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दिल्ली मेट्रो में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों को ठगने वाले गिरफ्तार - unemployed youths cheaters arrested

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 16, 2024, 8:04 PM IST

नोएडा सेक्टर-49 थाना पुलिस ने दिल्ली मेट्रो व दूसरी नामी निजी कपंनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों को ठगने वाले गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

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नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली मेट्रो और नामी निजी कपंनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित सात सदस्यों को सेक्टर-49 थाने पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सलारपुर स्थित ऑफिस से चार महिलाओं सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. पुलिस सरगना सहित अन्य आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. महिलाओं को थाने से जमानत दे दी गई जबकि सरगना सहित तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है. गिरोह में एक कथित पत्रकार भी शामिल है, जो एक यूट्यूब चैनल चलाता है. इसी चैनल पर नौकरी संबंधी विज्ञापन जारी कर बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाया जाता था.

नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले सरगना सहित 7 गिरफ्तार

डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि कुछ बेरोजगार युवाओं ने अपने साथ ठगी होने की शिकायत की थी. युवकों से रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और फाइन चार्ज के रूप में तीन हजार रुपये की ठगी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर सलारपुर स्थित दफ्तर से बिजनौर के बढ़ापुर निवासी वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी, उर्फ पीयूष भाटी, इकोटेक थर्ड थानाक्षेत्र के हबीबपुर गांव निवासी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी और सूरजपुर थानाक्षेत्र के मलकपुर निवासी रोहित कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

ऑफिस में सैलरी पर काम करने वाली अनामिका सिंह, लक्ष्मी सिंह, सिखा कुशवाहा और शबा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. इनके पास से 11 मोबाइल , पांच फर्जी मोहरें, 2840 रुपये नकद, फर्जी आधार कार्ड व रिज्यूम फार्म, रजिस्ट्रेशन फार्म , नियुक्ति पत्र और तीन रजिस्टर सहित अन्य सामान बरामद हुआ है. ठगी में इस्तेमाल होने वाली दो कारों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. वसीम गिरोह का सरगना है. वसीम और रोहित चंदेला अन्य साथियों के साथ मिलकर पिछले डेढ साल से लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहे थे.

इनका एक यूट्यूब चैनल नोएडा दिल्ली जॉब के नाम से है, जिसमें आरोपी नौकरी दिलाने का भ्रामक विज्ञापन डालते थे. जिसको देखकर काफी बेरोजगार युवक और युवतियां नौकरी के लिए विभिन्न राज्यों से इनके पास आते थे. आरोपी बेरोजगार युवक और युवतियों से 100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस व 2500 से 3000 रुपये तक फाइल चार्ज/सिक्योरिटी मनी के रूप में लिए जाते थे. आरोपियों का किसी कंपनी से कोई करार नहीं है.

डीसीपी ने बताया कि इन लोगों ने कुछ मुहरें फर्जी बनवाई हैं. जिस लेटर पैड पर ये लोग मुहर लगाकर बच्चों को नियुक्ति पत्र देते हैं, वे सब फर्जी हैं. सरगना ने पूछताछ में बताया कि वह औसतन 150 लोगों के साथ हर महीने ठगी करता है और अब तक दो हजार से अधिक युवकों को ठग चुका है.

12वीं पास है गिरोह का सरगना

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि वसीम अहमद महज 12वीं पास है. 2009 में जब वह नोएडा आया तो उसने एसी मैकेनिक का काम करना शुरू किया. इसमें मुनाफा कम होने के कारण उसने बाद में यूट्यूब न्यूज चैनल खोला. फिर बीटेक छात्र रोहित चंदेला और 12वीं पास रोहित कुमार को गिरोह से इससे जोड़ा. इसके बाद तीनों मिलकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने लगे. गिरोह के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बाहर के युवक और युवतियां होते थे. ऐसा इसलिए किया जाता था कि तीन हजार रुपये के लिए दूसरे राज्यों के लोग बार-बार नोएडा नहीं आना चाहते थे. ठगी की जानकारी होने के बाद भी वे शिकायत नहीं कर पाते थे. ऑफिस में काम करते मिली महिलाओं को 10 से 15 हजार रुपये के मासिक वेतन पर नौकरी पर रखा गया था.

पैसा वापस मांगने पर मिलती थी धमकी

नौकरी न मिलने पर दूर से बेरोजगार युवक इनके पास वापस नहीं आते थे, लेकिन जो आकर इनसे अपना पैसा मांगते थे, उनके खिलाफ आरोपी सोशल मीडिया पर झूठे ट्वीट करके डरा देते थे, जिससे वह डरकर भाग जाते थे. आरोपियों के सोशल मीडिया पर चार अकाउंट हैं, जिनका इस्तेमाल पीड़ितों को धमकाने के लिए किया जाता था. जो रुपया इन्हें ठगी में मिलता था, उसे सरगना सहित अन्य तीनों बराबर में आपस में बांट लेते थे. सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद आरोपियों के पास नौकरी के लिए आई युवतियों को ठगी के लिए काम पर लगा दिया गया. इनका काम लोगों को कॉल करना और साक्षात्कार लेकर चयन करना था. वसीम अहमद के पास से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है, जो वह अपने पास पहचान छुपाने के लिए रखता था.

ये भी पढ़ें: नोएडा: विदेश में नौकरी के नाम पर 1200 बेरोजगार युवकों से करोड़ों की ठगी, 11 गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली मेट्रो और नामी निजी कपंनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित सात सदस्यों को सेक्टर-49 थाने पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सलारपुर स्थित ऑफिस से चार महिलाओं सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. पुलिस सरगना सहित अन्य आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. महिलाओं को थाने से जमानत दे दी गई जबकि सरगना सहित तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है. गिरोह में एक कथित पत्रकार भी शामिल है, जो एक यूट्यूब चैनल चलाता है. इसी चैनल पर नौकरी संबंधी विज्ञापन जारी कर बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसाया जाता था.

नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले सरगना सहित 7 गिरफ्तार

डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि कुछ बेरोजगार युवाओं ने अपने साथ ठगी होने की शिकायत की थी. युवकों से रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और फाइन चार्ज के रूप में तीन हजार रुपये की ठगी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर सलारपुर स्थित दफ्तर से बिजनौर के बढ़ापुर निवासी वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी, उर्फ पीयूष भाटी, इकोटेक थर्ड थानाक्षेत्र के हबीबपुर गांव निवासी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी और सूरजपुर थानाक्षेत्र के मलकपुर निवासी रोहित कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

ऑफिस में सैलरी पर काम करने वाली अनामिका सिंह, लक्ष्मी सिंह, सिखा कुशवाहा और शबा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. इनके पास से 11 मोबाइल , पांच फर्जी मोहरें, 2840 रुपये नकद, फर्जी आधार कार्ड व रिज्यूम फार्म, रजिस्ट्रेशन फार्म , नियुक्ति पत्र और तीन रजिस्टर सहित अन्य सामान बरामद हुआ है. ठगी में इस्तेमाल होने वाली दो कारों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. वसीम गिरोह का सरगना है. वसीम और रोहित चंदेला अन्य साथियों के साथ मिलकर पिछले डेढ साल से लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहे थे.

इनका एक यूट्यूब चैनल नोएडा दिल्ली जॉब के नाम से है, जिसमें आरोपी नौकरी दिलाने का भ्रामक विज्ञापन डालते थे. जिसको देखकर काफी बेरोजगार युवक और युवतियां नौकरी के लिए विभिन्न राज्यों से इनके पास आते थे. आरोपी बेरोजगार युवक और युवतियों से 100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस व 2500 से 3000 रुपये तक फाइल चार्ज/सिक्योरिटी मनी के रूप में लिए जाते थे. आरोपियों का किसी कंपनी से कोई करार नहीं है.

डीसीपी ने बताया कि इन लोगों ने कुछ मुहरें फर्जी बनवाई हैं. जिस लेटर पैड पर ये लोग मुहर लगाकर बच्चों को नियुक्ति पत्र देते हैं, वे सब फर्जी हैं. सरगना ने पूछताछ में बताया कि वह औसतन 150 लोगों के साथ हर महीने ठगी करता है और अब तक दो हजार से अधिक युवकों को ठग चुका है.

12वीं पास है गिरोह का सरगना

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि वसीम अहमद महज 12वीं पास है. 2009 में जब वह नोएडा आया तो उसने एसी मैकेनिक का काम करना शुरू किया. इसमें मुनाफा कम होने के कारण उसने बाद में यूट्यूब न्यूज चैनल खोला. फिर बीटेक छात्र रोहित चंदेला और 12वीं पास रोहित कुमार को गिरोह से इससे जोड़ा. इसके बाद तीनों मिलकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने लगे. गिरोह के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बाहर के युवक और युवतियां होते थे. ऐसा इसलिए किया जाता था कि तीन हजार रुपये के लिए दूसरे राज्यों के लोग बार-बार नोएडा नहीं आना चाहते थे. ठगी की जानकारी होने के बाद भी वे शिकायत नहीं कर पाते थे. ऑफिस में काम करते मिली महिलाओं को 10 से 15 हजार रुपये के मासिक वेतन पर नौकरी पर रखा गया था.

पैसा वापस मांगने पर मिलती थी धमकी

नौकरी न मिलने पर दूर से बेरोजगार युवक इनके पास वापस नहीं आते थे, लेकिन जो आकर इनसे अपना पैसा मांगते थे, उनके खिलाफ आरोपी सोशल मीडिया पर झूठे ट्वीट करके डरा देते थे, जिससे वह डरकर भाग जाते थे. आरोपियों के सोशल मीडिया पर चार अकाउंट हैं, जिनका इस्तेमाल पीड़ितों को धमकाने के लिए किया जाता था. जो रुपया इन्हें ठगी में मिलता था, उसे सरगना सहित अन्य तीनों बराबर में आपस में बांट लेते थे. सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद आरोपियों के पास नौकरी के लिए आई युवतियों को ठगी के लिए काम पर लगा दिया गया. इनका काम लोगों को कॉल करना और साक्षात्कार लेकर चयन करना था. वसीम अहमद के पास से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है, जो वह अपने पास पहचान छुपाने के लिए रखता था.

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