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ड्रेनेज सिस्टम सुधारने को लेकर जद्दोजहद, 80 फीसदी से ज्यादा नालों की सफाई, निकाला 21 हजार टन मलबा - Drainage Cleaning

मानसून को देखते हुए जयपुर में इस बार नालों की सफाई करीब 2 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी और अब तक करीब 80 फ़ीसदी छोटे-बड़े नालों की सफाई पूरी की जा चुकी है. इन नालों से करीब 21 हजार टन मलबा निकाला गया है.

जयपुर में नालों की सफाई
जयपुर में नालों की सफाई (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 2, 2024, 5:22 PM IST

जयपुर में नालों की सफाई (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. भीषण गर्मी और हीट वेव से शनिवार को जयपुर वासियों को कुछ राहत मिली. नौतपा के के बीच आंधी और बरसात से लू के थपेड़ों का असर थोड़ा कम हुआ. मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में अब फिक्र जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर है. हालांकि, आने वाले मानसून को देखते हुए इस बार नालों की सफाई करीब 2 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी और अब तक करीब 80 फ़ीसदी छोटे-बड़े नालों की सफाई पूरी की जा चुकी है. इन नालों से करीब 21 हजार टन मलबा निकाला गया है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि जून महीने में ही नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा.

राजधानी में हर साल मानसून की पहली बारिश में ही सड़के नालों में तब्दील हो जाती थी और बरसाती नाले उफान मारना शुरू कर देते थे. नालों की सफाई के लिए हेरिटेज नगर निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा ने खुद मौके पर जाकर इंजीनियर्स की टीम के साथ नालों का निरीक्षण भी किया. इस दौरान पाया गया कि नागतलाई और ब्रह्मपुरी से बहने वाले दोनों नालों के बीच में कुछ जगह पर पानी का ठहराव ज्यादा रहता है, जिससे बारिश तेज होने पर इनका पानी बाहर सड़क पर आ जाता है.

ऐसे में उन स्थानों को चिह्नित कर ये निर्देश दिए है कि दोनों नालों के जिन प्वाइंट्स पर पानी का बहाव ज्यादा रहता है, वहां पर नाले की निचली सतह तक सफाई कर मलबा निकाला जाए. ऐसे में आयुक्त के निर्देश के बाद गैराज शाखा एलएनटी और जेसीबी की सहायता से हर दिन सैकड़ों टन मलबा नालों से निकाल रहे हैं. गैराज शाखा का दावा है कि जून के पहले सप्ताह में ही दोनों नालों की पूरी सफाई कर ली जाएगी.

इसे भी पढ़ें-उबलते राजस्थान में सुकून की बारिश, इन 13 जिलों में तेज हवाओं के साथ बरसात के बने आसार - Rain In Rajasthan

350 टन मलबा निकाला जा रहा : कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने बताया कि राजधानी में हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले बड़े नालों से पिछले दो महीने में 21 हजार टन से ज्यादा मलबा निकाला जा चुका है और नाला सफाई कार्य लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है. वहीं, बड़े नालों की सफाई के लिए निगम ने छह पॉइंट बनाए हैं. इन पॉइंट्स पर नाला काफी गहरा है, जहां पिछले कई सालों में सफाई नहीं हो पाई है. इन छह प्वाइंट से हर दिन 350 टन मलबा निकाला जा रहा है.

गंगापोल प्वाइंट, बास बदनपुरा पांच नीम, मण्डी खटीकान, चौगान स्टेडियम प्वाइंट, कागदीवाड़ा नाला, शास्त्री नगर नाहरी का नाका पॉइन्ट बनाया गया है. वहीं, नालोें से निकलने वाले मलबे को निगम के डम्पर और ट्रेक्टर से पहले दिल्ली रोड स्थित लाल डूंगरी अस्थाई डम्पिंग यार्ड में ले जाते है, वहां से मथुरादास पुरा कचरा डिपो में पहुंचाया जा रहा है.

आपको बता दें कि हेरिटेज निगम क्षेत्र में दो ही बड़े नाले आते है, जिनमें नागतलाई नाला और ब्रह्मपुरी नाला है. नाग तलाई नाला दिल्ली रोड पर स्थित आमागढ़ की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित नागतलाई कॉलोनी से शुरू होता है, जो कि गलता गेट, ईदगाह, बास बदनपुरा और रामगढ़ मोड होते हुए जलमहल पर पहुंचता है. वहीं, ब्रह्मपुरी नाला नाहरगढ़ की तलहटी से शुरू होकर ग्यारह मोरी, चौगान स्टेडियम, ब्रह्मपुरी होता हुआ कागदीवाड़ा से जलमहल पहुंचता है. पिछली बार मानसून की बारिश के दौरान कई जगहों पर दोनों नालों में पानी उफान मार कर सड़क तक आ गया था.

जयपुर में नालों की सफाई (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. भीषण गर्मी और हीट वेव से शनिवार को जयपुर वासियों को कुछ राहत मिली. नौतपा के के बीच आंधी और बरसात से लू के थपेड़ों का असर थोड़ा कम हुआ. मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में अब फिक्र जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर है. हालांकि, आने वाले मानसून को देखते हुए इस बार नालों की सफाई करीब 2 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी और अब तक करीब 80 फ़ीसदी छोटे-बड़े नालों की सफाई पूरी की जा चुकी है. इन नालों से करीब 21 हजार टन मलबा निकाला गया है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि जून महीने में ही नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा.

राजधानी में हर साल मानसून की पहली बारिश में ही सड़के नालों में तब्दील हो जाती थी और बरसाती नाले उफान मारना शुरू कर देते थे. नालों की सफाई के लिए हेरिटेज नगर निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा ने खुद मौके पर जाकर इंजीनियर्स की टीम के साथ नालों का निरीक्षण भी किया. इस दौरान पाया गया कि नागतलाई और ब्रह्मपुरी से बहने वाले दोनों नालों के बीच में कुछ जगह पर पानी का ठहराव ज्यादा रहता है, जिससे बारिश तेज होने पर इनका पानी बाहर सड़क पर आ जाता है.

ऐसे में उन स्थानों को चिह्नित कर ये निर्देश दिए है कि दोनों नालों के जिन प्वाइंट्स पर पानी का बहाव ज्यादा रहता है, वहां पर नाले की निचली सतह तक सफाई कर मलबा निकाला जाए. ऐसे में आयुक्त के निर्देश के बाद गैराज शाखा एलएनटी और जेसीबी की सहायता से हर दिन सैकड़ों टन मलबा नालों से निकाल रहे हैं. गैराज शाखा का दावा है कि जून के पहले सप्ताह में ही दोनों नालों की पूरी सफाई कर ली जाएगी.

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350 टन मलबा निकाला जा रहा : कमिश्नर अभिषेक सुराणा ने बताया कि राजधानी में हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले बड़े नालों से पिछले दो महीने में 21 हजार टन से ज्यादा मलबा निकाला जा चुका है और नाला सफाई कार्य लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है. वहीं, बड़े नालों की सफाई के लिए निगम ने छह पॉइंट बनाए हैं. इन पॉइंट्स पर नाला काफी गहरा है, जहां पिछले कई सालों में सफाई नहीं हो पाई है. इन छह प्वाइंट से हर दिन 350 टन मलबा निकाला जा रहा है.

गंगापोल प्वाइंट, बास बदनपुरा पांच नीम, मण्डी खटीकान, चौगान स्टेडियम प्वाइंट, कागदीवाड़ा नाला, शास्त्री नगर नाहरी का नाका पॉइन्ट बनाया गया है. वहीं, नालोें से निकलने वाले मलबे को निगम के डम्पर और ट्रेक्टर से पहले दिल्ली रोड स्थित लाल डूंगरी अस्थाई डम्पिंग यार्ड में ले जाते है, वहां से मथुरादास पुरा कचरा डिपो में पहुंचाया जा रहा है.

आपको बता दें कि हेरिटेज निगम क्षेत्र में दो ही बड़े नाले आते है, जिनमें नागतलाई नाला और ब्रह्मपुरी नाला है. नाग तलाई नाला दिल्ली रोड पर स्थित आमागढ़ की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित नागतलाई कॉलोनी से शुरू होता है, जो कि गलता गेट, ईदगाह, बास बदनपुरा और रामगढ़ मोड होते हुए जलमहल पर पहुंचता है. वहीं, ब्रह्मपुरी नाला नाहरगढ़ की तलहटी से शुरू होकर ग्यारह मोरी, चौगान स्टेडियम, ब्रह्मपुरी होता हुआ कागदीवाड़ा से जलमहल पहुंचता है. पिछली बार मानसून की बारिश के दौरान कई जगहों पर दोनों नालों में पानी उफान मार कर सड़क तक आ गया था.

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