अलवर: राजस्थान ही नहीं देश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहे अलवर के पर्यटन को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी से पंख लगने लगे हैं. इसीका नतीजा है कि जिले के पर्यटन केंद्रों पर भ्रमण के लिए अब हर साल आने वाले पर्यटकों की संख्या लाखों में पहुंच गई है. इसमें प्रमुख भूमिका ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र टाइगर रिजर्व सरिस्का, सिलीसेढ़ झील व भानगढ़ फोर्ट की रही है.
अलवर पर्यटन केन्द्रों की खान माना जाता है. यहां के 52 किले, धार्मिक पर्यटन स्थल महाराजा भर्तृहरि की तपोभूमि, महाभारतकालीन ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, टाइगर रिजर्व सरिस्का, सिलीसेढ़ झील, भूतिया किला के नाम से विख्यात अजबगढ़-भानगढ़, बाला किला समेत अनेक पर्यटन केन्द्र हैं. यही कारण है कि पर्यटकों की नजर अलवर के पर्यटन केन्द्रों पर रही है.
बाघ, बोटिंग का नजारा भी आकर्षण: जिले में टाइगर रिजर्व सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या और आसान साइटिंग के चलते देश व विदेश के पर्यटक टाइगर सफारी के लिए अब अलवर आने लगे हैं. यहां अभी 42 बाघ हैं. इस कारण पर्यटकों को बाघों की खूब साइटिंग हो रही है. वहीं सरिस्का के नजदीक स्थित सिलीसेढ़ झील की प्राकृतिक छटा और यहां बोटिंग की सुविधा भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
साथ ही ऐतिहासिक अजबगढ़-भानगढ़ के किले भी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेते हैं. वहीं जिले के धार्मिक पर्यटक केन्द्र भी पर्यटकों की उत्सुकता को बढ़ाते रहे हैं. यानी अलवर जिले की यात्रा पर आने वाला पर्यटक एक ही ट्रिप में कई पर्यटन केन्द्रों का लुत्फ उठा सकते हैं. यही कारण है कि वीक एंड पर अलवर के पर्यटन केन्द्र पर्यटकों से गुलजार रहते हैं.
एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी का मिला लाभ: दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के शुरू होने के बाद दिल्ली, जयपुर समेत अनेक बड़े शहरों की अलवर से सीधी कनेक्टिविटी हो गई है. बड़े शहरों से सीधी कनेक्टिविटी का लाभ पर्यटन क्षेत्र को भी मिला है. अब पर्यटक अन्य स्थानों पर जाने के बजाय एक्सप्रेस वे का लाभ उठा बड़े शहरों से घूमने के लिए अलवर आ रहे हैं. यही कारण है कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस शुरू होने के बाद अलवर आने वाले पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है.
न्यू ईयर पर रहता है पर्यटकों का मेला: एनसीआर के इकलौते टाइगर रिजर्व सरिस्का में सफारी करने वाले पर्यटकों का मेला रहता है. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह का कहना है कि नए साल के आगमन पर सरिस्का घूमने वालों की संख्या बढ़ जाती है. 25 दिसम्बर से 5 जनवरी तक न्यू ईयर मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक सरिस्का आते हैं. इस दौरान पूर्व में आनलाइन बुकिंग कराने वाले पर्यटकों को ही प्रवेश मिल पाता है. इस साल भी 25 दिसम्बर से आगामी 5 जनवरी तक जिप्सियों की आनलाइन बुकिंग पहले ही हो चुकी है.
होटल संचालक रितेश सैनी का कहना है कि न्यू ईयर मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक अलवर आ रहे हैं. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की अलवर से कनेक्टिविटी होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है. इससे पर्यटक स्थलों पर रौनक के साथ ही होटलों की बुकिंग अच्छी चल रही है.
वर्ष | पर्यटक |
2015 | 2,07,424 |
2016 | 2,06,328 |
2017 | 2,23,282 |
2018 | 2,89,627 |
2019 | 4,90,469 |
2020 | 2,08,204 |
2021 | 3,76,189 |
2022 | 6,63,33 |
2023 | 8,25,590 |