प्रयागराजः संगम नगरी के नवाबगंज इलाके में श्रंगवेरपुर धाम के पास राधा कृष्ण का मंदिर है. 23 सितंबर को मंदिर का दरवाजा तोड़कर डेढ़ सौ साल पुरानी राधा-कृष्ण की मूर्ति चोर चुरा ले गया था.
मंदिर के पुजारी की तरफ से नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. केस दर्ज होने के हफ्ते बाद भी पुलिस मूर्ति को तलाश नहीं पाई. इसी बीच बुधवार की सुबह मंदिर में राधा-कृष्ण की मूर्ति को कपड़े में लपेटकर चोर रख गया. इसके साथ ही चोर ने मूर्ति के साथ एक माफीनामा लिखकर भी रखा है.
पत्र में चोर मंदिर पुजारी को संबोधित करते हुए लिखा है कि '' महाराज जी प्रणाम! मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी. अज्ञानतावश मैंने भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति गाउ घाट से चुरा लिया था. जबसे मूर्ति चुराई तब से ही बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं. मेरे बेटे की तबीयत भी बहुत खराब हो गई है. थोड़े पैसों के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है. मैंने मूर्ति को बेचने कोशिश के साथ काफी छेड़छाड़ किया है. अपनी गलती मांगते हुए मैं मूर्ति रखकर जा रहा हूं. आपसे विनती करता हूं कि मेरी गलतो माफ करते हुए भगवन को फिर से मंदिर में रखवा दिया जाए. पहचान छिपाने के लिए उसने मूर्ति को पॉलिश करा कर उसका आकार बदल दिया है. महाराज जी हमारे बाल-बच्चों का दुआ करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें'.
वहीं, मंदिर के पुजारी फलाहारी बाबा ने मूर्ति वापस आने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने बताया कि चोर और उसके घरवाले भगवान की मूर्ति चोरी होने के बाद पागल होने लगे थे, जिसके बाद चोर ने मूर्ति वापस कर दी है.राधा कृष्ण की मूर्ति चोरी करने के बाद डरे सहमे हुए चोर ने जिस तरह वापस की है, उसको लेकर इलाके में तरह तरह की चर्चाएं हो रही है. मंदिर के पुजारी फलाहारी बाबा समेत अन्य लोगों का कहना है कि मूर्ति चोरी करने वाले चोर को भगवान ने चमत्कार कर ऐसा सबक सिखाया कि उसने चोरी की हुई मूर्ति वापस कर दी है. राधा कृष्ण की चोरी हुई, जिस मूर्ति का हफ्ते भर से ज्यादा समय में पुलिस पता नहीं लगा सकी. उस मूर्ति को भगवान के डर से सहमे हुए चोर ने खुद ही वापस कर दी. वहीं पुलिस का कहना है कि चोरी का केस दर्ज किया है और चोर का पता लगाने में जुटी हुई है.