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तीन निर्दलीय विधायकों से जुड़े मामले में सीजे की खंडपीठ में अलग-अलग मत, अब तीसरे जज सुनेंगे मामला - 3 Independent MLAs Case

Himachal Independent MLAs Case: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले में अब तीसरे जज के द्वारा सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का कहना है कि अदालत संवैधानिक संस्था को ये निर्देश नहीं दे सकती कि स्पीकर इन मामलों में कैसे फैसला करें.

Himachal Independent MLAs Case
हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 12:45 PM IST

Updated : May 8, 2024, 2:27 PM IST

अनूप रत्न, एडवोकेट जनरल, हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले में नया मोड़ आया है. बुधवार को हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का मानना था कि चूंकि विधानसभा अध्यक्ष ऊंचे संवैधानिक पद पर हैं, लिहाजा निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करना उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में है. हाईकोर्ट इस मामले में स्पीकर को कोई निर्देश नहीं दे सकता. वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ का मत था कि अदालत इस मामले में स्पीकर को निर्देश दे सकता है कि वो एक तय समय में इस्तीफा स्वीकार करें.

उल्लेखनीय है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि चूंकि स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे, लिहाजा अदालत ही उनका त्यागपत्र मंजूर कर ले. इसी पॉइंट पर सुनवाई मुख्य रूप से हो रही थी. हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायकों का ये आग्रह नामंजूर कर दिया कि अदालत ही इस्तीफा स्वीकार कर ले. वहीं, मुख्य न्यायाधीश ने स्पीकर को निर्देश देने वाले बिंदु पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सर्वोच्च संवैधानिक पद है, लिहाजा अदालत उन्हें निर्देश नहीं दे सकता. अदालत संवैधानिक संस्था को ये निर्देश नहीं दे सकती कि स्पीकर इन मामलों में कैसे फैसला करें.

तीसरे जज के पास जाएगा मामला

वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ का कहना था कि अदालत इस मामले में न्यायिक समीक्षा कर रहा है, ऐसे में हाईकोर्ट बेशक इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकता, लेकिन स्पीकर को ये निर्देश दे सकता है कि मामले का दो सप्ताह में निपटारा करे. इस तरह जब दो न्यायाधीशों में मत अलग अलग आया, इसलिए अब मामला तीसरे न्यायाधीश के पास जाएगा. मामला सुनने वाले तीसरे न्यायाधीश कौन होंगे, इसका निर्णय मुख्य न्यायाधीश करेंगे. ऐसे में अब मामला हाईकोर्ट में लंबित हो गया है.

कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय सुनाएंगे स्पीकर

वहीं, स्पीकर ने भी ये तय किया है कि जब हाईकोर्ट से मामले में पूरी तरह से कोई फैसला आ जाएगा तो वे अपना फैसला बाद में सुनाएंगे. अभी स्पीकर ने तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. अब गेंद एक तरह से पूर्ण रूप से स्पीकर के पाले में है. उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव में तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. बाद में 22 मार्च को उन्होंने अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. तीन विधायकों का नाम होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा है. स्पीकर को त्यागपत्र देने के अलावा तीनों ने राजभवन में भी अपने इस कदम की जानकारी दी हुई है. तीनों विधायक स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार न करने के खिलाफ धरना भी दे चुके हैं.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में अब 6 सीटों पर ही होगा उपचुनाव, निर्दलीय विधायकों की चुनाव लड़ने की उम्मीदों को लगा झटका

अनूप रत्न, एडवोकेट जनरल, हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से जुड़े मामले में नया मोड़ आया है. बुधवार को हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का मानना था कि चूंकि विधानसभा अध्यक्ष ऊंचे संवैधानिक पद पर हैं, लिहाजा निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करना उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में है. हाईकोर्ट इस मामले में स्पीकर को कोई निर्देश नहीं दे सकता. वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ का मत था कि अदालत इस मामले में स्पीकर को निर्देश दे सकता है कि वो एक तय समय में इस्तीफा स्वीकार करें.

उल्लेखनीय है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि चूंकि स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे, लिहाजा अदालत ही उनका त्यागपत्र मंजूर कर ले. इसी पॉइंट पर सुनवाई मुख्य रूप से हो रही थी. हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायकों का ये आग्रह नामंजूर कर दिया कि अदालत ही इस्तीफा स्वीकार कर ले. वहीं, मुख्य न्यायाधीश ने स्पीकर को निर्देश देने वाले बिंदु पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सर्वोच्च संवैधानिक पद है, लिहाजा अदालत उन्हें निर्देश नहीं दे सकता. अदालत संवैधानिक संस्था को ये निर्देश नहीं दे सकती कि स्पीकर इन मामलों में कैसे फैसला करें.

तीसरे जज के पास जाएगा मामला

वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ का कहना था कि अदालत इस मामले में न्यायिक समीक्षा कर रहा है, ऐसे में हाईकोर्ट बेशक इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकता, लेकिन स्पीकर को ये निर्देश दे सकता है कि मामले का दो सप्ताह में निपटारा करे. इस तरह जब दो न्यायाधीशों में मत अलग अलग आया, इसलिए अब मामला तीसरे न्यायाधीश के पास जाएगा. मामला सुनने वाले तीसरे न्यायाधीश कौन होंगे, इसका निर्णय मुख्य न्यायाधीश करेंगे. ऐसे में अब मामला हाईकोर्ट में लंबित हो गया है.

कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय सुनाएंगे स्पीकर

वहीं, स्पीकर ने भी ये तय किया है कि जब हाईकोर्ट से मामले में पूरी तरह से कोई फैसला आ जाएगा तो वे अपना फैसला बाद में सुनाएंगे. अभी स्पीकर ने तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. अब गेंद एक तरह से पूर्ण रूप से स्पीकर के पाले में है. उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव में तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. बाद में 22 मार्च को उन्होंने अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. तीन विधायकों का नाम होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा है. स्पीकर को त्यागपत्र देने के अलावा तीनों ने राजभवन में भी अपने इस कदम की जानकारी दी हुई है. तीनों विधायक स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार न करने के खिलाफ धरना भी दे चुके हैं.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में अब 6 सीटों पर ही होगा उपचुनाव, निर्दलीय विधायकों की चुनाव लड़ने की उम्मीदों को लगा झटका

Last Updated : May 8, 2024, 2:27 PM IST
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