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सियासी 'मंडी' में 'क्वीन' और 'किंग' के बीच होगी जंग, क्या कंगना को मात दे पाएंगे विक्रमादित्य? - Lok Sabha Elections 2024

Fight Between Kangana Ranaut And Vikramaditya Singh: हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट पर क्वीन और किंग के बीच कांटे की टक्कर होगी. जहां कंगना को पीएम मोदी लहर और बीजेपी कार्यकर्ताओं के कैडर का फायदा मिल सकता है. वहीं, विक्रमादित्य को वीरभद्र के विरासत का फायदा मिल सकता है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या विक्रमादित्य कंगना को मात दे पाएंगे?

Kangana Ranaut and Vikramaditya Singh
Kangana Ranaut and Vikramaditya Singh
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 14, 2024, 10:48 PM IST

शिमला: हिमाचल में मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी रण में उतारा है. दिल्ली में शनिवार को हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में सुक्खू सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के नाम पर मुहर लग गई. वहीं, मंडी से भाजपा ने सिने तारिका कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब मंडी में चुनावी मुकाबला बॉलीवुड क्वीन बनाम बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य सिंह के बीच होने वाला है. जिससे मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

भाजपा ने कंगना पर जताया भरोसा: कंगना रनौत युवा होने के साथ बॉलीवुड की जानी मानी स्टार्स में से एक है. इस तरह चार लोकसभा सीटों वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल देश की राजनीति में मंडी सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है. वहीं, कांग्रेस में हुए लंबे मंथन के बाद भी कंगना के मुकाबले में हिमाचल सरकार के युवा कैबिनेट मंत्री को चुनाव मैदान में उतारा है. जिससे अब मंडी में समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. प्रदेश सहित देश भर की नजरें भी मंडी सीट पर लगी हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या बुशहर रियासत के किंग बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मात दे पाएंगे?

मंडी बन गई हॉट सीट: अपने दमदार अभिनय के बदौलत बॉलीवुड में मुकाम बनाने वाली कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं. क्वीन के राजनीति मैदान में उतरने की लंबे समय से अटकलें लग रही थीं. लेकिन इस बार मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने कंगना रनौत को टिकट देकर अटकलों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही मंडी सीट वीवीआईपी हो गई. अब देश भर के मीडिया में कंगना की दावेदारी से लेकर उनके समय-समय पर दिए जा रहे बयान सुर्खियां बटौर रही है. वहीं कांग्रेस मंडी से प्रतिभा सिंह को चुनाव मैदान में उतरना चाह रही थी, लेकिन वर्तमान सांसद की हां और न के बीच पार्टी हाईकमान ने अपने विचार को बदलते हुए मंडी से युवा व जाने पहचाने चेहरे को कंगना के मुकाबले में उतारने का मन बना लिया था. जिसमें विक्रमादित्य सिंह के पक्ष में वीरभद्र सिंह की छवि, युवा कार्यकर्ताओं का समर्थन और कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक एक बड़ा फैक्टर रहा.

विक्रमादित्य सिंह पर कांग्रेस ने खेला दांव: विक्रमादित्य सिंह को भी राजनीति में आए काफी लंबा समय हो गया है. उनके पास विभिन्न पदों पर रह कर पार्टी की सेवा करने का एक लंबा अनुभव है. वे युवा कांग्रेस में रहे हैं और शिमला ग्रामीण सीट लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. यही नहीं उन्हें भारी-भरकम लोक निर्माण विभाग के साथ शहरी विकास मंत्री भी बनाया गया है. विक्रमादित्य सिंह युवा हैं और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाली मंडी सीट पर प्रचार में पसीना बहा सकते हैं. ऐसे में मंडी से दो फ्रेश युवा उम्मीदवारों के लिए चुनाव जंग टक्कर की रहने वाली है.

विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर: विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के छह बार के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की मुखिया और वर्तमान में मंडी से सांसद भी हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की विक्रमादित्य के खून में राजनीति है. इस बार विक्रमादित्य सिंह शिमला (ग्रामीण) सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में वे पहली बार विधायक बने थे. प्रदेश की राजनीति में राज परिवार का कई दशकों का लंबा अनुभव है. मंडी सीट से वीरभद्र सिंह भी तीन बार सांसद बन चुके हैं.

कंगना और विक्रमादित्य में होगा मुकाबला: वहीं, विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह भी स्टिंग एमपी हैं. इससे पहले भी प्रतिभा सिंह दो बार मंडी से सांसद चुनी जा चुकी हैं. इस सीट पर अधिकांश राजपरिवार के सदस्य ही विजयी हुए हैं. जिससे मंडी सीट पर राजपरिवारों का दबदबा रहा है. ऐसे में विक्रमादित्य सिंह को मंडी सीट पर परंपरागत वोट बैंक का भी लाभ मिल सकता है. वहीं मंडी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र है. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल से हैं. इसके अतिरिक्त कंगना भी बॉलीवुड के बड़े नाम में से एक है. इस तरह से किंग और बॉलीवुड क्वीन कंगना बीच होने वाली कड़ी टक्कर से मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

ये भी पढ़ें: मंडी में 'क्वीन' वर्सेज 'किंग' मुकाबला, विक्रमादित्य के लिए चुनाव में क्या है जीत और हार के मायने?

शिमला: हिमाचल में मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी रण में उतारा है. दिल्ली में शनिवार को हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में सुक्खू सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह के नाम पर मुहर लग गई. वहीं, मंडी से भाजपा ने सिने तारिका कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब मंडी में चुनावी मुकाबला बॉलीवुड क्वीन बनाम बुशहर रियासत के राजा विक्रमादित्य सिंह के बीच होने वाला है. जिससे मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

भाजपा ने कंगना पर जताया भरोसा: कंगना रनौत युवा होने के साथ बॉलीवुड की जानी मानी स्टार्स में से एक है. इस तरह चार लोकसभा सीटों वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल देश की राजनीति में मंडी सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है. वहीं, कांग्रेस में हुए लंबे मंथन के बाद भी कंगना के मुकाबले में हिमाचल सरकार के युवा कैबिनेट मंत्री को चुनाव मैदान में उतारा है. जिससे अब मंडी में समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. प्रदेश सहित देश भर की नजरें भी मंडी सीट पर लगी हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या बुशहर रियासत के किंग बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मात दे पाएंगे?

मंडी बन गई हॉट सीट: अपने दमदार अभिनय के बदौलत बॉलीवुड में मुकाम बनाने वाली कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं. क्वीन के राजनीति मैदान में उतरने की लंबे समय से अटकलें लग रही थीं. लेकिन इस बार मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने कंगना रनौत को टिकट देकर अटकलों पर विराम लगा दिया. इसके साथ ही मंडी सीट वीवीआईपी हो गई. अब देश भर के मीडिया में कंगना की दावेदारी से लेकर उनके समय-समय पर दिए जा रहे बयान सुर्खियां बटौर रही है. वहीं कांग्रेस मंडी से प्रतिभा सिंह को चुनाव मैदान में उतरना चाह रही थी, लेकिन वर्तमान सांसद की हां और न के बीच पार्टी हाईकमान ने अपने विचार को बदलते हुए मंडी से युवा व जाने पहचाने चेहरे को कंगना के मुकाबले में उतारने का मन बना लिया था. जिसमें विक्रमादित्य सिंह के पक्ष में वीरभद्र सिंह की छवि, युवा कार्यकर्ताओं का समर्थन और कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक एक बड़ा फैक्टर रहा.

विक्रमादित्य सिंह पर कांग्रेस ने खेला दांव: विक्रमादित्य सिंह को भी राजनीति में आए काफी लंबा समय हो गया है. उनके पास विभिन्न पदों पर रह कर पार्टी की सेवा करने का एक लंबा अनुभव है. वे युवा कांग्रेस में रहे हैं और शिमला ग्रामीण सीट लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. यही नहीं उन्हें भारी-भरकम लोक निर्माण विभाग के साथ शहरी विकास मंत्री भी बनाया गया है. विक्रमादित्य सिंह युवा हैं और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाली मंडी सीट पर प्रचार में पसीना बहा सकते हैं. ऐसे में मंडी से दो फ्रेश युवा उम्मीदवारों के लिए चुनाव जंग टक्कर की रहने वाली है.

विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर: विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के छह बार के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की मुखिया और वर्तमान में मंडी से सांसद भी हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की विक्रमादित्य के खून में राजनीति है. इस बार विक्रमादित्य सिंह शिमला (ग्रामीण) सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में वे पहली बार विधायक बने थे. प्रदेश की राजनीति में राज परिवार का कई दशकों का लंबा अनुभव है. मंडी सीट से वीरभद्र सिंह भी तीन बार सांसद बन चुके हैं.

कंगना और विक्रमादित्य में होगा मुकाबला: वहीं, विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह भी स्टिंग एमपी हैं. इससे पहले भी प्रतिभा सिंह दो बार मंडी से सांसद चुनी जा चुकी हैं. इस सीट पर अधिकांश राजपरिवार के सदस्य ही विजयी हुए हैं. जिससे मंडी सीट पर राजपरिवारों का दबदबा रहा है. ऐसे में विक्रमादित्य सिंह को मंडी सीट पर परंपरागत वोट बैंक का भी लाभ मिल सकता है. वहीं मंडी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र है. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल से हैं. इसके अतिरिक्त कंगना भी बॉलीवुड के बड़े नाम में से एक है. इस तरह से किंग और बॉलीवुड क्वीन कंगना बीच होने वाली कड़ी टक्कर से मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.

ये भी पढ़ें: मंडी में 'क्वीन' वर्सेज 'किंग' मुकाबला, विक्रमादित्य के लिए चुनाव में क्या है जीत और हार के मायने?

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