कोटा: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के निर्देश पर नई तैयार की गई वंदे भारत स्लीपर कोच ट्रेन परीक्षण के लिए कोटा आई है. यहां पर उसे अलग-अलग गति पर वजन रख और खाली चलाकर ट्रायल किया जा रहा है. इसमें ब्रेकिंग सिस्टम, एयर सस्पेंशन, कपलर फोर्स का परीक्षण किया गया है. इस ट्रेन को 180 की स्पीड पर दौड़ाया गया है और घुमावदार ट्रैक पर भी इसका ट्रायल लिया गया है.
यह प्रशिक्षण 31 दिसंबर से ही कोटा रेल मंडल में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर शुरू हो गया था, जिसमें शुरुआत में नागदा और फिलहाल सवाई माधोपुर से कोटा के बीच में वंदे भारत का ट्रायल किया जा रहा है. इस ट्रायल के बाद पूरी रिपोर्ट रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी. कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि लखनऊ के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) के साथ परिचालन विभाग कोटा की टीम इसके ट्रायल में जुटी हुई है. अलग-अलग स्टैंडर्ड पर ट्रेन की ट्रायल ली जा रही है. यह अगले एक महीने तक जारी रहने की उम्मीद है.
इस ट्रायल में मूवमेंट इंस्पेक्टर सुशील जेठवानी व लोको निरीक्षक आरएन मीना ने आरडीएसओ लखनऊ टीम के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं. इसके तहत गुरुवार को वंदे भारत स्लीपर रेक तीसरे दिन ट्रायल लिया गया है. इसके तहत यात्रियों के बराबर वजन रखकर कोटा से लबान के बीच 30 किलोमीटर की दूरी पर 180 की स्पीड से वंदे भारत को चलाया गया है.
धीरे-धीरे गति बढ़ाकर लिया गया है ट्रायल : सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि शुरुआत में वंदे भारत एक्सप्रेस को कोटा नागदा रेल खंड में रोहल खुर्द और चौमहला के बीच यात्रियों के बराबर वजन रखकर दौड़ी है. इसमें शुरुआत में 130 फिर 140 और बाद में 150 की गति से ट्रायल लिया. इसके बाद ट्रेन को 1 जनवरी को इसी ट्रैक पर 160 और रोहल खुर्द विक्रमगढ़ के बीच 177 की स्पीड पर ट्रायल लिया गया है. साथ ही रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर की दूरी पर 180 की स्पीड पर ट्रेन का ट्रायल लिया गया.