रामनगर: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क आने वाले पर्यटक मानसून सीजन में अब जंगल सफारी नहीं, बल्कि वाटर सफारी यानी रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा रहे हैं. जी हां, कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटक इन दिनों कोसी नदी में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा रहे है. ऋषिकेश के बाद अब पर्यटक रामनगर में भी रिवर राफ्टिंग कर वाइल्डलाइफ के दीदार के साथ एडवेंचर टूरिज्म का भी मजा ले रहे हैं.
मानसून सीजन में कॉर्बेट के दो जोन में ही होती है जंगल सफारी: बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ज्यादातर पर्यटक जोन को हर मानसून सीजन में सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दिया जाता है. जिसके चलते पार्क के केवल दो जोन झिरना पर्यटन और ढेला पर्यटन जोन में ही जंगल सफारी का लुफ्त पर्यटक उठाते हैं. इसके अलावा सभी जोनों को बंद किया गया है. वहीं, भारी बारिश होने पर इन दो जोनों को भी बंद कर दिया जाता है.
कोसी नदी पर रिवर राफ्टिंग मजा ले रहे पर्यटक: वहीं, अब मानसून में कॉर्बेट लैंडस्केप में बहने वाली कोसी नदी पर रिवर राफ्टिंग का अनुभव पर्यटक ले रहे हैं. यहां कोसी नदी की मध्यम धारा और शांत पानी राफ्टिंग के लिए अनुकूल है. राफ्टिंग की गतिविधियां यहां आमतौर पर मानसून के दौरान और बारिश के बाद होती है, जब नदी के पानी की बहने की तीव्रता बढ़ जाती है. राफ्टिंग के दौरान कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटक यहां प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच का लुत्फ उठाते हैं.
कोसी नदी में राफ्टिंग बेहद आसान और सुरक्षित: कोसी नदी में राफ्टिंग की गतिविधियां पेशेवर गाइड की ओर से आयोजित की जा रही है. जो पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. रामनगर में रिवर राफ्टिंग का समय जून से लेकर अक्टूबर तक मुफीद है. ऋषिकेश के मुकाबले कोसी नदी में की जाने वाली रिवर राफ्टिंग बेहद आसान और सुरक्षित माना जाता है. कोसी नदी में पानी कम होता है और आस पास पुलिस की भी तैनाती रहती है.
एक साथ वाइल्डलाइफ और एडवेंचर टूरिज्म का मजा: कोसी नदी में रिवर राफ्टिंग करीब 12 से 15 किलोमीटर के जल क्षेत्र में कराई जा रही है. पर्यटक जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की वाइल्डलाइफ के साथ एडवेंचर टूरिज्म का भी मजा ले रहे हैं. कोसी नदी में राफ्टिंग कराने के लिए कई कंपनियां उपलब्ध हैं. ये सभी कंपनियां सरकार के मानकों का पालन करती है. रिवर राफ्टिंग के दौरान कोसी नदी में स्थित गर्जिया माता मंदिर से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन पार करना होता है.
क्या बोले राफ्ट संचालक दीप मलकानी? वहीं, राफ्ट संचालक दीप मलकानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि वो पूरी सुरक्षा के बीच में एक नेचर गाइड और एक हेल्पर के साथ 8 लोगों को एक बार में रिवर राफ्टिंग या वाटर सफारी करवा रहे हैं. जिसमें उनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है. अन्य जगहों के मुकाबले कोसी नदी में रिवर राफ्टिंग करना काफी सुरक्षित माना जाता है.
रिवर राफ्टिंग में गोल्ड मेडलिस्ट विपिन भंडारी ने कही ये बात: रिवर राफ्टिंग में गोल्ड मेडलिस्ट और ऋषिकेश समेत अन्य नदियों में राफ्टिंग करने वाले एक्सपर्ट गाइड विपिन भंडारी कहते हैं कि जब वो पर्यटकों को रिवर राफ्टिंग कराते हैं तो पूरे नियम बताते हैं. जैसे अगर राफ्ट ब्लास्ट होता है तो डरने की जरूरत नहीं. क्योंकि, यह राफ्ट कई लेयर की होती है.
कोसी नदी में राफ्टिंग कर पर्यटक खुश: उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में जून-जुलाई-अगस्त तक रिवर राफ्टिंग बंद कर दी जाती है. क्योंकि, पानी का बहाव ज्यादा होता है. ऐसे में सैलानी रामनगर की कोसी नदी में रिवर राफ्टिंग या वाटर सफारी का आनंद ले सकते हैं. कॉर्बेट पार्क आने वाले पर्यटक मानसून में कई जोनों में जंगल सफारी बंद होने के चलते वाटर सफारी का लुत्फ उठा रहे हैं. पर्यटकों का कहना है कि उन्हें कोसी नदी में राफ्टिंग कर मजा आ रहा है. वो पूरा एडवेंचर का लुत्फ उठा रहे हैं.
"राफ्टिंग चलाने को लेकर शासन (पर्यटन विभाग) की तरफ से इन्हें 1 साल की अनुमति मिली है, लेकिन पूरे साल कोसी नदी में राफ्टिंग नहीं की जा सकती. क्योंकि, बरसात के बाद कोसी नदी का जलस्तर कम हो जाता है. जिससे राफ्टिंग में पत्थर वगैरह लगने से राफ्टिंग के फटने का खतरा बना रहता है. ऐसे में राफ्टिंग संचालक केवल 3 महीने यानी जुलाई अगस्त और सितंबर में ही राफ्टिंग को संचालित करते हैं. इस वक्त चंपावत की शारदा नदी और रामनगर के कोसी नदी में राफ्टिंग संचालित की जा रही है." -दिगंत नायक, डीएफओ, रामनगर वन प्रभाग
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