जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से खुशी की खबर आई है. बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया है. इनमें एक सफेद और तीन गोल्डन कलर के शावक हैं. वन विभाग ने शावकों और बाघिन की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है. शावकों का जन्म होने की सूचना मिलते ही डीसीएफ जगदीश गुप्ता भी मौके पर पहुंचे. बाघिन रानी का बाघ शिवाजी के साथ जोड़ा बनाया गया था.
बाघिन रानी को मार्च 2021 में उड़ीसा के नंदनकानन से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था. वहीं, बाघ शिवाजी को जुलाई 2022 में ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से लाया गया था. डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि जयपुर में शुक्रवार सुबह बाघिन रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया है. इनमें एक का रंग सफेद और दो गोल्डन कलर के हैं. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से बाघिन और शावकों की मॉनिटरिंग की जा रही है. सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है.
वन्यजीव प्रेमियों में खुशी: बाघिन के शावक होने से वन विभाग के अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. आने वाले दिनों में बाघिन के नए शावक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेंगे. बाघिन रानी ने एक सफेद शावक और दो गोल्डन शावकों को जन्म दिया है.
पांच साल बाद जन्मे शावक: इससे पहले 2019 में बाघिन रंभा ने दो शावकों को जन्म दिया था. लेकिन दोनों शावकों की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी. अब 5 साल बाद बाघिन रानी ने 3 शावकों को जन्म दिया है. वन्यजीवों की सफल ब्रीडिंग के मामले में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का नाम उभरता जा रहा है. वुल्फ के सफल प्रजनन के मामले में भी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क सबसे ऊपर है. पिछले दिनों भालू ने भी बच्चों को जन्म दिया था.
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गर्मी से बचाव की विशेष व्यवस्थाएं: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. वन्यजीवों के एंक्लोजर्स में कूलर, डक्टिंग और फव्वारें लगाए गए हैं. इससे वन्यजीवों के आसपास का वातावरण ठंडा बना रहता है. वहीं गर्मी के मौसम को देखते हुए खान-पान में भी बदलाव किया गया है. वन्यजीवों को पानी में ग्लूकोज भी पिलाई जा रही है.