रांची: ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में भगवान भोलेनाथ का तिलकोत्सव धूमधाम से मनाया गया. काफी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल हुए. वहीं जगह-जगह सरस्वती पूजा की भी धूम रही.
बता दें क कि रातू रोड के आर्यपुरी शिव पंच मंदिर परिसर से ढोल नगाड़े के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिलक शोभायात्रा में शामिल हुए. खास बात यह रही कि जितने भी श्रद्धालु तिलकोत्सव में शामिल हुए सभी के हाथों में परंपरा को निभाने के लिए कोई न कोई उपहार भगवान भोलेनाथ के लिए जरूर था. आर्यपुरी से भगवान भोलेनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए पहाड़ी मंदिर के लिए निकले लोगों ने बताया कि उन्होंने खुद को हिमालय परिवार का सदस्य मानते हुए आज भगवान भोलेनाथ को तिलक चढ़ाया है और महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ शिव बारात लेकर आयेंगे और माता पार्वती के साथ परिणय सूत्र में बंध जाएंगे. श्रद्धालुओं ने कहा कि वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है.
आर्यपुरी से शोभा यात्रा के रूप में पहाड़ी मंदिर पहुंचने पर तिलक लेकर आये हिमालय परिवार के लोगों का शिव परिवार की ओर से खूब आदर सत्कार किया गया. इसके बाद, बाबा भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार और महाआरती की गई. धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य और पहाड़ी बाबा मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव राकेश सिन्हा भी तिलकोत्सव में शामिल हुए.
वर दे वीणावादिनी और सरस्वती माता के जयकारे से गूंजी रांची
एक ओर जहां बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान भोलेनाथ का तिलकोत्सव हुआ, वहीं राजधानी में खासकर शिक्षण संस्थानों में सरस्वती आराधना की धूम रही. रिम्स, रांची यूनिवर्सिटी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के साथ साथ निजी शिक्षण संस्थानों, कोचिंग संस्थानों और अलग अलग पूजा समितियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर विद्या की देवी की आराधना पूरे भक्तिभाव की गई. रिम्स के मैदान में जहां आकर्षक पूजा पंडाल बनाये गए हैं, जो राम मंदिर का प्रारूप है तो किशोरगंज में आकर्षक सजावट की गई है.
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