रांची: राजधानी रांची में जुगाड़ सिस्टम से बने ट्रैफिक पोस्ट के सहारे ट्रैफिक के जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. कड़ी धूप में ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवान दो पल के आराम को लेकर भी तरस रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस के जवान कड़ी धूप और बरसात में भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन दिनभर सड़क पर धूल फांक ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक के जवानों को थोड़े देर के लिए आराम भी नसीब नहीं है, क्योंकि शहर के अधिकांश ट्रैफिक पोस्ट जुगाड़ सिस्टम पर चल रहे हैं.
कहीं तंबू तो कहीं होर्डिंग का बना है ट्रैफिक पोस्ट
दावे के विपरीत राजधानी के अधिकांश चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट नहीं बन पाया है. आलम यह है कि फटे-पुराने बैनर, पोस्टर और त्रिपाल से अस्थाई ट्रैफिक पोस्ट में ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी करने को मजबूर है. कई स्थानों पर जुगाड़ सिस्टम लगाकर खुद ट्रैफिक के जवान ही पोस्ट बनाकर उसमें समय मिलने पर आराम करते हैं.
वहीं कई स्थानों पर जुगाड़ वाले पोस्ट की भी व्यवस्था नहीं है. शहर में कई ऐसे अस्थाई ट्रैफिक पोस्ट हैं, जिसे लोग रात के समय शौचालय की तरह भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे हालत में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का दिन में ड्यूटी करना भी मुहाल हो जाता है.
खुद की समस्या बता नहीं पाते जवान
मामले को लेकर जब पोस्ट ट्रैफिक जवानों से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों कहना है कि अगर वे आवाज उठाएंगे तो उनपर कार्रवाई हो सकती है. इसी वजह से दोयम दर्जे के ट्रैफिक पोस्ट में भी वह ड्यूटी करने के लिए तैयार रहते हैं.
कोशिश की जा रही है, जल्द बनेंगे पोस्ट: ट्रैफिक एसपी
राजधानी रांची में ट्रैफिक जवानों के लिए पोस्ट बनाने के लिए कई बार कागजों पर प्लान बना है लेकिन अब तक कोई भी प्लान धरती पर नहीं उतर पाया. प्लान तो यह भी था कि निजी कंपनियों के सहयोग से ट्रैफिक जवानों के लिए एसी युक्त ट्रैफिक पोस्ट बनेंगे लेकिन वह सभी योजनाएं कार्यों पर ही धरी की धरी रह गई.
ट्रैफिक जवानों को हो रही मुश्किलें और ट्रैफिक पोस्ट को लेकर जब रांची के ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द जहां-जहां ट्रैफिक पोस्ट नहीं है वहां बनवा दिया जाए. पूरे शहर में 27 ट्रैफिक पोस्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. उम्मीद है कि उसपर जल्द निर्णय ले लिया जाएगा.
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