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दंतैल हाथी ने तेंदूपत्ता संग्रहण में लगाया ग्रहण, मुसीबत में गुरुर वनपरिक्षेत्र के ग्रामीण - Tusk elephant Terror - TUSK ELEPHANT TERROR

Tusk Elephant Terror बालोद जिले में दंतैल हाथी के कारण गुरुर वनपरिक्षेत्र में ग्रामीण परेशान हैं. दंतैल के कारण ग्रामीण वन के अंदर तेंदूपत्ता तोड़ने नहीं जा पा रहे हैं. Tendu leaf collectors faced Problems

Tusk Elephant Terror
दंतैल हाथी ने तेंदूपत्ता संग्रहण में लगाया ग्रहण (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 22, 2024, 12:31 PM IST

दंतैल हाथी ने तेंदूपत्ता संग्रहण में लगाया ग्रहण (ETV Bharat Chhattisgarh)

बालोद : बालोद जिले में एक बार फिर से हाथियों की दस्तक दी है. जिसके बाद वन विभाग अलर्ट मोड पर है. दर्जन भर गांव में अलग-अलग दिन के हिसाब से अलर्ट जारी किए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रात के समय अकेले जंगल में न जाने की सलाह दी जा रही है. आपको बता दें कि बीते तीन दिनों से एक दंतैल हाथी बालोद जिले की गुरुर वनपरिक्षेत्र में सक्रिय है. एसडीओ डिंपी बैस ने बताया कि हाथियों की लोकेशन ट्रैक की जा रही है, लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

तेंदूपत्ता सीजन होने के कारण परेशानी बढ़ी : आपको बता दें कि मौजूदा समय तेंदूपत्ता तोड़ने का है. जिसके कारण लोग अक्सर जंगल की ओर जाते हैं. लेकिन लोगों को ये समझाईश दी जा रही है कि वो जंगल में अकेले ना जाए.यदि तेंदूपत्ता तोड़ने जा भी रहे हैं तो ग्रुप बनाकर जंगल में जाए. यदि कहीं पर हाथी दिखता है तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें. हाथी को गुस्सा आने पर वह आक्रामक बन जाता है.आपको बता दें कि बीते तीन साल में हाथी और मानव संघर्ष के कारण जिले में 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

कहां है दंतैल हाथी ?: गुरुर वनपरिक्षेत्र में एक दंतैल हाथी सक्रिय है. जिसका नाम मैत्री है. हाथी कक्ष क्रमांक RF -39 पर है.अभी तक हाथी ने किसी तरह की फसल या जनहानि नहीं की है. इस परिक्षेत्र को परिसर नाहंदा के नाम से जाना जाता है. यह परिक्षेत्र गुरुर में आता है. हाथी की उपस्थिति को देखते हुए कंकालिन,रूपुटोला, हितेकसा,नगझर,मंगचुवा,करियाटोला,नाहंदा,कोसमी,पेटेचुवा,भेजा जंगली, बरही पारा, बरही, नारागांव, किनारगोंदी, नर्रा,मुल्लेगुड़ा में अलर्ट जारी किया गया है.

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तेंदूपत्ता सीजन होने के कारण परेशानी बढ़ी : आपको बता दें कि मौजूदा समय तेंदूपत्ता तोड़ने का है. जिसके कारण लोग अक्सर जंगल की ओर जाते हैं. लेकिन लोगों को ये समझाईश दी जा रही है कि वो जंगल में अकेले ना जाए.यदि तेंदूपत्ता तोड़ने जा भी रहे हैं तो ग्रुप बनाकर जंगल में जाए. यदि कहीं पर हाथी दिखता है तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें. हाथी को गुस्सा आने पर वह आक्रामक बन जाता है.आपको बता दें कि बीते तीन साल में हाथी और मानव संघर्ष के कारण जिले में 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

कहां है दंतैल हाथी ?: गुरुर वनपरिक्षेत्र में एक दंतैल हाथी सक्रिय है. जिसका नाम मैत्री है. हाथी कक्ष क्रमांक RF -39 पर है.अभी तक हाथी ने किसी तरह की फसल या जनहानि नहीं की है. इस परिक्षेत्र को परिसर नाहंदा के नाम से जाना जाता है. यह परिक्षेत्र गुरुर में आता है. हाथी की उपस्थिति को देखते हुए कंकालिन,रूपुटोला, हितेकसा,नगझर,मंगचुवा,करियाटोला,नाहंदा,कोसमी,पेटेचुवा,भेजा जंगली, बरही पारा, बरही, नारागांव, किनारगोंदी, नर्रा,मुल्लेगुड़ा में अलर्ट जारी किया गया है.

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