सवाई माधोपुर. रणथंभौर नेशनल पार्क में रविवार को रणथंभौर के प्रसिद्ध टाइगर T-58 की मृत्यु हो गई. बाघ की अचानक हुई मौत से वन्यजीव प्रेमी स्तब्ध हैं. सूचना के बाद रणथंभौर के वन विभाग में भी हड़कंप मच गया. वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ टी- 58 का शव अपने कब्जे में लिया और राज बाग नाका चौकी पहुंचाया. यहां सोमवार को मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पशु चिकित्सकों के मुताबिक प्रथम दृष्टया टाइगर की मौत हृदयाघात से हुई है. पशु चिकित्सकों का कहना है कि जहर व अन्य कारणों की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. शव का विसरा लिया गया है. इसे जांच के लिए बरेली एवं भरतपुर की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही टी- 58 की मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा.
उप वन संरक्षक मानस सिंह ने बताया कि रविवार को टाइगर टी- 58 का मूवमेंट हिंदवाड गांव के नजदीक था. इस दौरान उसने एक भैंस का भी शिकार किया था. थोड़ी देर बाद हिंदवाड़ गांव के नजदीक ही एक खेत में टाइगर टी 58 मृत पाया गया. उसकी उम्र साढ़े तेरह वर्ष थी. मौके पर लोगों की भीड़ भी जमा हो गई थी. सूचना पाकर वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और टाइगर का शव कब्जे में लिया.
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टाइगर का सोमवार को राजबाग नाका चौकी पर मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाया गया. यहां पोस्टमार्टम के दौरान प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक से टाइगर की मौत की पुष्टि हुई है, हालांकि मेडिकल बोर्ड द्वारा विसरा लेकर जांच रिपोर्ट के लिए प्रयोगशाला को भेजा गया है.
मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर राजीव गर्ग, डॉ अंजलि गंगवाल एवं डॉक्टर सीपी मीना ने टाइगर का पोस्टमार्टम किया.पोस्टमार्टम करने के बाद टाइगर के शव का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार किया गया. पोस्टमार्टम के दौरान रणथंभौर के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अनूप के आर,उप वन संरक्षक मानस सिंह,रेंजर विष्णु गुप्ता,SDM अनिल चौधरी, शहर चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.