कोटा: नेशनल हाइवे 52 पर सुकेत के नजदीक बने बीर मंडी टोल प्लाजा से बिना गुजरे ही वाहनों का टोल काटने का मामला सामने आया है. इसके अलावा जबरन वाहनों को टोल पर डाइवर्ट करने का भी मामला सामने आया है. यह शिकायत लगातार 4 से 5 दिनों से आ रही थी. जिसमें कोटा से झालावाड़ की तरफ जाने-आने वाले वाहन बिना टोल दिए सुकेत होकर आ जा रहे थे. इन वाहनों के नंबर नोट का टोल काटा जा रहा था या फिर इन्हें टोल की तरफ डायवर्ट किया जा रहा था. इस पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए टोल के कर्मचारी लाल सिंह, जयंत कुमार और रामबाबू को गिरफ्तार किया है.
सुकेत के थानाधिकारी छोटू सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले में बीते 4 से 5 दिनों से शिकायत आ रही थी. ये लड़के रोज जाकर इन लड़कों को समझा रहे थे. इसके बावजूद भी नहीं मान रहे थे. ऐसे में इन पर एक्शन लेने के लिए शांतिभंग की धाराओं में इन्हें गिरफ्तार किया है. छोटू सिंह का कहना है कि यह रामपुरा से सुकेत होकर गुजर रहे वाहनों के नंबर नोट कर रहे थे. इन वाहनों से फास्टैग के जरिए टोल भी काटा जा रहा था. इसके अलावा अन्य वाहनों को भी टोल की तरफ डायवर्ट कर उन्हें जबरन भेजा जा रहा था. इस मामले में टोल के अन्य स्टाफ को भी पाबंद किया गया है.
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कार चालकों को लग रहा था 120 का फटका: बीर मंडी टोल प्लाजा पर लाइट मोटर व्हीकल यानी कार और जीप का एक तरफ टोल 120 रुपए है. जबकि आने-जाने का टोल 180 रुपए लगता है. ऐसे में जब जबरन वाहनों को वहां भेजा जा रहा था, तो उन्हें 120 रुपए देने पड़ रहे थे. जबकि ये वाहन सीधे यहां से झालावाड़ जा सकते हैं. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल का कहना है कि इस मामले की शिकायत उन्हें भी मिली थी और इस तरह से जबरन टोल पर भेजना अनुचित है. हम इस पूरे मामले में जांच पड़ताल करवा रहे हैं. व्हीकल को कहां से गुजरना है, यह पुलिस और प्रशासन ही तय कर सकता है. कोई टोल का कर्मचारी इस तरह से नहीं कर सकता है.