जोधपुर. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान संपन्न हो चुका है. अब 26 अप्रैल को शेष बचे 13 सीटों पर मतदान होना है, जिसको लेकर चुनाव प्रचार चरम पर है. 13 सीटों के लिए कुल 152 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सभी उम्मीदवारों की ओर से दिए गए शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने रिपोर्ट बनाई है, जिसमें बताया गया है कि कौन प्रत्याशी कितना अमीर-गरीब है और किसके खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित है.
रिपोर्ट के अनुसार 16 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित है. इन सभी प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 4 करोड़ रुपए हैं. व्यक्तिगत संपत्ति की बात करें तो सर्वाधिक संपत्ति भाजपा के टोंक-सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़ रहे सुखबीर सिंह जौनपुरिया के पास है. जौनपुरिया कुल 142 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति के मालिक हैं. जबकि दूसरे स्थान पर कांग्रेस के चित्तौड़गढ़ से प्रत्याशी पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना है, जिनकी संपत्ति 118 करोड़ रुपए है. तीसरे स्थान पर जोधपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी करणसिंह उचियारडा के पास 75 करोड़ से ज्यादा की चल अचल संपत्ति है. सबसे कम संपत्ति जोधपुर से चुनाव लड़ रहीं दलित क्रांति दल की प्रत्याशी शहनाज बानो के पास सिर्फ दो हजार रुपए है.
49 उम्मीदवार करोड़पति : प्रदेश में दूसरे चरण के तहत अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जालौर, झालावाड़-बारां, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, टोंक-सवाई माधोपुर और उदयपुर लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 152 में से 49 उम्मीदवार करोड़पति हैं. कह सकते हैं कि हर तीसरा उम्मीदवार करोड़पति हैं, लेकिन ऐसे भी कई उम्मीदवार है जिनके पास सिर्फ हजारों में ही नकद राशि है.
उम्मीदवारों के पास न घर न जमीन : 152 प्रत्याशियों में कई ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने शपथ पत्र में शून्य अचल संपत्ति बताई है. इनके पास न घर है न जमीन. किराए के मकान में रहते हैं. इनमें सबसे कम चल संपत्ति जोधपुर की शहनाज बानो के पास दो हजार रुपए ही है. अचल संपत्ति शून्य है. भीलवाड़ा के निर्दलीय नारायण लाल के पास दस हजार रुपए नकद है लेकिन अचल संपत्ति शून्य है. बांसवाड़ा के निर्दलीय प्रत्याशी राजकुमार पुत्र हीरालाल के पास चल संपत्ति के रूप में 11,500 रुपए हैं, इनके पास भी अचल संपत्ति शून्य है.
16 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले : एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कुल 152 उम्मीदवारों में 16 प्रतिशत यानी 25 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ अपाराधिक मामले होने की जानकारी दी है. इनमें भाजपा व कांग्रेस के तीन-तीन प्रत्याशी हैं. इनके अलावा अन्य दलों के 9 व दस निर्दलीय प्रत्याशी हैं. 11 प्रतिशत यानी 16 प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर प्रकार के आपराधिक मामले होने की जानकारी दी हैं. इनमें सर्वाधिक कांग्रेस के तीन उम्मीदवार हैं. शेष 13 में से 7 निर्दलीय व शेष छह उम्मीदवार अन्य दलों के हैं. भाजपा के एक भी उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर अपराधिक मामला नहीं चल रहा है.
गंभीर आपराधिक मामलों के मापदंड :
- पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध.
- गैर ज़मानती अपराध.
- चुनाव से संबंधित अपराध (धारा 171 अथवा रिश्वतखोरी).
- सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराध.
- हमला, हत्या, अपहरण व बलात्कार से संबंधित अपराध.
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में उल्लेखित अपराध (धारा 8).
- भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम कानून के तहत अपराध.