चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण में बीती 17 अक्टूबर को खनसर घाटी में स्थानीय लोगों ने जन चेतना रैली का निकाली थी. इस रैली का उद्देश्य क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों की पहचान और सत्यापन की मांग करना था. रैली के बाद सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हुआ, जिसमें यह कहा गया कि खनसर घाटी में रहने वाले विशेष समुदाय के लोगों को 31 दिसंबर 2024 तक इस क्षेत्र को छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है. इससे लेटर के वायरल होने के बाद समुदाय विशेष के लोग काफी चितिंत नजर आ रहे हैं, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है.
इस मामले में व्यापार मंडल अध्यक्ष माईथान बलदेव सिंह नेगी, पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह रावत और भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय रावत निवासी माईथान ने स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय को नगर खाली करने के लिए नहीं कहा गया है, बल्कि रैली का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में निवास कर रहे बाहरी व्यक्तियों का शत-प्रतिशत सत्यापन करना था. साथ ही जो लोग नाम बदलकर रह रहे हैं, उनके सही पते व कार्य की जानकारी का पता करना था.
गैरसैंण विकासखंड के माईथान में समुदाय विशेष को लेकर प्रचारित खबर का व्यापार संघ अध्यक्ष ने किया खंडन।
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) October 22, 2024
संदिग्धों व आसामाजिक तत्वों की पहचान हेतु पुलिस का सत्यापन अभियान लगातार जारी रहेगा: पुलिस अधीक्षक चमोली।@chamolipolice pic.twitter.com/de8QxSEU87
उन्होंने कहा कि आसामाजिक तत्वों ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया के माध्यम से तोड़-मरोड़ कर पेश किया. रैली का उद्देश्य सभी निवासियों की सुरक्षा और समाज में सामंजस्य बनाए रखना है. वहीं इस बारे में पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार ने बताया कि व्यापार संघ अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जन चेतना रैली का आयोजन संगठन की ओर से किया गया था. रैली के माध्यम से नगर क्षेत्र में रहने वाले बाहरी व्यक्तियों के 31 दिसंबर तक पूर्ण रूप से सत्यापन की मांग की गई थी. किसी भी समुदाय को नगर खाली करने की बात नहीं कही गई है. आसामाजिक तत्वों ने बातों को गलत तरीके से पेश किया है.
इस घटना ने यह भी दर्शाया कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए कैसे जरूरी मुद्दों को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है और इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. पुलिस-प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो किसी भी जानकारी को बिना जांचे मान्यता न दें और समाज में आपसी भाईचारे और शांति को बनाए रखने में सहयोग करें. आखिरकार समुदायों के बीच संवाद और समझ महत्वपूर्ण हैं और इस प्रकार की घटनाओं से सभी को सचेत रहना चाहिए.
पढ़ें---