रांची: महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने 21 से 50 साल की सभी महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से बहुचर्चित इस योजना की शुरुआत हो गई है. योजना के लिए 3 अगस्त से 10 अगस्त तक आवेदन लिए जाएंगे. इसके लिए पहले दिन यानी 3 अगस्त को राज्यभर के सभी वार्ड एवं अंचलों में कैंप लगाए गए. विभागीय सचिव मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर 4 बजे तक राज्यभर से 2582 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें पलामू और लातेहार में एक-एक आवेदन को स्वीकृति प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से हुई परेशानी के बावजूद राज्यभर में इसकी शुरुआत की गई. पहले दिन ही कैंपों पर बड़ी संख्या में महिलाएं आवेदन लेकर पहुंची थी. विभागीय सचिव ने कहा कि इस योजना का लाभ राज्य के 45-50 लाख महिलाओं को मिलने की उम्मीद है.
पहले दिन ही पोर्टल ने काम करना किया बंद
कैंपों पर मंईयां सम्मान योजना के तहत आवेदन जमा करने के पहले दिन ही विभागीय पोर्टल mmmsy.gov.jharkhand.in सर्वर में आई तकनीकी खराबी की वजह से काम करना बंद कर दिया. जिसके चलते प्राप्त आवेदन को अपलोड करने में भारी परेशानी हुई. इस दौरान विभाग और जैप आईटी में बने इस योजना को लेकर वार रूम के अधिकारी काफी परेशान रहे. हालांकि दोपहर 3.30 बजे इसे आंशिक रूप से ठीक कर दिया. विभागीय सचिव मनोज कुमार का कहना है कि वार रूम इस योजना को लेकर रात दिन काम करने में जुटा हुआ है. कोई भी परेशानी होने पर उसे तत्काल दूर करने की कवायद की जा रही है.
झारखंड की महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री मंईयां योजना का लाभ सिर्फ झारखंड की महिलाओं को मिलेगा. इसके लिए लाभुक को झारखंड का निवासी होना अनिवार्य होगा. महिलाओं को आवेदन के साथ-साथ आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार लिंक्ड सिंगल बैंक खाते की फोटो कॉपी देनी होगी. जिनका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है वह भी योजना का लाभ दिसंबर 2024 तक उठा सकती हैं. वैसी महिलाएं जो सरकारी नौकरी या निजी क्षेत्र में ऊंचे पद पर हैं और जिनकी इपीएफ या आयकर जमा होती है उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा. इधर, इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं में खासा उत्सुकता देखी जा रही है.
किशोरगंज की रामपति देवी ने बताया कि पहले वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन दिया था, मगर लाभ नहीं मिला. हालांकि इस बार फिर से आवेदन करेंगे. इसी तरह सोनी देवी कहती हैं कि उनका राशन कार्ड में नाम गिरीडीह है, जबकि अब वह अपने ससुराल रांची में रह रही हैं तो परेशानी है. इसके बावजूद वे आवेदन करने की कोशिश करेंगी. हालांकि विभागीय सचिव ने साफ कर दिया है ऐसे केस में भी महिलाएं इस योजना का लाभ लेने के योग्य हैं. बहरहाल विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हेमंत सरकार ने इस योजना को लाकर मास्टर कार्ड खेला है. अब देखना होगा कि इसका लाभ आनेवाले समय में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस, झामुमो और राजद को कितना मिल पाता है.
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