दुर्ग : छत्तीसगढ़ में दुर्घटनाओं का ग्राफ साल दर साल बढ़ते जा रहा है. लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरुक किया जा रहा है,बावजूद इसके सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं हो रही है. दुर्ग जिले की बात करें तो जनवरी से नवंबर तक सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.अब तक 260 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान सड़क हादसों में गंवाई है.हैरानी की बात ये है कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या घटने बजाय बढ़ी हैं.
कहां हुईं सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं : दुर्ग जिले में सबसे ज्यादा दुर्घटना में पुलगांव और कुम्हारी में हुई हैं. इन दोनों ही जगहों पर 28-28 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.जनवरी से लेकर नवंबर में हुए हादसों पर गौर करें तो हर महीने जिले में 80 हादसे हो रहे हैं. सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उस पर आश्रित पूरा परिवार बिखर जाता है. इनमें से कुछ दुर्घटनाएं लापरवाही के कारण हुईं हैं.
क्या हैं दुर्घटना के कारण ?: सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाना, बिना हेलमेट,बिना सीट बेल्ट समेत ओव्हरलोडिंग दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं.जिले में यातायात नियमों के पालन करने में वाहन चालक लापरवाही कर रहे हैं. सड़क से गुजरने वाली हर 10 में से 9 बाइक सवार बिना हेलमेट के होते हैं. यही नहीं नाबालिग बच्चे भी सड़क पर वाहन दौड़ा रहे हैं. कई बार बिना लाइसेंस के तीन सवारी दोपहिया वाहन दौड़ाते नाबालिगों के साथ बड़ी दुर्घटनाएं देखने को मिलती है.इसके बाद भी लोग सबक लेने के बजाय वही गलती दोहरा रहे हैं.
यातायात नियमों का करें पालन : दुर्ग जिले में यातायात एएसपी ने यातायात नियमों का पालन करने की अपील लोगों से की है.साथ ही जिले में दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के बारे में जानकारी दी है.एएसपी ऋचा मिश्रा की माने तो शहर में कई जगह जहां पर दुर्घटनाएं हुई हैं,वहां रोशनी कम है.ऐसी जगहों पर रात के समय दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती है.इसलिए इन्हें चिन्हांकित करके पर्याप्त रोशनी का इंतजाम करने की कोशिश की जा रही है.
रात के सफर से बचें : एएसपी यातायात ऋचा शर्मा के मुताबिक सबसे ज्यादा हादसे का समय रात में सफर करना है.सबसे ज्यादा सड़क हादसे रात में होते हैं. लोगों को रात का सफर कम करना चाहिए.क्योंकि कई बार देखा गया है कि बड़े वाहन चालक थकने के बाद गाड़ियों को सड़क किनारे लगा देते हैं.ऐसे में यदि कोई परिवार किसी फंक्शन या पार्टी से रात में लौट रहा है तो सामने से आने वाली गाड़ियों के कारण ड्राइवर को सड़क किनारे खड़ा वाहन नहीं दिखता और हादसा हो जाता है.इसलिए आधी रात सफर करने से बचें.क्योंकि आप यदि सफर में निकल रहे हैं तो हादसे को दावत दे रहे हैं.
बाइक या कार खरीदते समय एक रेडियम पट्टी मिलता है. उसको अपने गाड़ी में अवश्य चिपकाएं. रेडियम दूर से आने वाले गाड़ी चालक को रिफ्लेक्ट करता है. इसे हादसों में कमी आ सकती है. हम अपील करते हैं कि सभी लोग हेलमेट लगाकर ही बाइक चलाएं. साथ ही कार चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य लगाइए, इससे दुर्घटना होने से बच सकते हैं- ऋचा मिश्रा,एएसपी यातयात
दुर्ग जिले में हादसों की बढ़ती संख्या ने सिर्फ यातायात पुलिस ही नहीं यहां रहने वाले लोगों की भी चिंता बढ़ाई है.क्योंकि यदि आप दोपहिया में हैं और किसी बड़े वाहन की गलती से दुर्घटना हुई तो आपका बचना दूसरा जीवन जैसा है.क्योंकि लोग चालानी कार्रवाई से डरने के बजाए फाइन पटाकर वही गलती दोहरा रहे हैं.इसलिए यातायात पुलिस को चाहिए कि वो शहर के मुख्य चौराहों पर कैंप लगाकर लोगों को जागरुक करें.यही नहीं रात के समय नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर भारी जुर्माना करे ताकि नियम तोड़ने वाले दूसरे वाहन चालकों पर इसका असर पड़े.