाधड़ी करनी शुरू कर दी है. इस फ्रॉड से बचने के लिए आपको अपने दिमाग का उपयोग करना होगा. सबसे पहले आपको उस वीडियो और फोटो को अच्छे से देखना होगा, उसमें अगर किसी भी प्रकार खराबी है, तो वह फेक है. इसके साथ ही आपके वीडियो में दिख रहे इंसान की बोलते वक्त अलग टाइप की हरकतों का होना, जैसे कई अन्य चीजों को बारीकी से देखने पर आपको समझ आ जाएगा की यह डीपफेक है.


कैसे की जाती है AI के जरिए ठगी, इससे कैसे बचें: इस फ्रॉड के जरिए किसी भी व्यक्ति की आवाज बनाकर उसके साथ फ्रॉड किया जा सकता है. इसमें साइबर अपराधी आपका रिश्तेदार बनकर भी आपसे बात कर सकते हैं. इतना ही नहीं वह पुलिसकर्मी की आवाज में आपके बेटे को जेल भेजने की धमकी देकर उसकी आवाज भी पीछे से सुनकर आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं. इससे बचने के लिए आपके पास अगर किसी भी नंबर से अननोन कॉल्स आती है तो उसे बिल्कुल भी ना उठाएं. अगर आपका कोई परिचित बनकर आपसे बात करता है तो सबसे पहले उसके बारे में जानकारी करें. सबसे अहम और प्रमुख चीज है कि आपको कभी भी ऐसी हालत में डरना नहीं है क्योंकि साइबर ठग आपके डर का फायदा उठाते हैं.

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