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बाघ को भा गए मलीहाबादी आम के बाग; कैद करने में लगे 12 ट्रैप कैमरे, 2 पिंजरे और थर्मल ड्रोन कैमरा - TIGER IN LUCKNOW

बाघ ने आम के क्षेत्र को अपना सुरक्षित ठिकाना भी बना लिया है. जिससे ग्रामीण दहशत में है.

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आम के बागान में बाघ की चहलकदमी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ: पिछले तीन सप्ताह से बाघ ने मलीहाबाद के बागों को अपना आशियाना बना लिया है. इससे पहले भी बाघ आम के बागानों में आ चुका है. वन विभाग की टीम जिसको बड़ी बिल्ली समझ रहे थे, वह बाघ निकला. बाघ के पगचिह्न लगातार मिल रहे है. बाघ अभी तक दो नीलगायों का शिकार कर चुका है. लगातार बाघ जंगल से सटे गांवो के बाहर चहलकदमी कर रहा है, जिससे ग्रामीण दहशत में है. बाघ के डर से खेतों में काम नहीं ही हो रहा है. शाम होते ही सभी अपने घरों में दुबक जा रहे है. परिजन बच्चो को स्कूल नहीं भेज रहे है. डर का माहौल इस तरह बन गया है, कि लोग मंदिर में दर्शन के लिए भी नहीं पहुच रहे है.

बाघ को भा गए मलीहाबाद आम के बागान :वैसे तो मलिहाबाद विश्व पटल पर अपनी पहचान दशहरी को लेकर बनाए हुए हैं. लेकिन, वर्तमान समय में जंगलों का राजा बाघ जिसकी दस्तक मलिहाबाद की आम बागानों के बीच बनी हुई है. यही नहीं बाघ ने आम के क्षेत्र को अपना सुरक्षित ठिकाना भी बना लिया है. पिछले तीन सप्ताह से वह क्षेत्र भर के बागों में टहल कर रहा है. फल पट्टी क्षेत्र में सन्नाटा होने के कारण बाघ ने आम के हरे-भरे बागानों को अपना आशियाना बना लिया है, जबकि इन आम के बागानों में इससे पहले भी वर्ष 2012 में बाघ आ गया था. जो लगभग 103 दिनों तक आम के बागानों में घूम रहा था. बड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने इस बाघ को पकड़ा था.

आम के बागान में बाघ की चहलकदमी, किसानों ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें - लखनऊ में बाघ की दहाड़ से दहशत में ग्रामीण, खेत में पैरों के निशान मिलने का दावा - LUCKNOW TIGER ROARING IN VILLAGE

बाघ की दहशत से ग्रामीण घरों में कैद : रहमान खेड़ा के जंगलों में रह रहे बाघ से जंगल से सटे दर्जनों गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. ईटीवी की टीम उन्ही रहमान खेड़ा से सटे गांव में पहुंची और वहां मौजूद लोगों से बाघ के बारे में जानकारी ली. राम गोपाल यादव (चौकिदार)ने बताया, कि आज सुबह मीठेंनगर से सटे जंगल के किनारे बागों में बाघ के पंजों के निशान दिखाई दिए है. रात में चौकीदारी कर रहे चौकीदार ने उनको बताया कि आज रात में उन्होंने बाघ की दहाड़ सुनी थी. सभी लोग दहशत में है. शाम होते ही सभी घरों में कैद हो जाते है. बच्चे स्कूल जाने से डर रहे है. गुंजल लाल ने बताया, कि वह पेशे से मजदूर है. जब से बाघ आया है, उन्होंने खेतो की तरफ जाना छोड़ दिया है. अगर खेतो की ओर कोई जाता है तो बाघ की आवाज सुनकर सभी वापस लौट आते है.

डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया, कि बाघ की तस्वीर सामने आने के बाद वन विभाग की टीम पूरे इलाके में लगातार गश्त कर रही है. ग्रामीणों को सतर्क करने की सलाह दी गई है. रात में बाहर जाने बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए अलर्ट किया गया है. गांव वाले भी अपने स्तर से निगरानी में लगे हुए हैं. वन विभाग की टीम लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. बाघ को ट्रैक करने के लिए 12 ट्रैप कैमरे और दो पिंजरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही थर्मल ड्रोन कैमरा से भी निगरानी की जा रही है. विभाग की टीम ने रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में लोगों से कहा है, कि समूह में एकत्र होकर ही निकलेसूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के बाद घरों से निकलने से बचें और मवेशियों को सुरक्षित बाड़े में बंद रखे. बच्चों को भी अकेले घर से न निकलने दें.

यह भी पढ़ें - कानपुर चिड़ियाघर में सर्दी का सितम: बाघ, तेंदुआ और शेर ताप रहे हीटर, गर्मी के लिए खा रहे बादाम और अखरोट - KANPUR ZOO

लखनऊ: पिछले तीन सप्ताह से बाघ ने मलीहाबाद के बागों को अपना आशियाना बना लिया है. इससे पहले भी बाघ आम के बागानों में आ चुका है. वन विभाग की टीम जिसको बड़ी बिल्ली समझ रहे थे, वह बाघ निकला. बाघ के पगचिह्न लगातार मिल रहे है. बाघ अभी तक दो नीलगायों का शिकार कर चुका है. लगातार बाघ जंगल से सटे गांवो के बाहर चहलकदमी कर रहा है, जिससे ग्रामीण दहशत में है. बाघ के डर से खेतों में काम नहीं ही हो रहा है. शाम होते ही सभी अपने घरों में दुबक जा रहे है. परिजन बच्चो को स्कूल नहीं भेज रहे है. डर का माहौल इस तरह बन गया है, कि लोग मंदिर में दर्शन के लिए भी नहीं पहुच रहे है.

बाघ को भा गए मलीहाबाद आम के बागान :वैसे तो मलिहाबाद विश्व पटल पर अपनी पहचान दशहरी को लेकर बनाए हुए हैं. लेकिन, वर्तमान समय में जंगलों का राजा बाघ जिसकी दस्तक मलिहाबाद की आम बागानों के बीच बनी हुई है. यही नहीं बाघ ने आम के क्षेत्र को अपना सुरक्षित ठिकाना भी बना लिया है. पिछले तीन सप्ताह से वह क्षेत्र भर के बागों में टहल कर रहा है. फल पट्टी क्षेत्र में सन्नाटा होने के कारण बाघ ने आम के हरे-भरे बागानों को अपना आशियाना बना लिया है, जबकि इन आम के बागानों में इससे पहले भी वर्ष 2012 में बाघ आ गया था. जो लगभग 103 दिनों तक आम के बागानों में घूम रहा था. बड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने इस बाघ को पकड़ा था.

आम के बागान में बाघ की चहलकदमी, किसानों ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat)

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बाघ की दहशत से ग्रामीण घरों में कैद : रहमान खेड़ा के जंगलों में रह रहे बाघ से जंगल से सटे दर्जनों गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. ईटीवी की टीम उन्ही रहमान खेड़ा से सटे गांव में पहुंची और वहां मौजूद लोगों से बाघ के बारे में जानकारी ली. राम गोपाल यादव (चौकिदार)ने बताया, कि आज सुबह मीठेंनगर से सटे जंगल के किनारे बागों में बाघ के पंजों के निशान दिखाई दिए है. रात में चौकीदारी कर रहे चौकीदार ने उनको बताया कि आज रात में उन्होंने बाघ की दहाड़ सुनी थी. सभी लोग दहशत में है. शाम होते ही सभी घरों में कैद हो जाते है. बच्चे स्कूल जाने से डर रहे है. गुंजल लाल ने बताया, कि वह पेशे से मजदूर है. जब से बाघ आया है, उन्होंने खेतो की तरफ जाना छोड़ दिया है. अगर खेतो की ओर कोई जाता है तो बाघ की आवाज सुनकर सभी वापस लौट आते है.

डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया, कि बाघ की तस्वीर सामने आने के बाद वन विभाग की टीम पूरे इलाके में लगातार गश्त कर रही है. ग्रामीणों को सतर्क करने की सलाह दी गई है. रात में बाहर जाने बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए अलर्ट किया गया है. गांव वाले भी अपने स्तर से निगरानी में लगे हुए हैं. वन विभाग की टीम लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. बाघ को ट्रैक करने के लिए 12 ट्रैप कैमरे और दो पिंजरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही थर्मल ड्रोन कैमरा से भी निगरानी की जा रही है. विभाग की टीम ने रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में लोगों से कहा है, कि समूह में एकत्र होकर ही निकलेसूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के बाद घरों से निकलने से बचें और मवेशियों को सुरक्षित बाड़े में बंद रखे. बच्चों को भी अकेले घर से न निकलने दें.

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