ETV Bharat / state

परिवहन निगम : आउटसोर्स कंडक्टर भर्ती में रिजर्वेशन के बाद भी 2 साल में नहीं भर पाए 288 पद, अब जनरल-एससी कैटेगरी से भरने की तैयारी - UPSRTC conductor recruitment

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन में 288 आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पिछले दो साल से पूरी नहीं हो पाई है. दो साल में अब तक परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को 224 कंडक्टर ही मिल पाए हैं.

परिवहन निगम में खाली हैं कंडक्टर के पद.
परिवहन निगम में खाली हैं कंडक्टर के पद. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 7:32 PM IST

परिवहन निगम में खाली हैं कंडक्टर के पद. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन में 288 आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पिछले दो साल से पूरी नहीं हो पाई है. दो साल में अब तक परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को 224 कंडक्टर ही मिल पाए हैं. परिवहन निगम ने आउटसोर्स में आरक्षण लागू कर दिया. इससे ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट होल्डर और अनुसूचित जनजाति के जितने पद हैं, वह भर ही नहीं पाए. 64 पद अब भी खाली हैं. अब इन्हें भरने के लिए लखनऊ रीजन ने जनरल कैटेगरी और एससी केटेगरी को वरीयता देने की योजना बनाई है. अब इन्हीं श्रेणियों से खाली रह गए पदों को भरा जाएगा.

ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा निगम : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा है इस वजह से रोड पर बसें रवाना होने के बजाय डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं और यात्री रोड पर खड़े होकर रोडवेज बसों का इंतजार ही करते रह जाते हैं. मजबूरन उन्हें डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है. इससे परिवहन निगम की छवि धूमिल हो रही है. पिछले कई सालों से सीधी भर्ती हुई नहीं है, ऐसे में यूपीएसआरटीसी ने मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती निकाली. जेम पोर्टल से कंडक्टरों की भर्ती की जा रही है. इसमें कई फर्म अलग अलग रीजनों में परिचालकों की भर्ती कर रही हैं.

दो साल में 224 पद ही भरे, 64 खाली: लखनऊ रीजन की भर्ती टीएंडएम कंपनी को मिली है. परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को कुल 288 कंडक्टर चाहिए थे, लेकिन दो साल में कंपनी 224 ही कंडक्टर दे पाई है. 64 पद अभी भी खाली हैं. आउटसोर्स में रिजर्वेशन व्यवस्था न होने के बावजूद परिवहन निगम ने इसे लागू किया. नतीजा यह हुआ कि रिजर्वेशन वाले कैंडिडेट ही नहीं आ पाए और पद खाली रह गए. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि श्रम एवं सेवायोजन की तरफ से उम्मीदवारों को रैंडम सिलेक्ट किया जाता है और फिर इसके बाद परिचालक बनने के लिए जो भी कैंडिडेट आते हैं उनके प्रपत्रों की जांच की जाती है. कुछ दिन पहले ही 111 कंडक्टरों की भर्ती के लिए प्रपत्रों की जांच की गई थी, इनमें से 84 उम्मीदवार सही पाए गए थे, लेकिन लास्ट तक आते-आते सिर्फ 47 ने ही ज्वाइन किया. रिजर्वेशन के चलते कई पद नहीं भरे जा सके हैं.

नहीं मिल रहे ईडब्ल्यूएस और एसटी उम्मीदवार : 288 उम्मीदवारों में से 25 पद लखनऊ रीजन में ईडब्ल्यूएस के लिए तय किए गए थे और छह पद अनुसूचित जनजाति के लिए, लेकिन ईडब्ल्यूएस होल्डर सिर्फ तीन ही कंडक्टर भर्ती हो पाए. 22 पद इसी के खाली हैं. अनुसूचित जनजाति का कोई कंडक्टर नहीं भर्ती हो पाया. अब परिवहन निगम आरक्षण को हटाकर ईडब्ल्यूएस पद वालों को जनरल से भरने की तैयारी कर रहा है, साथ ही एसटी के बजाय एससी को मौका दिया जाएगा.

क्या कहते हैं आरएम : लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि 288 कंडक्टरों की भर्ती में से 224 कंडक्टर अब तक लखनऊ रीजन को मिल चुके हैं, लेकिन अभी भी 64 कंडक्टर बसों के संचालन के लिए चाहिए. इनकी भी भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी. तीन बार टेंडर करने के बाद अब चौथी बार टेंडर करके ईडब्ल्यूएस और एसटी कोटे से जो कैंडिडेट नहीं मिल पाए हैं अब उन्हें जनरल और एससी कैटेगरी से भरा जाएगा, जिससे कंडक्टरों की कमी पूरी की जा सके.

यह भी पढ़ें : लखनऊ हादसा: बिल्डिंग के मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज , LDA ने सील की इमारत - Lucknow building accident

परिवहन निगम में खाली हैं कंडक्टर के पद. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन में 288 आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पिछले दो साल से पूरी नहीं हो पाई है. दो साल में अब तक परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को 224 कंडक्टर ही मिल पाए हैं. परिवहन निगम ने आउटसोर्स में आरक्षण लागू कर दिया. इससे ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट होल्डर और अनुसूचित जनजाति के जितने पद हैं, वह भर ही नहीं पाए. 64 पद अब भी खाली हैं. अब इन्हें भरने के लिए लखनऊ रीजन ने जनरल कैटेगरी और एससी केटेगरी को वरीयता देने की योजना बनाई है. अब इन्हीं श्रेणियों से खाली रह गए पदों को भरा जाएगा.

ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा निगम : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा है इस वजह से रोड पर बसें रवाना होने के बजाय डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं और यात्री रोड पर खड़े होकर रोडवेज बसों का इंतजार ही करते रह जाते हैं. मजबूरन उन्हें डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है. इससे परिवहन निगम की छवि धूमिल हो रही है. पिछले कई सालों से सीधी भर्ती हुई नहीं है, ऐसे में यूपीएसआरटीसी ने मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती निकाली. जेम पोर्टल से कंडक्टरों की भर्ती की जा रही है. इसमें कई फर्म अलग अलग रीजनों में परिचालकों की भर्ती कर रही हैं.

दो साल में 224 पद ही भरे, 64 खाली: लखनऊ रीजन की भर्ती टीएंडएम कंपनी को मिली है. परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को कुल 288 कंडक्टर चाहिए थे, लेकिन दो साल में कंपनी 224 ही कंडक्टर दे पाई है. 64 पद अभी भी खाली हैं. आउटसोर्स में रिजर्वेशन व्यवस्था न होने के बावजूद परिवहन निगम ने इसे लागू किया. नतीजा यह हुआ कि रिजर्वेशन वाले कैंडिडेट ही नहीं आ पाए और पद खाली रह गए. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि श्रम एवं सेवायोजन की तरफ से उम्मीदवारों को रैंडम सिलेक्ट किया जाता है और फिर इसके बाद परिचालक बनने के लिए जो भी कैंडिडेट आते हैं उनके प्रपत्रों की जांच की जाती है. कुछ दिन पहले ही 111 कंडक्टरों की भर्ती के लिए प्रपत्रों की जांच की गई थी, इनमें से 84 उम्मीदवार सही पाए गए थे, लेकिन लास्ट तक आते-आते सिर्फ 47 ने ही ज्वाइन किया. रिजर्वेशन के चलते कई पद नहीं भरे जा सके हैं.

नहीं मिल रहे ईडब्ल्यूएस और एसटी उम्मीदवार : 288 उम्मीदवारों में से 25 पद लखनऊ रीजन में ईडब्ल्यूएस के लिए तय किए गए थे और छह पद अनुसूचित जनजाति के लिए, लेकिन ईडब्ल्यूएस होल्डर सिर्फ तीन ही कंडक्टर भर्ती हो पाए. 22 पद इसी के खाली हैं. अनुसूचित जनजाति का कोई कंडक्टर नहीं भर्ती हो पाया. अब परिवहन निगम आरक्षण को हटाकर ईडब्ल्यूएस पद वालों को जनरल से भरने की तैयारी कर रहा है, साथ ही एसटी के बजाय एससी को मौका दिया जाएगा.

क्या कहते हैं आरएम : लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि 288 कंडक्टरों की भर्ती में से 224 कंडक्टर अब तक लखनऊ रीजन को मिल चुके हैं, लेकिन अभी भी 64 कंडक्टर बसों के संचालन के लिए चाहिए. इनकी भी भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी. तीन बार टेंडर करने के बाद अब चौथी बार टेंडर करके ईडब्ल्यूएस और एसटी कोटे से जो कैंडिडेट नहीं मिल पाए हैं अब उन्हें जनरल और एससी कैटेगरी से भरा जाएगा, जिससे कंडक्टरों की कमी पूरी की जा सके.

यह भी पढ़ें : लखनऊ हादसा: बिल्डिंग के मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज , LDA ने सील की इमारत - Lucknow building accident

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.