जोधपुर. संभाग के फलोदी जिले में 2012 में एक फैक्ट्री में हुई मुनीम की हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 12 साल पहले हुई इस हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए जोधपुर पुलिस रेंज के आईजी विकास कुमार के निर्देशन में ऑपरेशन 'लल्लन टॉप' चलाया गया. आरोपियों पर 1 लाख 20 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था.
बुधवार को आईजी विकास कुमार ने प्रेस वार्ता में पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि इन आरोपियों की तलाश में पुलिस के जवानों को तेलंगाना, ओडिशा, बिहार और पंजाब में कई दिनों तक मशक्कत करनी पड़ी. तब कहीं जाकर हत्यारों तक पहुंच पाए. आरोपियों पर 1 लाख 20 हजार का इनाम भी घोषित हो रखा है. आईजी विकास कुमार ने इस ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की हौंसला अफजाई की. उन्हें पारितोषिक दिलाने की भी बात कही. इस मौके पर फलोदी एसपी पूजा अवाना भी मौजूद रही.
मोबाइल नंबर और फोटो तक नहीं थे आरोपियों के: दिसंबर 2012 में फलोदी के खिंचन में एक सोनामुखी फैक्ट्री में काम करने वाले मुनीम कोजाराम की वहां मजदूरी करने वाले लालदेव, उदय और नरेश ने मोटी रकम के लालच में हत्या कर फैक्ट्री में बोरों के बीच में छुपा दिया था. लालदेव और उदय सगे भाई हैं, नरेश रिश्ते का भाई है. तीनों को वहां से सिर्फ डेढ़ लाख रुपए ही मिले.
फलोदी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया. लेकिन तीनों आरोपियों के कोई मोबाइल नंबर और हुलिया फोटो नहीं था. फिर भी पुलिस उनके बिहार स्थित घर पर कई बार दबिश देने गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. पुलिस को हाल ही में एक पुख्ता सूचना मिली थी कि दो आरोपियों की मां का निधन हुआ है. इस पर पुलिस की टीम सक्रिय हुई और वहां पहुंची. लेकिन आरोपी अपनी मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल होने नहीं आए.
घर की देखरेख करने वाले से मिले सुराग: पुलिस की टीम जब बिहार, मुजफ्फरपुर जिले के काटी गांव में आरोपियों के घर के पास रही, तो पता चला कि एक व्यक्ति है जो पूरे घर की व्यवस्था संभाल रखा था. उसके मोबाइल नंबर से पुलिस ने ट्रैकिंग करना शुरू किया. तो पंजाब, तेलंगाना, उड़ीसा से बातचीत होने की जानकारी पुलिस को मिली. इसके बाद पुलिस की टीमों ने गहन विश्लेषण किया, तो एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती गई.
कोई बना पशुपालक, कोई मजदूर, किसीने बेचे नारियल: आईजी ने बताया कि पूरे ऑपरेशन में फलोदी एसपी और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. पंजाब में लुधियाना जाने पर पुलिस को पता चला कि धान की कटाई के ठेके आरोपी लेता है. वहां पर किसान बनकर पुलिसकर्मी रहे और जानकारी जुटाई. एक आरोपी पटना में बहिता में कंस्ट्रक्शन साइट पर सरिया का काम करता था. उसकी जानकारी मिलने पर कुछ पुलिसकर्मी मजदूर बनकर उस साइट पर गए. पंजाब के लुधियाना में एक आरोपी ने अपना परिवार सेटल कर दिया. लेकिन वह ज्यादातर समय तेलंगाना में अपने साथी के साथ रहता था. उनकी तलाश में सब इंस्पेक्टर प्रमित चौहान ने वहां पर जाकर नारियल का ठेला लगाया.
फलोदी सट्टा बाजार की बात से हुआ अंदेशा: जोधपुर पुलिस की टीम जब तेलंगाना में आरोपियों के आसपास थी, वह उन्हें पूरी तरह से पहचान नहीं पा रहे थे. शक होने पर उनके आसपास चुनाव की बातें शुरू की. जिसमें पार्टियों की सीटों पर सट्टे और भाव की बात हुई. इस दौरान एक आरोपी ने फलोदी की बात पर कहा कि राजस्थान में फलोदी में सबसे बड़ा सट्टा होता है. चुनाव को लेकर वहां का सट्टा बाजार परिणाम जारी करता है. इस पर पुलिस को पुख्ता यकीन हो गया कि यही आरोपी है. क्योंकि वो 6 माह तक फलोदी के खींचन में रह चुके थे. जहां से हत्या कर आरोपी भागे थे. पुलिस ने पटना ने नजदीक बहिता से उदय को गिरफ्तार किया. जबकि तेलगाना के अश्वरावपेटा से लालदेव और नरेश को पकड़ा.
इसलिए नाम 'लल्लन टॉप': आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी लालदेव, उदय और नरेश से लल्लन नाम बनाया. इस मामले में पुलिस के कार्य क्षेत्र में शामिल तेलंगाना, ओडिसा और पंजाब से टॉप बनाया. इस तरह से 'लल्लन टॉप' ऑपरेशन की रचना हुई. उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन पुलिस किस तरह से ऐसे मामलों में चैलेंज लेकर काम करती है, यह भी सामने आना जरूरी है.