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टमाटर की खेती से मालामाल हो रहे हजारीबाग के किसान, सरकार से सॉस फैक्ट्री लगाने की है मांग - TOMATO OF HAZARIBAG

हजारीबाग का टमाटर देश के कोने-कोने तक पहुंचता है. यहां के किसान चाहते हैं कि जिले में सॉस की फैक्ट्री लगाई जाए.

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ग्राफिक्स डिजाइन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 30, 2024, 3:55 PM IST

हजारीबाग: कृषि प्रधान क्षेत्र है हजारीबाग. यहां का टमाटर पूरे देश भर में जाना जाता है. यही कारण है कि यहां पढ़े लिखे युवा भी जमीन लीज पर लेकर टमाटर की खेती करते हैं. हजारीबाग की बात की जाए तो एक साल में लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक के टमाटर का व्यापार होता है. कटकमसांडी, चरचू, कटकमदाग, इचाक, पदमासरिया, बहिमर, लूपुंग प्रमुख क्षेत्र है जहां सालों भर टमाटर की खेती होती है.

यह टमाटर कोलकाता, दिल्ली, बिहार, दक्षिण भारत के राज्यों तक पहुंचता है. यहां बाहर के व्यापारी पहुंचते हैं और नकद पैसा देकर टमाटर ले जाते हैं. यहां के टमाटर का स्वाद भी बेहद स्वादिष्ट होता है. इतना ही नहीं टमाटर तैयार होने के बाद दो-चार दिनों तक इसे रखने के बाद भी खराब नहीं होता है

जानकारी देते संवाददाता गौरव (ETV BHARAT)

यही कारण है कि यहां टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है. पढ़े-लिखे युवा बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. टमाटर 100 रुपये प्रति किलो से लेकर 50 रुपये किलो तक दूसरे राज्यों तक पहुंचता है.

टमाटर यहां बड़े पैमाने पर होने के बावजूद किसानों को उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. यहां के किसान चाहते हैं कि हजारीबाग में सॉस के बड़ी फैक्ट्री लगाई जाएं, ताकि किसानों को सही मूल्य और बाजार स्थानीय स्तर पर ही मिल जाए. जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सके.

टॉमेटो सॉस की फैक्ट्री की डिमांड

किसान कहते हैं कि टमाटर का जीवन छोटा होता है. समय पर व्यापारी नहीं आए तो टमाटर बर्बाद हो जाता है. कभी-कभी टमाटर हजारीबाग में हद से ज्यादा हो जाता है और उस वक्त टमाटर सड़क या जंगल में फेंकना पड़ता है. टमाटर का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. इसे देखते हुए अब हजारीबाग में टॉमेटो सॉस की फैक्ट्री लगाई जाए.

करोड़ों रुपये के टमाटर की होती है सप्लाई

हजारीबाग के रूपेश कुमार जो आईटीआई की परीक्षा पास किए हैं और विदेश में नौकरी कर रहे थे. किसी कारणवश उन्हें वापस स्वदेश लौटना पड़ा. उन्होंने खेती को अपना रोजगार बनाया और टमाटर की खेती करना शुरू किया. लगभग 7 एकड़ जमीन में वह हजारीबाग के सदर प्रखंड के चंदवार में खेती कर रहे हैं.

उनका कहना है कि हजारीबाग में टमाटर की खेती ने उद्योग का दर्जा प्राप्त कर लिया है, यहां से करोड़ों-करोड़ों रुपये का टमाटर दूसरे राज्यों तक पहुंच रहा है. सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि अब पढ़ें-लिखे लोग भी टमाटर की खेती करते हैं. टमाटर की खेती करने से ग्रामीण इलाकों में रोजगार का भी सृजन हो रहा है. 7 एकड़ की खेत में 40 मजदूर काम करते हैं. उन मजदूरों को भी रोजगार मिल रहा है. अब सरकार को चाहिए कि हजारीबाग में सॉस का प्लांट लगा दे ताकि टमाटर बाहर भेजने के बजाय हजारीबाग में ही बिक्री हो और अच्छा मूल्य भी मिल सके.

ये भी पढ़ें: लाल टमाटर से मालामाल लातेहार के किसान, खटाखट आ रहे जेब में पैसे

ये भी पढ़ें: रास नहीं आया परदेस-गांव लौट खेती को बनाया रोजगार! जानें, रुपेश की पूरी कहानी

हजारीबाग: कृषि प्रधान क्षेत्र है हजारीबाग. यहां का टमाटर पूरे देश भर में जाना जाता है. यही कारण है कि यहां पढ़े लिखे युवा भी जमीन लीज पर लेकर टमाटर की खेती करते हैं. हजारीबाग की बात की जाए तो एक साल में लगभग 50 करोड़ रुपए से अधिक के टमाटर का व्यापार होता है. कटकमसांडी, चरचू, कटकमदाग, इचाक, पदमासरिया, बहिमर, लूपुंग प्रमुख क्षेत्र है जहां सालों भर टमाटर की खेती होती है.

यह टमाटर कोलकाता, दिल्ली, बिहार, दक्षिण भारत के राज्यों तक पहुंचता है. यहां बाहर के व्यापारी पहुंचते हैं और नकद पैसा देकर टमाटर ले जाते हैं. यहां के टमाटर का स्वाद भी बेहद स्वादिष्ट होता है. इतना ही नहीं टमाटर तैयार होने के बाद दो-चार दिनों तक इसे रखने के बाद भी खराब नहीं होता है

जानकारी देते संवाददाता गौरव (ETV BHARAT)

यही कारण है कि यहां टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है. पढ़े-लिखे युवा बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. टमाटर 100 रुपये प्रति किलो से लेकर 50 रुपये किलो तक दूसरे राज्यों तक पहुंचता है.

टमाटर यहां बड़े पैमाने पर होने के बावजूद किसानों को उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. यहां के किसान चाहते हैं कि हजारीबाग में सॉस के बड़ी फैक्ट्री लगाई जाएं, ताकि किसानों को सही मूल्य और बाजार स्थानीय स्तर पर ही मिल जाए. जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सके.

टॉमेटो सॉस की फैक्ट्री की डिमांड

किसान कहते हैं कि टमाटर का जीवन छोटा होता है. समय पर व्यापारी नहीं आए तो टमाटर बर्बाद हो जाता है. कभी-कभी टमाटर हजारीबाग में हद से ज्यादा हो जाता है और उस वक्त टमाटर सड़क या जंगल में फेंकना पड़ता है. टमाटर का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. इसे देखते हुए अब हजारीबाग में टॉमेटो सॉस की फैक्ट्री लगाई जाए.

करोड़ों रुपये के टमाटर की होती है सप्लाई

हजारीबाग के रूपेश कुमार जो आईटीआई की परीक्षा पास किए हैं और विदेश में नौकरी कर रहे थे. किसी कारणवश उन्हें वापस स्वदेश लौटना पड़ा. उन्होंने खेती को अपना रोजगार बनाया और टमाटर की खेती करना शुरू किया. लगभग 7 एकड़ जमीन में वह हजारीबाग के सदर प्रखंड के चंदवार में खेती कर रहे हैं.

उनका कहना है कि हजारीबाग में टमाटर की खेती ने उद्योग का दर्जा प्राप्त कर लिया है, यहां से करोड़ों-करोड़ों रुपये का टमाटर दूसरे राज्यों तक पहुंच रहा है. सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि अब पढ़ें-लिखे लोग भी टमाटर की खेती करते हैं. टमाटर की खेती करने से ग्रामीण इलाकों में रोजगार का भी सृजन हो रहा है. 7 एकड़ की खेत में 40 मजदूर काम करते हैं. उन मजदूरों को भी रोजगार मिल रहा है. अब सरकार को चाहिए कि हजारीबाग में सॉस का प्लांट लगा दे ताकि टमाटर बाहर भेजने के बजाय हजारीबाग में ही बिक्री हो और अच्छा मूल्य भी मिल सके.

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