हल्द्वानी: एक जनवरी 2025 से 15 साल पुराने सरकारी वाहन चलन से बाहर हो जाएंगे. उत्तराखंड में 15 साल की आयु सीमा पार कर चुके सरकारी वाहनों को स्क्रैप नीति के तहत हटाया जाएगा. लेकिन सरकारी विभागों की लापरवाही के चलते प्रदेश में अभी भी 600 सरकारी वाहन हैं जो 15 साल पुराना हो चुके हैं, इनको स्क्रैप किया जाना है. इन वाहनों को 31 दिसंबर तक स्क्रैप करने की समय सीमा है. ऐसे में परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों को संचालित करने वाले विभागों को नोटिस भेज कर जल्द स्क्रैप करने के निर्देश दिए हैं.
स्क्रैप के लिए नोटिस जारी: संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि उत्तराखंड में अब 15 साल की आयु पूरी कर चुके सरकारी वाहन अब कबाड़ की श्रेणी में आएंगे. प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में स्क्रैप नीति को लागू किया गया हैं. साथ ही सरकार ने स्क्रैप कराने के बाद नया वाहन खरीदने के लिए भी छूट की व्यवस्था की है. 15 साल की आयु पूरी कर चुके सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन अब नहीं होगा. वो स्क्रैप के दायरे में मान लिए जाएंगे. नए परिवहन एक्ट के तहत सड़कों पर दौड़ने वाले 15 साल पुराने सरकारी वाहन 1 जनवरी 2025 से कबाड़ हो जाएंगे.
रजिस्टर्ड स्क्रैपर खरीद सकेगा वाहन: अब 15 साल से पुराने वाहनों की नीलामी नहीं की जाएगी, बल्कि उन्हें स्क्रैप (कबाड़) किया जाएगा. इसके लिए सरकारी विभाग परिवहन विभाग की वेबसाइट के माध्यम से अपने वाहनों की स्क्रैप नीलामी कर सकेंगे. यही नहीं सरकारी विभागों के नीलाम होने वाले वाहनों को अब सामान्य कबाड़ी नहीं खरीद पाएंगे.केवल रजिस्टर्ड स्क्रैपर (कबाड़ी) ही इन वाहनों को खरीद सकते हैं, जो परिवहन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होंगे. प्रदेश में सरकारी और अर्ध सरकारी विभागों के अलावा रोडवेज के वाहनों को भी स्क्रैप किया जाना है.
वेबसाइट के माध्यम से स्क्रैप नीलामी: विभाग इसके लिए परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से स्क्रैप नीलामी के लिए अप्लाई कर सकेगा. नई स्क्रैप नीति के तहत केंद्र सरकार राज्य को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सहायता प्रदान करने की योजना भी बनाई है. इस योजना के तहत परिवहन विभाग को दो चरणों में लक्ष्यों को पूरा करना था. पहले चरण में 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की योजना बनानी हैं. जिसे राज्य सरकार सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी है.
नई गाड़ी के लिए मिलेगी सहायता: इसके लिए 25 करोड़ रुपये की धनराशि भी प्राप्त हो चुकी है. अब दूसरे चरण में विभाग को 31 जनवरी 2025 तक सभी पुराने वाहनों की नीलामी कर उन्हें कबाड़ करना है. इस लक्ष्य की पूर्ति पर विभाग को अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये मिलेंगे. जिससे राज्य सरकार को विभागों के लिए सरकारी गाड़ी खरीदने के लिए कुल सहायता 50 करोड़ रुपये सहायता प्राप्त होगी.
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