देहरादून: उत्तराखंड में मास्टर प्लान और भू उपयोग को लेकर बड़ा खेल होने की शिकायत के बाद हर कोई हैरान है. प्रकरण के सामने आने के बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए प्रभारी चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव को हटाने के आदेश दिए थे. इसके बाद छुट्टी के दिन सचिवालय में दफ्तर खुलवाकर इस अधिकारी को हटाकर शासन में संबद्ध किए जाने के आदेश जारी हुए थे. अब मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस कमेटी में अपर सचिव आवास अतर सिंह, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी और सेवानिवृत्ति मुख्य नगर नियोजन रामगोपाल सिंह को शामिल कर जांच की जिम्मेदारी दी गई है.
शासन में सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी आदेश के तहत तीन सदस्य कमेटी प्रभारी चीफ टाउन प्लानर रहे शशि मोहन श्रीवास्तव के कार्यकाल के दौरान तैयार किए गए सभी ड्राफ्ट मास्टर प्लान और शिकायतों के बिंदुओं पर जांच करेगी. तत्कालीन चीफ टाउन प्लानर रहे शशि मोहन श्रीवास्तव पर शिकायतकर्ता द्वारा काशीपुर, रुद्रपुर और हल्द्वानी समेत दूसरी जगह पर विकास क्षेत्र में लोगों से संपर्क कर मास्टर प्लान में उनके सुविधा अनुसार भू उपयोग दर्शाने का आरोप लगा था.
यह मामला बतौर अध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में विनय शंकर पांडे के सामने भी आया था. इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को हटाने के निर्देश दिए थे. फिलहाल संबंधित अधिकारी अपर सचिव आवास के कार्यालय में संबद्ध है. मास्टर प्लान और भू उपयोग में गड़बड़ी की शिकायत के इस मामले में जांच के बाद कुछ और लोग भी शिकंजे में आ सकते हैं, जबकि अगर इस शिकायत पर गंभीर तथ्य सामने आते हैं, तो हटाए गए अधिकारी को निलंबित करने की कार्रवाई भी हो सकती है. फिलहाल प्रभारी चीफ टाउन प्लानर के तौर पर शालू थिंड काम देख रहे हैं, जिन्हें संबंधित जांच में सहयोग करने के निर्देश देते हुए सभी दस्तावेज जांच समिति को उपलब्ध कराने के आदेश हुए हैं.
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