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शातिर ठग चढ़ा पुलिस के हत्थे, रुपयों से बहन का भरा था राजशाही मायरा, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे - Jaiupr Fraud

Fraud Accused Arrested, जयपुर पुलिस ने 25 लाख रुपये की ठगी के मामले में शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. ठगी के रुपयों से बहन का राजशाही मायरा भरा था.

Thug was Caught by the Police
शातिर ठग चढ़ा पुलिस के हत्थे (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 17, 2024, 10:27 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने 25 लाख रुपये की ठगी के मामले में एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को आरोपी मामराज गोदारा को गिरफ्तार किया है. गैंग के अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है. ठग गिरोह पीड़ित को अपने जाल में फंसाने के लिए अन्य राज्यों के लोगों के नाम से जारी सिम का उपयोग करते थे. व्यापारी लोगों को व्यापारिक आडतिया और अन्य व्यापार की बातें शेयर करके अपने जाल में फंसाते थे.

गिरोह का बीकानेर में मुख्य अड्डा है. आरोपियों ने पीड़ित से 25 लाख रुपये ठग लिए थे. बार-बार सिम नंबर और मोबाइल को बदल-बदल कर लोगों को ठगी का शिकार बने रहे थे. गिरफ्तार आरोपी के पास ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार निवासी लोगों की करीब सैकड़ों सिम कार्ड और मोबाइल फोन होना सामने आया है. आरोपी ने ठगी की राशि से अपनी बहन के राजशाही मायरा भरा था.

पढ़ें : सनसनीखेज : लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला ! विवाहिता शादी के दो महीने बाद पिता के घर आई थी - Married Woman Death

डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा के मुताबिक 24 मई को परिवादी बाबूलाल शर्मा ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि बेटी को मुंबई में फ्लैट खरीदना था. उसके लिए रुपये हस्तांतरित करने थे. विजय शर्मा नाम के व्यक्ति ने पैसा स्थानांतरित करने के लिए कहा कि बैंक में आपका पैसा लग जाएगा. मैं तीन-चार घंटे में पैसे हस्तांतरित करवा दूंगा. पीड़ित ने आरोपी के बताए अनुसार दूसरी जगह भेजने के लिए 25 लाख रुपये दे दिए. इसके बाद आरोपी फोन स्विच ऑफ करके फरार हो गए.

पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि दोनों आरोपियों का नाम और मोबाइल नंबर गलत है. आरोपियों की ओर से असम, ओडिशा और बिहार की सिम अन्य लोगों के नाम से जारी करवा कर इस्तेमाल की गई थी. स्वयं के नाम से जारी ओरिजिनल सिम का प्रयोग ठगी के लिए कभी नहीं किया. फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग लोगों को फंसाने के लिए करते थे. दो नामजद समेत तीन लोगों की तकनीकी विश्लेषण के आधार पर सूचना एकत्रित करके पहचान की गई. पुलिस ने सोमवार को आरोपी मामराज गोदारा को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया, जहां से पुलिस रिमांड पर लिया गया है. गैंग के अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है, जिनकी तलाश की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक ठग गिरोह में एक राजाराम नाम का ठग है, जिसने कुछ समय पहले हवाला का कार्य किया था. इसके पास कई व्यापारियों के नंबर उपलब्ध थे. हवाला का कार्य छोड़कर फर्जी सिम कार्ड और मोबाइल का अरेंजमेंट का काम करने लगा. इसके बाद मामराज को फर्जी सिम कार्ड और मोबाइल उपलब्ध करवाकर व्यापारियों के नंबर दे दिए. विजय सिंह नाम के व्यक्ति को व्यापारियों से रुपये लेकर आने के लिए अपने साथ शामिल कर लिया. व्यापारियों से मामराज मोबाइल पर बातें करता रहता था. रुपये दूसरी जगह भेजने के नाम पर व्यापारियों को विश्वास में लेकर रकम विजय सिंह को दिलवा देता था. इसके बाद सभी अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ करके फरार हो जाते थे. ठगी की रकम का आपस में बंटवारा कर लेते थे. पुलिस की स्पेशल टीम ने तकनीकी आधार पर सैकड़ों मोबाइल नंबरों का एनालिसिस करके आरोपियों को चिन्हित किया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

जयपुर. राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने 25 लाख रुपये की ठगी के मामले में एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को आरोपी मामराज गोदारा को गिरफ्तार किया है. गैंग के अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है. ठग गिरोह पीड़ित को अपने जाल में फंसाने के लिए अन्य राज्यों के लोगों के नाम से जारी सिम का उपयोग करते थे. व्यापारी लोगों को व्यापारिक आडतिया और अन्य व्यापार की बातें शेयर करके अपने जाल में फंसाते थे.

गिरोह का बीकानेर में मुख्य अड्डा है. आरोपियों ने पीड़ित से 25 लाख रुपये ठग लिए थे. बार-बार सिम नंबर और मोबाइल को बदल-बदल कर लोगों को ठगी का शिकार बने रहे थे. गिरफ्तार आरोपी के पास ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार निवासी लोगों की करीब सैकड़ों सिम कार्ड और मोबाइल फोन होना सामने आया है. आरोपी ने ठगी की राशि से अपनी बहन के राजशाही मायरा भरा था.

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डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा के मुताबिक 24 मई को परिवादी बाबूलाल शर्मा ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि बेटी को मुंबई में फ्लैट खरीदना था. उसके लिए रुपये हस्तांतरित करने थे. विजय शर्मा नाम के व्यक्ति ने पैसा स्थानांतरित करने के लिए कहा कि बैंक में आपका पैसा लग जाएगा. मैं तीन-चार घंटे में पैसे हस्तांतरित करवा दूंगा. पीड़ित ने आरोपी के बताए अनुसार दूसरी जगह भेजने के लिए 25 लाख रुपये दे दिए. इसके बाद आरोपी फोन स्विच ऑफ करके फरार हो गए.

पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि दोनों आरोपियों का नाम और मोबाइल नंबर गलत है. आरोपियों की ओर से असम, ओडिशा और बिहार की सिम अन्य लोगों के नाम से जारी करवा कर इस्तेमाल की गई थी. स्वयं के नाम से जारी ओरिजिनल सिम का प्रयोग ठगी के लिए कभी नहीं किया. फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग लोगों को फंसाने के लिए करते थे. दो नामजद समेत तीन लोगों की तकनीकी विश्लेषण के आधार पर सूचना एकत्रित करके पहचान की गई. पुलिस ने सोमवार को आरोपी मामराज गोदारा को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया, जहां से पुलिस रिमांड पर लिया गया है. गैंग के अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है, जिनकी तलाश की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक ठग गिरोह में एक राजाराम नाम का ठग है, जिसने कुछ समय पहले हवाला का कार्य किया था. इसके पास कई व्यापारियों के नंबर उपलब्ध थे. हवाला का कार्य छोड़कर फर्जी सिम कार्ड और मोबाइल का अरेंजमेंट का काम करने लगा. इसके बाद मामराज को फर्जी सिम कार्ड और मोबाइल उपलब्ध करवाकर व्यापारियों के नंबर दे दिए. विजय सिंह नाम के व्यक्ति को व्यापारियों से रुपये लेकर आने के लिए अपने साथ शामिल कर लिया. व्यापारियों से मामराज मोबाइल पर बातें करता रहता था. रुपये दूसरी जगह भेजने के नाम पर व्यापारियों को विश्वास में लेकर रकम विजय सिंह को दिलवा देता था. इसके बाद सभी अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ करके फरार हो जाते थे. ठगी की रकम का आपस में बंटवारा कर लेते थे. पुलिस की स्पेशल टीम ने तकनीकी आधार पर सैकड़ों मोबाइल नंबरों का एनालिसिस करके आरोपियों को चिन्हित किया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

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