अयोध्या: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जब जन्मभूमि परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की तमाम विभूतियां शामिल हो रही थीं, हनुमानगढ़ी चौराहे के पास जुटे हजारों राम भक्तों ने अपना आपा खो दिया. प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ते हुए रामभक्त सड़क पर दौड़ने लगे. इस अफरातफरी ने 6 दिसंबर 1992 की तारीख याद दिला दी. रामभक्तों की भीड़ देखकर पुलिस कर्मियों के भी हाथ-पांव फूल गए. किसी तरह बैरिकेडिंग कर राम भक्तों को रोकना पड़ा.
दोपहर के करीब 2 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम जन्मभूमि परिसर में मंच से अतिथियों को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान भगवान श्री राम की भक्ति में सराबोर और उल्लास से भरे हुए राम भक्तों का धैर्य जवाब दे गया. राम भक्त राम जन्मभूमि परिसर की तरफ जाना चाहते थे. तमाम बैरिकेड और सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए हजारों की भीड़ सड़क पर दौड़ने लगी. यह देखकर पुलिस के हाथ-पर फूल गए. तुरंत भारी पुलिस बल तैनात कर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया. फिर भी बड़ी संख्या में राम भक्त श्रद्धालु सड़क पर दौड़ते हुए रामजन्म भूमि की तरफ बढ़ने लगे. यह देख पुलिस अधिकारियों ने हाथ-पांव जोड़कर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की मनुहार की. इस पर राम भक्त मान गए और उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद दर्शन करने की बात कही. इस दौरान हर तरफ जय श्री राम का उद्घोष होता रहा.
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