देहरादून: शासन में सचिवालय प्रशासन का एक तबादला आदेश सचिवालय कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल सचिवालय प्रशासन ने तबादला सत्र समाप्त होने से ठीक पहले अनुभाग अधिकारी विजय ममगाईं को श्रम की जिम्मेदारी दी है. वहीं अब तक श्रम विभाग में अनुभाग अधिकारी के तौर पर काम कर रहीं आशा कांडपाल को हटाया गया है.
आशा कांडपाल 2023 में बनी थीं श्रम विभाग में अनुभाग अधिकारी: श्रम विभाग में अनुभाग अधिकारी आशा कांडपाल को फरवरी 2023 में ही ये जिम्मेदारी दी गई थी. ठीक 1 साल बाद फरवरी 2024 में उन्हें इस जिम्मेदारी से हटाते हुए गृह विभाग भेज दिया गया था. तब भी उनके तबादले पर विवाद हो गया था और बेहद कम समय में उन्हें इस जिम्मेदारी से हटाए जाने के कारण उस समय हुए आदेश को कैंसिल कर दिया गया था. लेकिन करीब 6 महीने बाद एक बार फिर आशा कांडपाल को फिर से स्थानांतरित करते हुए उच्च शिक्षा विभाग में भेज दिया गया है.
शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग में सेवाएं दे चुकी हैं आशा कांडपाल: सवाल उठ रहा है कि जब करीब 6 महीने पहले ही आशा कांडपाल के तबादले के आदेश को कैंसिल करते हुए उन्हें श्रम विभाग में बनाए रखा गया, तो फिर अब 6 महीने में फिर से उन्हें क्यों हटाया गया. इस तरह देखा जाए तो फरवरी 2023 में श्रम विभाग में तैनाती का आदेश और फिर दो दूसरे आदेश उनको लेकर हो चुके हैं. हालांकि अभी आशा कांडपाल ने चार्ज नहीं छोड़ा है और गैरसैण विधानसभा सत्र के कारण अभी विभागीय सचिव मौजूद न होने के कारण SO विजय ममगाई चार्ज नहीं ले पाए हैं. इससे पहले आशा कांडपाल शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग में भी कई सालों तक सेवाएं दे चुकी हैं.
कई सालों तक कार्मिक विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके विजय ममगाई: दूसरी तरफ अनुभाग अधिकारी विजय ममगाई कई सालों तक कार्मिक विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इसके अलावा खनन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग में भी विजय ममगाईं रहे हैं. अब तक अहम जिम्मेदारियों पर रहे विजय ममगाईं को कार्मिक अनुभाग के पद से हटाने के बाद उच्च शिक्षा में भेजा गया था. अभी कुछ समय ही बीता है कि अब उन्हें श्रम विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. खास बात यह है कि इसको लेकर सचिवालय के कर्मचारियों में भी हंगामा की स्थिति बनी हुई है. हालांकि इस मामले में सचिवालय कर्मी मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं.
सचिवालय संघ के अध्यक्ष बोले मामले पर चल रहा विचार: सचिवालय संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने बताया कि इस मामले पर फिलहाल अभी विचार किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सचिवालय संघ की मांग सचिवालय में पारदर्शी तबादला नीति लागू करवाने की रही है और इसको लेकर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा गया था. जहां तक सिंगल तबादला करने की बात है तो इसको फिलहाल संघ की तरफ से देखा जा रहा है और इसकी पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही संघ इस पर निर्णय लेगा.
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