दुमकाः जिला में शुक्रवार को हुई तेज बारिश से एक ओर जहां लोगों को भीषण गर्मी से काफी राहत मिली. वहीं दूसरी ओर मसलिया प्रखंड के कोलाबागान जंगल में एक साथ घास चर रहे 26 पशुओं पर आसमानी कहर बरपा. इस वज्रपात से सभी मवेशियों की मौत हो गई. इस घटना से पशु पालकों को काफी नुकसान हुआ है.
पंचायत के मुखिया ने दी जानकारी
इस संबंध में कोलारकोंडा पंचायत के मुखिया उकील मुर्मू ने बताया कि कोलाबागान गांव के पशु पालकों के मवेशी प्रत्येक दिन की तरह जंगल में चरने गये थे. अत्यधिक बारिश के कारण सभी मवेशी पानी से बचने के लिए दो घने पेड़ के नीचे आ हो गए. इसी दौरान अचानक वज्रपात होने से मौके पर मौजूद 26 मवेशियों की मौत हो गई. जिनमें पशुपालक इस्माइल हेंब्रम का 01, कान्हा हेंब्रम के 06, मुखिया उकील हेंब्रम के 05, पताई हेंब्रम के 02, बाबुशल मुर्मू के 02, लुखीन मुर्मू का 01, रमेश किस्कु के 03, ढेना हेंब्रम के 02 और गोवर्धन मरांडी के चार मवेशी शामिल हैं.
वज्रपात की इस घटना में एक साथ इतने मवेशियों की मौत से गरीब पशु पालकों का बड़ी क्षति हुई है. इनमें से कई दुधारू गायों की मौत होने से पशु पालक काफी चिंतित हैं. इसके साथ कुछ पशु पालकों के खेती में जोतने वाले बैलों की मौत होने खेती करने को लेकर वे चिंतित हैं. इन सभी पीड़ित पशु पालकों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
क्या कहते हैं बीडीओ
इस संबंध में मसलिया प्रखंड के बीडीओ अजफर हसनैन ने बताया कि इसकी सूचना पशु चिकित्सा पदाधिकारी को दी गई है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा ले. इसके अलावा सभी भुक्तभोगी से आवेदन और मृतक मवेशियों की फोटो लेकर मुआवजे को लेकर आगे की कार्रवाई करें.
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